Manu Bhaker Paris Olympics Medal: पेरिस ओलंपिक में मेडल जीतने वाली मनु बनना चाहती थीं क्रिकेटर, जानिए कैसे बनीं शूटर

Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक में मनु भाकर ने शूटिंग में बॉन्ज मेडल जीता है. मनु निशानेबाजी में ओलंपिक पदक लाने वालीं महिला भारतीय महिला एथलीट हैं. मनु भाकर इससे पहले कई प्रतियोगिताओं में मेडल ला चुकी हैं. 2020 में मनु भाकर को अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था.

Manu Bhaker
ऋषभ देव
  • नई दिल्ली,
  • 28 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 7:41 PM IST

Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक(Paris Olympics) में भारत का पहला पदक आ गया है. भारतीय निशानेबाज मनु भाकर(Manu Bhaker) ने 10 मीटर एयर पिस्टल में ब्रॉन्ज मेडल जीता है. मनु भाकर ओलंपिक में निशानेबाजी में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट बन गईं हैं.

आपको बता दें कि 22 वर्षीय मनु भाकर का ओलंपिक में मेडल लाने का सपना टोक्यो ओलंपिक में टूट गया था.  खराब पिस्टल के कारण मनु भाकर भाकर को बाहर होना पड़ा था. अब पेरिस ओलंपिक में मनु भाकर ने पदक जीतकर इतिहास रच दिया है. आइए मनु भाकर के बारे में जानते हैं सब कुछ.

कौन हैं मनु भाकर?
मनु भाकर हरियाणा के झज्जर के गोरिया गांव की रहने वाली हैं. मनु का जन्म 18 फरवरी 2002 को हुआ था. मनु के पिता राम किशन भाकर मर्चेंट नेवी में काम करते हैं.

शूटिंग से पहले मनु भाकर कराटे, थांग टा, स्केटिंग, टेनिस और स्विमिंग जैसे खेलों में हाथ आजमा चुकी है. आपको बता दें कि मनु टांता में 3 बार की नेशनल चैंपियन हैं. मनु ने स्केटिंग में स्टेट मेडल जीता. इसके साथ स्कूल में स्विमिंग और टेनिस खेला करती थी.

बनना चाहती थीं क्रिकेटर

मनु भास्कर शूटिंग करने से पहले क्रिकेटर बनना चाहती थीं. मनु भाकर ने भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेन्द्र सहवाग की एकेडमी भी ज्वाइन की थी. उन्होंने एकेडमी में काफी दिनों तक क्रिकेट की कोचिंग ली. बाद में मनु ने शूटिंग करने की ठान ली.
 
शूटर बनने की कहानी
मनु भाकर एक दिन अपने पिता के साथ शूटिंग रेंज में घूम रही थी. अचानक मनु ने पिस्टल उठाई और शूटिंग करने लगी. मनु ने पहली बार में ही 10 नंबर पर निशाना लगाया. ये देखकर मनु के पिता खुश हो गए. उन्होंने मनु को शूटिंग करने की सलाह दी.

मनु भाकर ने शूटिंग की कोचिंग नेशनल कोच यशपाल राणा से ली. यशपाल राणा ने मनु भाकर को शूटिंग के गुर सिखाए. शूटिंग के उन्हीं गुरों से आज मनु भाकर देश के लिए पदक लाईं.

लंदन ओलंपिक 2012 के बाद से ओलंपिक में भारत का शूटिंग में कोई पदक नहीं आया था. मनु भाकर ने उस सूखे को खत्म कर दिया है. 

शूटिंग करियर

मनु ने 16 साल की उम्र में अपना पहला गोल्ड मेडल जीता. मनु ने 2018 आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में गोल्ड मेडल जीता.

मनु भाकर पिछले 8 साल से शूटिंग कर रही हैं. साल 2017 में मनु भाकर ने शूटिंग में इंटरनेशनल डेब्यू किया.

साल 2018 में ब्यूनस आयर्स में हुए युवा ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में मनु ने गोल्ड मेडल जीता. मनु भाकर ऐसा करने वाली पहली इंडियन शूटर बनीं.  साल 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में मनु ने गोल्ड मेडल जीता. 

टोक्यो ओलंपिक में टूटा दिल
इसके बाद तो मनु भाकर ने कई प्रतियोगिताओं में गोल्ड मेडल जीते लेकिन टोक्यो ओलंपिक 2020 में मनु का दिल टूट गया. टोक्यो ओलंपिक में मनु भाकर ने पहली सीरीज में अच्छा स्कोर किया. दूसरी सीरीज में मनु की पिस्टल खराब हो गई.

खराब पिस्टल का लीवर बदलने में मनु को काफी समय लग गया. जब तक मनु ने निशाना लगाया काफी देर हो चुकी थी. मनु फाइनल के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाईं.

मनु भाकर को साल 2020 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. पेरिस ओलंपिक में शूटिंग में पदक लाकर मनु भाकर ने इतिहास रच दिया है.

आपको बता दें कि ओलंपिक में शूटिंग में भारत का पहला पदक एथेंस ओलंपिक 2004 में राज्यवर्धन सिंह राठौर ने जीता था. इसके अलावा अलग-अलग ओलंपिक्स में अभिनव बिन्द्रा( बीजिंग ओलंपिक 2008), विजय कुमार(लंदन ओलंपिक 2012), गगन नारंग(लंदन ओलंपिक 2012) ने शूटिंग में भारत के लिए मेडल जीते हैं.

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