Super Achiever Sarah: 32 साल 29 मेडल 18 गोल्ड, पैरा-ओलंपियन ने कर दिया कमाल, जानिए बेमिसाल कहानी

Super Achiever Sarah: 18 गोल्ड मेडल सहित 29 पैरलंपिक मेडल्स के साथ, 46 वर्षीया सारा स्टोरी (Sarah Storey) अब तक की सबसे सफल और सबसे सम्मानित ब्रिटिस पैरालंपियन हैं. ग्लोबल लेवल पर भी वह सबसे ज्यादा सफल पैरालंपिक एथलीटों में से एक हैं.

Sarah Storey won her 18th paralympic gold medal (Photo: X/@lancscricket)
निशा डागर तंवर
  • नई दिल्ली ,
  • 05 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:28 AM IST
  • ब्रिटिश साइकलिस्ट सारा ने जीता 18वां पैरालंपिक गोल्ड मेडल
  • 9 पैरालंपिक खेलों में 29 मेडल जीत चुकी हैं सारा
  • 29 पैरालंपिक मेडल्स में से 18 हैं गोल्ड मेडल

"कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं हो सकता... कोई पत्थर तबियत से उछालो तो सही"- ये सिर्फ एक पंक्ति नहीं है बल्कि चंद शब्दों में छिपी प्रेरणा है जो अक्सर हम एक-दूसरे को देते हैं. जब भी लगे कि जिंदगी में चीजें गलत हो रही हैं तो समझ जाइए कि या तो मेहनत पूरी नहीं है या फिर मेहनत गलत जगह है, क्योंकि जो सही जगह, सही मेहनत करते हैं, वे आसमान में सुराख भी करते हैं और आज इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं एक ब्रिटिश पैरालंपियन- सारा स्टोरी. 

सारा का बायां हाथ पूरी तरह से विकसित नहीं, लेकिन फिर भी स्पोर्ट्स की दुनिया में उन्होंने अपना नाम स्वर्ण पदकों से ऐसे लिखा है कि आज कुंदन बना गया है. स्विमर से साइकलिस्ट बनीं सारा स्टोरी ने पेरिस पैरालंपिक 2024 के साइकलिंग इवेंट में गोल्ड मेडल जीता है. इस चैंपियन साइकलिस्ट ने पैरालंपिक्स के वीमेन्स C5 टाइम ट्रायल इवेंट में अपनी रेस 20 मिनट 22.15 सेकंड्स में पूरी की और अपने प्रतिद्वंदी को 4 सेकंड्स से हराकर  गोल्ड मेडल अपने नाम किया. 

46 साल की सारा का पैरालंपिक खेलों में यह 18वां गोल्ड मेडल है, जिनमें से 13 मेडल उन्होंने साइकलिंग के लिए जीते हैं तो पांच मेडल स्वीमिंग के लिए जीते हैं. अब ऐसे में उन्हें सबसे महान ब्रिटिश पैरा-एथलीट कहा जाए तो बिल्कुल भी गलत नहीं होगा. 

18 पैरालंपिक गोल्ड मेडल, 29 वर्ल्ड चैंपियनशिप और 77 वर्ल्ड रिकॉर्ड 
सारा ने पैरालंपिक्स में अपनी जर्नी 14 साल की उम्र में 1992 में शुरू की थी और अब तक नौ पैरालंपिक खेलों में वह 29 मेडल जीत चुकी हैं, जिनमें से 18 गोल्ड मेडल हैं. उनकी अचीवमेंट्स की लंबी लिस्ट की बात करें तो इसमें पैरालंपिक्स के अलावा और भी कई स्पोर्ट्स इवेंट शामिल होते हैं. सारा ने 29 वर्ल्ड चैंपियनशिप जीती हैं, जिसमें से 6 स्वीमिंग और 23 साइकलिंग में जीतीं. 

इसी तरह उन्होंने 21 यूरोपियन चैंपियशिप जीतीं- 18 स्वीमिंग में और बाकी साइकलिंग में. इतना ही नहीं, सारा के नाम कुल 77 वर्ल्ड रिकॉर्ड भी हैं. पैरालंपिक इतिहास में वह सबसे ज्यादा अनुभवी एथलीट्स में से एक हैं. 

एक हाथ से की दुनिया फतह 
सारा की जिंदगी के बारे में बात करें तो उनका भविष्य तभी लिखा जा चुका था, जब वह गर्भ में थी. गर्भ में उनका लेफ्ट हैंड गर्भनाल में फंस गया था, जिस कारण पूरी तरह से इसका विकास नहीं हुआ. सारा पूरी तरह से अपने दाएं हाथ पर निर्भर हैं. लेकिन इस कमी को उन्होंने कभी भी कमी की तरह नहीं लिया. बल्कि जहां उन्हें मौका मिला, उन्होंने खुद को साबित करने पर फोकस किया. 

10 साल की उम्र में उन्होंने अपना पहला स्विमिंग क्लब जॉइन किया. इसके चार साल बाद ही वह 14 की उम्र में 1992 के पैरालंपिक गेम्स के लिए सेलेक्ट हो गईं. यह किसी सपने से कम नहीं था. पहली बार पैरालंपिक्स में हिस्सा लेने वाले एथलीट्स अक्सर नर्वस हो जाते हैं और अच्छा नहीं कर पाते. लेकिन खेलों की दुनिया में सारा ने शायद सिर्फ फतह करना सीखा था. यह सफर उनके पहले पैरालंपिक से ही शुरू हो गया था, जब उन्होंने स्विमिंग इवेंट्स में छह गोल्ड, तीन सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल जीता. 

स्कूल का अकेलापन नहीं तोड़ पाया हौसला 
सारा ने बहुत कम उम्र से खुद को साबित करना शुरू कर दिया था. लेकिन उनकी इंटरनेशनल उपलब्धियां भी कुछ लोगों की छोटी सोच को ऊंचा नहीं उठा पाईं. सारा ने एक बार इंटरव्यू में बताया था कि कैसे स्कूल में उनके साथी छात्रों को उनकी अचीवमेंट्स से ज्यादा सिर्फ उनकी कमी नजर आती थी. लड़कियां उन्हें आता देख बातें करना बंद कर देती थीं, उनकी पीठ पीछे उनका मजाक बनाया जाता था. और इस मानसिक प्रताड़ना का असर उनके लाइफस्टाइल पर पड़ा. 

15 साल की उम्र में सारा को ईटिंग डिसऑर्डर हो गया. वह स्कूल में खाना नहीं खाती थीं और इसका असर उनके शरीर पर भी पड़ा. उन्होंने काफी ज्यादा वेटलॉस किया. एक नेशनल जूनियर स्वीमिंग चैंपियनशिप में किसी ने उनके पिता से इस बारे में पूछा तो उनकी फैमिली को उनकी परेशानियां पता चलीं. तब उनकी मां ने उन्हें प्रोफेशनल हेल्प दिलाई. उनके माता-पिता ने उन्हें समझाया कि आप किसी दूसरे का व्यवहार कंट्रोल नहीं कर सकते हैं. अगर कोई आपको पसंद नहीं करता तो नहीं करता और यह आपकी परेशानी नहीं है. 

स्कूल की इन परेशानियों के बावजूद सारा ने अपने गेम पर से फोकस नहीं हटाया. साल 1996 के अटलांटा पैरालंपिक्स में उन्होंने तीन गोल्ड, एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल जीता. 19 साल की उम्र से पहले ही उन्होंने पांच गोल्ड मेडल जीत लिए थे. लेकिन इसके बाद उन्हें क्रॉनिक फैटिग सिंड्रोम से जूझना पड़ा.

पानी में राह हुई मुश्किल तो आ गईं जमींन पर... 
अपनी फिजिकल हेल्थ के साथ चुनौतियों के बावजूद सारा ने साल 2000 के सिडनी गेम्स और 2004 के एथेन्स गेम्स में चार सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल जीता. लेकिन एथेन्स गेम्स में उनके कान में इंफेक्शन हो गया और नौबत यह आ गई कि अगर उन्होंने इसे नजरअंदाज किया तो वह बहरी हो सकती हैं. लेकिन बात सिर्फ कान की परेशानी की नहीं थी, अब सवाल उनके पूरे करियर पर था. 

जिस स्वीमिंग को उन्होंने इतने साल दिए, उन्हें अब उसे छोड़ने का फैसला करना था. और यह बिल्कुल भी आसान नहीं था. लेकिन कहते हैं न कि जब मुश्किलें आती हैं तब या तो हम बिखर जाते हैं या निखर जाते हैं. सारा ने इस मुश्किल वक्त में निखरने का फैसला किया. साल 2005 में उन्होंने साइकलिंग में करियर चेंज करके सबको चौंका दिया. उन्होंने फिटनेस के लिए साइक्लिंग शुरू की थी लेकिन साल के अंत में पैरा-साइक्लिंग वर्ल्ड के 3000 मीटर व्यक्तिगत रिकॉर्ड को तोड़ दिया और यहां से एक नया सफर शुरू हुआ. 

सामान्य एथलीट्स के साथ भी कर चुकी हैं कंपीट 
साल 2008 के बीजिंग पैरालंपिक्स में, सारा ने दो साइकलिंग गोल्ड मेडल जीते. साल 2010 में सारा ने एक बार फिर इतिहास रचा, जब वह कॉमनवेल्थ गेम्स में नॉन-डिसेबल्ड साइकलिस्ट के साथ प्रतिस्पर्धा करने वाली इंग्लैंड की पहली पैरा-साइकलिस्ट बनीं. उन्होंने इस इवेंट में कई UCI ट्रैक साइकलिंग वर्ल्ड कप गोल्ड मेडल जीते. 

साल 2012 के लंदन पैरालंपिक्स में उन्होंने ट्रैक और रोड साइक्लिंग इवेंट्स में चार गोल्ड मेडल जीते. उनकी अचीवमेंट्स को सराहने के लिए 2013 के नए साल की सम्मान सूची में उन्हें डेम (विशेष उपलब्धि पर किसी महिला को दी गई सम्‍मान-पदवी) बनाया गया और बीबीसी स्पोर्ट्स पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर के लिए नामांकित किया गया. 

'खुद हूंं खुद की सबसे बड़ी प्रतिद्वंदी'
सारा ने साल 2007 में एक ब्रिटिश साइकलिस्ट, बार्ने स्टोरी से शादी की और साल 2013 में उन्होंने अपनी बेटी को जन्म दिया. बेटी के जन्म के बाद सारा ने साल 2016 में रियो पैरालंपिक्स में अपने गोल्ड मिशन को जारी रखा. क्योंकि यहां पर वह C-5 3000 मीटर इंडिविजुअल परस्यूट फाइनल को जीतने वाली ब्रिटेन की सबसे सफल पैरालंपियन बन गई थीं. 

रियो गेम्स के एक साल बाद ही सारा ने अपने दूसरे बच्चे को जन्म दिया. 43 साल की उम्र में टोक्यो पैरालंपिक्स में उन्होंने एक बार फिर गोल्ड जीतकर खुद को डिफेंड किया. सारा का कहना था कि दो प्रेग्नेंसी के बाद भी खेलों में वापस आना उनकी सबसे बड़ी अचीवमेंट है. और उनकी अचीवमेंट्स का सफर जारी है. उन्होंने एक बार फिर दुनिया को बताया है कि वह बेस्ट हैं और रहेंगी. क्योंकि सारा के लिए उनकी सबसे बड़ी प्रतिद्वंदी वह खुद हैं और वह हमेशा अपने ही सेट किए रिकॉर्ड्स को तोड़ने की कोशिश करती हैं. यही उनके लिए सबसे बड़ी प्रेरणा है.

 

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