इन जवानों के बुलंद हौसलों को सलाम : नारायण और कुलदीप ने बारूदी सुरंग में खो दिया था बायां पैर, वर्ल्ड रोइंग कप में बढ़ाया देश का मान

नारायण के और कुलदीप सिंह(Narayana K and Kuldeep Singh)की जोड़ी 7:33.35 के समय के साथ PR3 M2- में फ्रांस और यूक्रेन के रोवर्स के बाद तीसरे स्थान पर रही.

नारायण और कुलदीप ने बढ़ाया देश का मान
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 20 जून 2022,
  • अपडेटेड 12:32 PM IST
  • नारायण और कुलदीप ने बढ़ाया देश का मान
  • दोनों ने वर्ल्ड रोइंग कप में जीता कांस्य मेडल

जम्मू के नौशेरा में आतंकवाद रोधी अभियानों के दौरान नारायण और कुलदीप दोनों ने अपना बायां पैर एक बारूदी सुरंग में खो दिया था. इसका मतलब था कि अब उन्हें अपने खेलों को बदलना होगा. नारायण के कैनोइस्ट थे जबकि कुलदीप सिंह इस हादसे से पहले वॉलीबॉल खेलते थे. 

दोनों ने पैरा-रोइंग कमीशन, रोइंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (RFI) के अध्यक्ष कर्नल गौरव दत्ता की सलाह पर रोइंग में स्विच किया. इसके बाद भारतीय सेना की इस जोड़ी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. 2019 में पॉज़्नान, पोलैंड में विश्व रोइंग कप 2 में PR3 M2 में कांस्य मेडल जीतने के बाद उनके हौसले और बुलंद हो गए. 

पॉज्नान में बढ़ाया देश का मान 

इसके बाद दोनों ने उसी 2019 में ही एक बार फिर दक्षिण कोरिया के चुंगजू में एशियाई रोइंग चैंपियनशिप में एक और कांस्य पदक जीता. नारायण और कुलदीप ने इस बार विश्व कप 2022 में पॉज़्नान में भी देश का मान बढ़ाया. यह जोड़ी 7:33.35 के समय के साथ PR3 M2- में फ्रांस और यूक्रेन के रोवर्स के बाद तीसरे स्थान पर रही. 

रोइंग दिव्यांग पुरुष और महिला दोनों नाविकों के लिए खुला है, जो पैरा-रोइंग के मानदंडों को पूरा करते हैं.  पैरा-रोइंग को पहले अनुकूली रोइंग कहा जाता था और पहली बार 2002 में सेविले में विश्व रोइंग चैंपियनशिप में दौड़ लगाई गई थी. 

हादसे के बाद और बुलंद हो हौसले

आंध्र के रहने वाले 33 वर्षीय नारायण ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि वह 54वीं आरआर बटालियन में थे और 2015 में जम्मू के नौशेरा में तैनात थे. इस दौरान उनका बायां पैर खो गया था, जब वह गलती से बारूदी सुरंग पर चढ़ गए थे. 

जाट रेजीमेंट से जुड़े कुलदीप के साथ भी ऐसा ही हुआ था. हरियाणा के कुलदीप (30) ने कहा कि 2013 में गश्त के दौरान उनका बायां पैर एक बारूदी सुरंग की वजह काटना पड़ा था. 

2024 पैरालिंपिक क्वालीफाई करना चाहते हैं नारायण-कुलदीप 

दोनों अब आगामी एशियाई चैंपियनशिप में देश के लिए पदक जीतना चाहते हैं. उनके अन्य लक्ष्यों में पैरा एशियाई खेल और विश्व चैंपियनशिप शामिल हैं. कुलदीप ने कहा, "हमारा अंतिम लक्ष्य 2024 पैरालिंपिक के लिए क्वालीफाई करना है. 

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