पद्मश्री कौर सिंह: वह इकलौता भारतीय बॉक्सर जो मोहम्मद अली से लड़ा, अब बन रही है इन पर फिल्म

भारत के पूर्व-बॉक्सर और रिटायर्ड सैनिक कौर सिंह के जीवन पर आधारित फिल्म Padma Shri Kaur Singh 8 जुलाई 2022 को सिनेमाघरों में रीलीज हो रही है. फिल्म में भारतीय-कनाडाई एक्टर करम बाथ उनका किरदार निभाएंगे.

Padma Shri Kaur Singh (Photo: Twitter)
निशा डागर तंवर
  • नई दिल्ली ,
  • 08 जून 2022,
  • अपडेटेड 3:11 PM IST
  • साल 1977 में कौर सिंह ने प्रोफेशनल लेवल पर बॉक्सिंग शुरू की
  • कौर ने 1980 में मुंबई में आयोजित एशियाई मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जी

हरियाणा-पंजाब में एथलीट्स की कोई कमी नहीं है. खासकर कि रेसलर और बॉक्सर्स की. यहां बच्चे बचपन से ही कुश्ती-बॉक्सिंग करना शुरू कर देते हैं. और इन्हीं में से कुछ आगे चलकर देश-दुनिया में तिरंगे की शान बढ़ाते हैं. आज हम आपको एक ऐसे ही स्पोर्ट्स हीरो के बारे नें बता रहे हैं जिन्होंने बॉक्सिंग में देश का नाम रोशन किया. और आज एक आम किसान हैं. 

यह कहानी है अर्जुन पुरस्कार विजेता और ओलंपियन कौर सिंह की. पंजाब में संगरूर के खनाल खुर्द गांव में रहने वाले कौर सिंह एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनका बचपन आर्थिक तंगी में बीता. हालांकि, स्कूल के बाद उन्होंने भारतीय सेना में भर्ती ले ली और यहां पर उन्हें मुक्केबाजी के बारे में पता चला. 

मोहम्मद अली से किया था मुकाबला 

साल 1977 में कौर सिंह ने प्रोफेशनल लेवल पर बॉक्सिंग शुरू की. उनका बॉक्सिंग करियर ज्यादा लंबा नहीं रहा. लेकिन छोटे से करियर में उन्होंने कई मुकाम हासिल किए. साल 1979 में कौर सिंह ने सीनियर राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भाग लिया और हेवीवेट कैटेगरी में स्वर्ण पदक जीता. 

इसके बाद साल 1980 में वह पल आया, जिसे कौर सिंह अपनी आखिरी सांस तक नहीं भुला सकते हैं. कौर सिंह इकलौते भारतीय हैं जिन्हें बॉक्सिंग का बादशाह कहे जाने वाले जोरावर मोहम्मद सिंह के साथ लड़ने का मौका मिला. अपने एक इंटरव्यू में कौर सिंह ने कहा था कि भले ही मोहम्मद की लंबाई उनसे कम थी लेकिन मुक्केबाजी के गुर के मामले में कौर सिंह उनके आसपास भी नहीं थे. 

1982 में एशियाई खेलों में जीता गोल्ड

अली के साथ मुकाबले के बाद, कौर ने 1980 में मुंबई में आयोजित एशियाई मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता. उन्होंने 1982 में एशियाई खेलों में एक और स्वर्ण पदक जीता. साल 1982 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार और 1983 में पद्मश्री से नवाजा गया. कौर सिंह ने भारतीय सेना से 1988 में विशिष्ट सेवा पदक (VSM) भी ​​प्राप्त किया है. 

साल 1984 में लॉस एंजिल्स ओलंपिक में भाग लेने के बाद, उन्होंने बॉक्सिंग छोड़ दी. और अब किसान के रूप में अपना जीवन बिता रहे हैं. बहुत ही कम लोग उनके बारे में जानते हैं. यहां तक कि उनकी आर्थिक तंगी में भी भारतीय सेना ने उनका साथ दिया लेकिन अन्य किसी ने नहीं पूछा. 

अपने गांव के लिए किए काम 

कौर सिंह आज लगभग 74 साल के हैं. हाल ही में, उन्होंने केंद्र के विवादास्पद नए कृषि कानूनों के विरोध में अपने पुरस्कारों को छोड़ने का फैसला किया था. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कौर सिंह अपने गांव और किसानों के हित में काम करते रहे हैं. गांव में लोगों के बीच उनका बहुत सम्मान है. 

ग्रामीणों का कहना है कि कौर सिंह के प्रयासों से ही खनाल खुर्द में खेतों को नहर से नियमित रूप से पानी की आपूर्ति मिल रही है, और स्थानीय सरकारी स्कूल में शिक्षकों को रोजगार के अवसर मिले हैं. क्योंकि कौर सिंह इन चीजों के लिए लगातार प्रयास करते रहे. 

अब बन रही है फिल्म

अब उनके जीवन पर आधारित फिल्म, Padma Shri Kaur Singh, 8 जुलाई 2022 को रीलीज होने जा रही है. यह फिल्म पंजाबी इंडस्ट्री में बनी है. फिल्म में करम बाथ, प्रभ ग्रेवाल, मलकीत रौनी, बनिंदर बनी, सीमा कौशल, गुरप्रीत भंगू, सुखी चहल, सुखबीर गिल और राज काकरा प्रमुख भूमिकाओं में हैं. 

क्रेडिट्स की बात करें तो इस बायोपिक का लेखन और निर्देशन विक्रम प्रधान ने किया है. इसे पंजाब के अलग-अलग हिस्सों में शूट किया गया है. उम्मीद है कि इस फिल्म के आने के बाद इस महान व्यक्तित्व को उनके हिस्से का नाम और पहचान मिलेगी. 

 

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