पेरिस ओलंपिक 2024 का आगाज 26 जुलाई को होने वाला है और इसका समापन 11 अगस्त को होगा. खेलों के इस महाकुंभ में 10 हजार से अधिक एथलीट हिस्सा लेंगे. इसमें 117 एथलीटों का भारतीय दल भी शामिल है. भारतीय दल में सबसे कम उम्र की एथलीट 14 साल की धीनिधि दीसिंघु हैं. धीनिधि बेंगलुरु की रहने वाली हैं. वो महिलाओं की 200 मीटर फ्रीस्टाइल स्पर्धा में हिस्सा लेंगी. चलिए आपको भारतीय दल की सबस युवा एथलीट के बारे में बताते हैं.
भारतीय दल में सबसे कम उम्र की एथलीट-
धीनिधि देसिंघु पेरिस ओलंपिक में भारतीय दल की सबसे कम उम्र की एथलीट हैं. उनकी उम्र 14 साल है. धीनिधि को यूनिवर्सलिटी कोटा नियम (Universality Quota rule) के तहत महिलाओं की 200 मीटर फ्रीस्टाइल स्पर्धा में जगह मिली है. यूनिवर्सलिटी कोटा के तहत अधिकतम 2 खिलाड़ी शामिल हो सकते हैं. जिसमें एक महिला और एक पुरुष हो सकते हैं.
धीनिधि देसिंघु राष्ट्रीय खेलों में 7 गोल्ड मेडल जीतने वाली सबसे कम उम्र की महिला तैराक हैं. उनके नाम 200 मीटर फ्रीस्टाइल में नेशनल रिकॉर्ड दर्ज है.
3 साल की उम्र तक बोलने में दिक्कत-
एथलीट धीनिधि देसिंघु बचपन में स्वभाव से शर्मिली थी और दूसरों से बातचीत करने से डरती थी. वो अकेले रहना पसंद करती थी. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक धीनिधि 3 साल की उम्र तक बोल नहीं पाती थी. जिसके बाद पैरेंट्स ने उनको तैराकी करने के लिए प्रेरित किया. माता-पिता ने धीनिधि को तैराकी करने के लिए इसलिए प्रेरित किया, क्योंकि घर के बगल में स्वीमिंग पूल था और आने-जाने में दिक्कत नहीं थी.
तैराकी नहीं था पसंद-
धीनिधि देसिंघु शुरुआत में तैराकी नहीं करना चाहती थी. क्योंकि उनको पानी पसंद नहीं था. वो स्वीमिंग पूल में उतरना नहीं चाहती थी. उस समय उनकी उम्र 6 साल थी. एक बाद एक साल के लिए उनको समय मिल गया. एक साल बाद जब वो वापस लौटीं तो भी वो डरी हुई थीं. लेकिन उन्होंने संघर्ष किया और ये सीखा. रिपोर्ट के मुताबिक धीनिधि ने बताया कि उनसे पहले उनके माता-पिता ने तैरना सीखा था. वे पहले स्वीमिंग पूल में उतरते थ, ताकि मैं सहज महसूस कर सकूं. इस तरह से इसकी शुरुआत हुई.
प्रतियोगिता से पहले हो जाती थी बीमार-
धीनिधि देसिंघु को पानी में खुद को सहज करने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा था. इसको लेकर उनकी मां जेसिथा ने मैंगलोर में आयोजित स्टेट लेवल ओपन मीट के दौरान का एक किस्सा बताया. ये किस्सा उस समय का है, जब धीनिधि 8 साल की थीं. रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने बताया कि वो पूल में अच्छा प्रदर्शन करती है. लेकिन प्रतियोगिता में दबाव महसूस करती थी. कभी वो बुखार से पीड़ित हो जाती थी या जब वो पूल में जाती थी तो उसको उल्टी होने लगती थी. जेसिथा को चिंता होने लगी कि कहीं वो बेटी पर गैरजरूरी दबाव तो नहीं डाल रही हैं. हालांकि इसके बावजूद उन्होंने मैंगलोर का बस टिकट बुक किया.
जब जेसिथा और धीनिधि मैंगोलर पहुंचीं तो धीनिधि ने बताया कि मैं तैरना नहीं चाहती, मुझे डर लग रहा है. हालांकि दोनों को वहां पहुंचने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. इसलिए जेसिथा ने कहा कि हम सिर्फ पूल देखने जाएंगे और अगर वो पूल में उतरने के लिए तैयार नहीं होगी तो हम वापस आ जाएंगे. इसके बाद धीनिधि पूल के चारों तर घूमी और कहा कि मुझे लगता है कि मैं ये कर सकती हूं. इसके बाद धीनिधि ने उस प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता. जेसिथा ने बताया कि उसके बाद किसी प्रतियोगिता से पहले उसे बुखार या उल्टी नहीं हुई.
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