1983 का विश्व कप फाइनल भारतीय क्रिकेट का सबसे खास मैच: सचिन तेंदुलकर

अंतिम लीग मैच तेंदुलकर की कप्तानी वाले भारत और जिम्बाब्वे के बीच था. उन्होंने कहा, "हमें उस ट्राई-सीरीज़ के फाइनल में जगह बनाने के लिए 40.5 ओवरों में जिम्बाब्वे के खिलाफ 241 रनों का लक्ष्य हासिल करना था." "जिम्बाब्वे हमसे दो अंक आगे था, इसलिए हमें बेहतर नेट रन रेट के आधार पर फाइनल के लिए क्वालीफाई करने की जरूरत थी.

Sachin Tendulkar
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 05 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 7:35 AM IST
  • 1983 का विश्व कप फाइनल पहली पसंद
  • जब जिम्बाब्वे पर शानदार जीत के साथ फाइनल में किया था क्वालीफाई 
  • 12 साल पहले बनाया था दोहरा शतक 

रविवार को टीम इंडिया एक नया इतिहास रचने मैदान में उतरने वाली है. यह मैच भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है  क्योंकि अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जाने वाला यह मैच भारतीय टीम का 1000वां वनडे होगा. इस मैच के साथ ही भारतीय क्रिकेट टीम 1000 मैच खेलने का मुकाम हासिल करने वाली दुनिया की पहली टीम बन जाएगी. इस मौके पर एक न्यूज एजेंसी ने 463 वनडे खेलने वाले और भारतीय क्रिकेट के मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर से पूछा कि उनके अनुसार वो दो मैच कौन से थे जिन्होनें भारतीय क्रिकेट को आकार दिया और इसे वहां पहुंचाने में मदद की जहां आज वो है.

1983 का विश्व कप फाइनल पहली पसंद 

तेंदुलकर की पहली पसंद 1983 का विश्व कप फाइनल था जहां कपिल देव की अगुवाई वाले भारत ने अपना पहला वैश्विक खिताब जीतने के लिए क्लाइव लॉयड की वेस्टइंडीज के खिलाफ 183 का सफलतापूर्वक बचाव किया था. तेंदुलकर ने शुक्रवार को कहा, "मैंने ऑस्ट्रेलिया में क्रिकेट की विश्व चैंपियनशिप का फाइनल भी देखा था लेकिन 1983 का विश्व कप फाइनल मेरे जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ था. इससे मुझे बहुत प्रेरणा मिली. इस मैच के पहले  क्रिकेट मजे के लिए खेला जाता था, लेकिन उसके बाद लोग एक उद्देश्य के साथ क्रिकेट खेलने लगे."

जब जिम्बाब्वे पर शानदार जीत के साथ फाइनल में किया था क्वालीफाई 

उनकी दूसरी पसंद 1997 में स्टैंडर्ड बैंक इंटरनेशनल ट्राई-सीरीज़ के लीग चरण का अंतिम मैच है. अंतिम लीग मैच तेंदुलकर की कप्तानी वाले भारत और जिम्बाब्वे के बीच था. उन्होंने कहा, "हमें उस ट्राई-सीरीज़ के फाइनल में जगह बनाने के लिए 40.5 ओवरों में जिम्बाब्वे के खिलाफ 241 रनों का लक्ष्य हासिल करना था." "जिम्बाब्वे हमसे दो अंक आगे था, इसलिए हमें बेहतर नेट रन रेट के आधार पर फाइनल के लिए क्वालीफाई करने की जरूरत थी. हमने आखिरकार उस मैच को लगभग 38 ओवर (39.2) में जीता था. मैंने एक शतक (104) बनाया. जिम्बाब्वे उस वक्त एक मजबूत टीम थी और आउटफील्ड मोटी घास से लदी थी. इसलिए मुझे लगता है कि यह एक महत्वपूर्ण खेल था.

12 साल पहले बनाया था दोहरा शतक 

सचिन तेंदुलकर, जो इस अप्रैल में 49 वर्ष के हो जाएंगे, के पास किसी भी बल्लेबाज से अधिक एकदिवसीय शतक है. 24 फरवरी को, उन्हें एकदिवसीय मैचों में दोहरा शतक बनाने वाले पहला पुरुष बल्लेबाज बने हुए 12 साल हो जाएंगे. यह उपलब्धि उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ग्वालियर में हासिल की थी. यह पूछे जाने पर कि वह आगे चलकर एक भारतीय को कौन सा रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं, तेंदुलकर ने कहा कि इस तरह की भविष्यवाणी करना असंभव है.


 

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