कहतें हैं कि बढ़ती उम्र के पड़ाव में हर कोई हार मान लेता हैं. लेकिन, जज्बा कुछ करने का हो तो उम्र आड़े नहीं आती. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है 40 साल की अनीता राठी ने. अनीता ने यूएसए में आयोजित वर्ल्ड बेंचप्रेस पॉवर लिफ्टिंग चैम्पियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए चौथा स्थान प्राप्त कर राजस्थान ही नहीं देश का गौरव बढ़ाया है. अनीता की नजर अब इंटरनेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड पर हैं.
अनीता ने बताया कि वर्ल्ड चैंपियनशिप में जिस देश का खिलाड़ी पहले पायदान पर रहकर गोल्ड जीतता है तो उसी के देश का एंथम गूंजता है. अनीता कहती हैं कि उनका सपना है कि वह भी देश के लिए गोल्ड जीतें और भारत का राष्ट्रगान वहां गूंजे. अगले साल 2025 में नार्वे में पॉवर लिफ्टिंग की वर्ल्ड चैंपियनशिप है. अनीता अब उसी की तैयारी में जुटी हुई. प्रतियोगिता का हिस्सा बनने से पहले अनीता को पहले स्टेट और फिर नेशनल में गोल्ड जीतना होगा. उसी के बाद उन्हें इंटरनेशनल खेलने का मौका मिलेगा.
शादी के 20 साल बाद जिम की ज्वॉइन
अनीता राठी बताती है कि शुरू से ही वह अपनी बॉडी को फिट रखने की कोशिश में रहती थी. शादी के 20 साल बाद जब वजन बढ़ने लगा तो अनीता ने अपने घर के पास की ही एक जिम ज्वॉइन कर ली. जहां उनके ट्रेनर करण जांगिड़ थे. अनीता जिम में जमकर पसीना बहाने लगी. अनीता कहती हैं कि मेरे ट्रेनर करण जांगिड़ पॉवर लिफ्टर थे तो उन्होंने मेरी क्षमता देखकर पॉवर लिफ्टिंग करने के लिए इंस्पायर किया. घर में आकर जब इस बारे में बताया तो पहले तो किसी ने यकीन नहीं किया. लेकिन, घर संभालने के साथ - साथ लह जिम जाकर पॉवर लिफ्टिंग की प्रेक्टिस करने लगीं.
2022 में की पॉवर लिफ्टिंग की शुरुआत
अनीता राठी बताती है कि उसने पॉवर लिफ्टिंग की शुरुआत 2022 ने की. उस वक्त उनका वजन 69 किलोग्राम था. भरतपुर में पहली बार मई 2022 में स्टेट चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और पहली बार ही 69 किलोग्राम कैटेगरी में मुझे सिल्वर मिला. जुलाई 2022 में अलवर में हुए कंप्टीशन में हिस्सा लिया. जहां वह चौथे स्थान पर रहीं. उसके बाद वह और ज्यादा मेहनत में जुट गई और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
सुबह-शाम की वॉक और 3 घंटे की जिम
गुजरात के आनंद में जन्मी अनीता राठी की साल 1998 में शादी हुई थी. साल 2007 में अपने पति अर्जुन राठी के साथ बाड़मेर आने से पहले वह गुजरात में ही रहती थीं. शादी के 22 साल बाद वजन कम करने के लिए जिम ज्वॉइन किया और जिम से ही उन्होंने पॉवर लिफ्टिंग में कदम रखा. अनीता राठी का कहना है कि सुबह 4 बजे उठकर वॉक पर जाना और दिन में जिम में 3 घंटे एक्सरसाइज और पॉवर लिफ्टिंग के बाद रात को सोने से पहले भी वॉक करना- यह उनका शेड्यूल है. वह खाने पीने का ख्याल रखती हैं. 3 महीने तक लगातार मेहनत करके उन्होंने पहले अपना वजन कम किया.
राज्य प्रतियोगिता में जीता गोल्ड
अनीता ने बताया वह अक्टूबर 2022 में कोटा में स्टेट चैंपियनशिप खेलने गई. जहां 63 किलोग्राम पॉवर लिफ्टिंग में गोल्ड जीता और वहीं से नेशनल खेलने का टिकट मिल गया. इसके बाद 15 जनवरी को औरंगाबाद में नेशनल खेलने गई. जहां 63 किलोग्राम कैटेगरी में दो सिल्वर जीते. उसके बाद लगातार प्रैक्टिस और व्यायाम कर 63 किलोग्राम से अपने वजन को 57 किलोग्राम पर लाई.
अनीता 2023 की स्टेट चैंपियनशिप में 57 किलोग्राम बेंचप्रेस में गोल्ड जीता. इससे उनका सिलेक्शन नेशनल गेम में हुआ. नेशनल खेलने वह बंगुलुरु गईं जहां 22 से 26 नवंबर तक चले कंप्टीशन ने उन्होंने फिर सिल्वर जीता. वहीं, से इंटरनेशनल खेल के लिए सिलेक्शन हुआ.
यूएसए में चौथे पायदान पर रही अनीता
इसी साल 2024 के मई - जून में यूएसए के ऑस्टिन, टेक्सास में 22 मई से 1 जून तक पॉवर लिफ्टिंग की इंटरनेशनल प्रतियोगिता आयोजित हुई. जिसमें देश भर के 65 खिलाड़ियों ने भाग लिया। जहां सभी खिलाड़ी एक से बढ़कर एक थे. यहां वह थोड़ा चूक गई और चौथे पायदान पर रही. वापस लौटी तो समाज के लोगों के साथ हर किसी ने बधाईयां दी और हौसला अफजाई की. अनीता बताती हैं कि उनका इंटरनेशनल गेम में भारत के लिए गोल्ड जीतने का सपना है. वह 2025 में नार्वे में होने वाले इंटरनेशनल कंप्टीशन में गोल्ड जीतना चाहती हैं ताकि नार्वे में हमारा राष्ट्रगान गूंजे.
3 बच्चों की मां हैं अनीता
अनीता के पति अर्जुन राठी मोबाइल और इलेक्ट्रिक सामान की मार्केटिंग का काम करते हैं. अनीता अपने पति के व्यापार का अकाउंट का काम भी देखती हैं. घर में पति, सास के अलावा अनीता की 2 बेटियां और एक बेटा भी हैं. सबसे बड़ी 24 साल की बेटी प्राची जो एमबीबीएस के फाइनल इयर में हैं. दूसरे नंबर की 20 साल की बेटी खुशी इंजीनियर और 17 साल का बेटा वंश जो 12वीं का छात्र है. बच्चे और पति अनीता की इस उपलब्धि से बेहद खुश है और अनीता के इंटरनेशनल प्लेयर बनने तक के सफर को गर्व से महसूस करते हैं. वहीं अनीता भी अपनी इस सफलता का श्रेय अपने ट्रेनर, पति, बच्चों समेत पूरे परिवार को देती हैं. अनीता का कहना है कि सभी लोगों के सपोर्ट से ही उन्हें यह कामयाबी मिली है.
(दिनेश वोहरा की रिपोर्ट)