रवि शास्त्री ने बताई टेस्ट क्रिकेट की बात, जब MS Dhoni ने लिया सन्यास और कहा- I am done

रवि शास्त्री आगे कहते हैं, "मुझे लगता है कि यह जाने का सही तरीका है. यह विराट और रोहित के लिए वरदान साबित हो सकता है. मुझे नहीं लगता कि इस युग में बबल लाइफ के साथ एक आदमी तीनों (तीनों फॉर्म में कप्तानी) को संभाल सकता है. यह बिल्कुल भी आसान नहीं है.”

MS Dhoni and Ravi Shastri
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 27 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 10:15 AM IST
  • ड्रा के बाद धोनी ने रवि शास्त्री से की बात
  • महेंद्र सिंह धोनी ने 2014 में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बीच में टेस्ट क्रिकेट छोड़ दिया था

किसी भी क्रिकेट फैन के लिए सबसे ज्यादा शॉकिंग वो पल था जब भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 2014 में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बीच में टेस्ट क्रिकेट छोड़ दिया. धोनी ने मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर ड्रा टेस्ट के बाद संन्यास लेने का फैसला किया, जिसके बाद विराट कोहली ने सीरीज के बीच में टीम की कॅप्टेन्सी संभाली. हाल ही में रवि शास्त्री, जो उस समय टीम मैनेजर थे, ने उस पल को याद करते हुए कई बातें बताई हैं. उन्होंने याद करते हुए बताया कि धोनी ड्रॉ के बाद उनसे मिलने आए थे और उनसे कहा था कि वह ड्रेसिंग रूम में खिलाड़ियों के साथ चैट करना चाहते हैं. 

इंडियन क्रिकेट टीम के पूर्व चीफ कोच रवि शास्त्री ने स्टार स्पोर्ट्स को दिए अपने इंटरव्यू में उस मोमेंट का जिक्र किया है. उन्होंने इंटरव्यू के दौरान कहा, “मुझे पता था कि जब एमएस धोनी छोड़ेंगे, तब विराट कोहली टीम को लीड करने वाले प्लेयर होंगे. वह (एमएस धोनी) जानते थे कि लाइन में अगला लीडर कौन होगा.”

ड्रा के बाद धोनी ने रवि शास्त्री से की बात 

पूर्व कोच रवि शास्त्री ने बताया कि ड्रा मैच के बाद धोनी मेरे पास आये और उन्होंने कहा कि वे टीम से बात करना चाहते हैं. रवि शास्त्री आगे बताते हैं,  “ये काफी सरप्राइजिंग था. धोनी मेरे पाए जब आये तो मैंने कहा हां, मुझे लगा कि वह ड्रॉ के बारे में कुछ कहने वाले हैं. धोनी ने कहा ‘आई एम डन विद टेस्ट क्रिकेट’. मैंने ड्रेसिंग रूम के आसपास सभी के चेहरे देखे. जब एमएस ने यह अनाउंसमेंट की तो ज्यादातर लड़के सदमे में थे. डिस इज एमएस धोनी फॉर यू." 

रवि शास्त्री आगे कहते हैं, "मुझे लगता है कि यह जाने का सही तरीका है. यह विराट और रोहित के लिए वरदान साबित हो सकता है. मुझे नहीं लगता कि इस युग में बबल लाइफ के साथ एक आदमी तीनों (तीनों फॉर्म में कप्तानी) को संभाल सकता है. यह बिल्कुल भी आसान नहीं है.”

वे आगे कहते हैं कि हम दोनों काफी अग्रेसिव हैं, हम जीतने के लिए खेले, हमने बहुत जल्दी महसूस किया कि जीतने के लिए हमें अग्रेसिव और फियरलेस क्रिकेट खेलने के लिए 20 विकेट चाहिए.

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