Olympic ke Kisse: साल 1932 ओलंपिक का वो हॉकी मैच, जिसमें भारतीय गोलकीपर Richard Allen दे रहे थे ऑटोग्राफ, तभी अमेरिका खिलाड़ी ने किया था गोल

Los Angeles Olympic 1932: लॉस एंजिल्स ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने गोल्ड मेडल जीता था. इस ओलंपिक में अमेरिका के खिलाफ भारत ने 24-1 से जीत हासिल की थी. ये एक रिकॉर्ड था, जो आज तक नहीं टूटा है. उस मैच में एक हैरान करने वाला वाक्या हुआ था. भारतीय गोलकीपर जब फैंस को ऑटोग्राफ दे रहे थे, तब अमेरिकी खिलाड़ी ने गोल कर दिया था.

Los Angeles Olympic 1932 (Photo/IOC)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 01 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 2:04 PM IST

पेरिस ओलंपिक 2024 में दुनियाभर के खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं. भारतीय खिलाड़ी भी अपनी प्रतिभा दिखा रहे हैं. ओलंपिक में कई बार ऐसा वाक्या हुआ है, जो यादगार बन गया है. ऐसा ही एक वाक्या भारतीय हॉकी टीम के साथ जुड़ा है. ये वाक्या साल 1932 में लॉस एंजिल्स में आयोजित ओलंपिक में हुआ था. अमेरिका के खिलाफ उस मैच में भारतीय गोलकीपर ऑटोग्राफ देने में व्यस्त हो गए थे. जिसका फायदा उठाकर अमेरिकी खिलाड़ी ने गोल दाग दिया था. हालांकि इसके बावजूद भारतीय टीम ने उस मैच में 24-1 से जीत हासिल की थी.

ऑटोग्राफ देने लगे गोलकीपर, हो गया गोल-
लॉस एंजिल्स ओलंपिक में ये मुकाबला 11 अगस्त 1932 को अमेरिका के खिलाफ खेला गया था. उस मैच में एक ऐसा वाक्या हुआ, जिसे सुनकर आज भी फैंस हैरान रह जाते हैं. मैच के दौरान भारतीय गोलकीपर रिचर्ड एलेन फैंस को ऑटोग्राफ देने लग गए थे. इसी बीच अमेरिकी खिलाड़ी ने गेंद को गोल पोस्ट में भेज दिया था. इस तरह से इस मैच में भारत के खिलाफ इकलौता गोल गोलकीपर की गलती से हुआ था.

भारत ने दर्ज की थी ऐतिहासिक जीत-
साल 1932 ओलंपिक के इस मैच में भारतीय हॉकी टीम ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी. भारतीय टीम ने 24-1 से जीत हासिल की थी. आज तक इस रिकॉर्ड को कोई नहीं तोड़ पाया है. इंटरनेशनल हॉकी में आज तक इतनी बड़ी जीत किसी भी टीम ने हासिल नहीं की है. अमेरिका की टीम ने इस पूरे मैच में सिर्फ एक गोल किया था. ये गोल भी उस समय हुआ था, जब गोलकीपर फैंस को ऑटोग्राफ देने लगे थ.


ध्यान चंद और रूप सिंह का जबरदस्त खेल-
इस मैच में ध्यान चंद और रूप सिंह ने शानदार खेल दिखाया था. रूप सिंह ने इस मैच में अकेले 10 गोल दागे थे. जबकि उनके बड़े भाई ध्यान चंद ने 8 गोल दागे थे. भारतीय टीम की तरफ से गुरमीत सिंह कुल्लर ने 5 गोल किए थे और ब्रूम पिनिगर ने एक गोल दागा था.

भारत ने जीता था गोल्ड मेडल-
साल 1932 के ओलंपिक में हॉकी में 3 टीमें आमने-सामने थीं. इसमें भारत के अलावा अमेरिका और जापान शामिल थे. इसका मतलब था कि हर टीम के लिए मेडल पहले से ही पक्का था. ओलंपिक में हर टीम को 2 मैच खेलने का मौका मिला. भारतीय टीम के खिलाफ इस ओलंपिक में सिर्फ 2 गोल हुए थे. एक गोल जापान और एक गोल अमेरिका ने किया था.

जापान के खिलाफ भारतीय हॉकी टीम ने 11-1 से जीत दर्ज की थी. इस मैच में ध्यानचंद ने 4 गोल किए थे. जबकि रूप सिंह और स्ट्राइकर गुरमीत सिंह ने 3-3 गोल किए थे. भारत ने अमेरिका के खिलाफ मैच में 24-1 से जीत हासिल की थी. इस तरह से भारत को गोल्ड मेडल मिला. जबकि जापन ने अमेरिका को 9-2 से हराकर सिल्वर मेडल जीता था. अमेरिका की टीम को ब्रॉन्ज मेडल मिला था.

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