Sakshi Malik Birthday: पहलवानों की ड्रेस देखकर कुश्ती में करियर बनाने आई थीं साक्षी मलिक, पिता करते हैं बस कंडक्टर की नौकरी

भारतीय रेसलर साक्षी मलिक 3 सितंबर को अपना 30वां जन्मदिन सेलिब्रेट करेंगी. वह ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान हैं. उन्होंने 12 साल की उम्र में कुश्ती का प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया था.

Sakshi Malik/Twitter
अपूर्वा राय
  • नई दिल्ली,
  • 02 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 9:33 PM IST
  • साक्षी मलिक 3 सितंबर को अपना 30वां जन्मदिन सेलिब्रेट करेंगी.
  • साक्षी ने पूरी दुनिया में एक अलग पहचान भारत को महिला पहलवानी में दिलाई है.

3 सितंबर 1992 को हरियाणा में जन्मी साक्षी मलिक भारतीय फ्रीस्टाइल रेसलर हैं. उनके पिता दिल्ली परिवहन निगम में बस कंडक्टर हैं. साक्षी की मां सुदेश मलिक रोहतक में आंगनबाड़ी सुपरवाइजर हैं. उनके दादा बदलू राम भी पहलवान थे. अपने दादा से प्रेरणा लेकर ही साक्षी ने कुश्ती में अपना करियर बनाने का निश्चय किया क्योंकि साक्षी को पहलवानों की ड्रेस अच्छी लगती थी.

कम उम्र में शुरू की रेसलिंग

साक्षी ने महज 12 साल की उम्र से ही रेसलिंग की ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी थी. उन्हें रेसलर ईश्वर दहिया ने ट्रेनिंग दी. साक्षी ने ऐसा करियर चुना जिसे महिलाओं के लिए ठीक नहीं समझा जाता है. और इसी वजह से साक्षी और उनके कोच को लोगों की बातें भी सुननी पड़ीं. जो लोग ऐसा सोचते हैं कि पहलवानी केवल लड़कों का खेल है, साक्षी ने देश के लिए गोल्ड मेडल जीतकर उन सभी को करारा जवाब दिया है.

ओलंपिक में पहला पदक जीतकर इतिहास रचा

साक्षी ने 2010 में जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में 58 किग्रा फ्री स्टाइल में पहली बार मेडल जीता. इस मेडल ने उन्हें भारत के लिए पदक जीतने के उनके दृढ़ संकल्प को और मजबूत किया. ग्लासगो में आयोजित 2014 राष्ट्रमंडल खेलों में साक्षी ने रजत पदक जीता. 2016 के रियो ओलंपिक में साक्षी रेसलिंग में मेडल जीतने वाली भारत की पहली एथलीट बनीं. महिला कुश्ती में भारत को इससे पहले कभी पदक नही मिला था. 2017 में उन्होंने भारत में हुई एशियन चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था. इसके अलावा साल 2018 और 2019 की एशियाई चैंपियनशिप में साक्षी मलिक को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा था. इस साल हुए कॉमनवेल्थ गेम में साक्षी मलिक ने गोल्ड मेडल जीता. 

कुश्ती छोड़ने की सोच रही थीं साक्षी

2017 के बाद साक्षी का प्रदर्शन लगातार खराब होता चला गया और इसी वजह से साक्षी ने कुश्ती छोड़ने का प्लान भी बना लिया था. लेकिन साक्षी के कोच और परिवार ने उन्हें मुश्किलों से लड़ने के लिए प्रेरित किया. इसी का परिणाम रहा कि साक्षी मलिक ने कॉमनवेल्थ गेम में अपने करियर का पहला गोल्ड मेडल इस साल जीता. साक्षी की इस जीत ने तमाम महिला रेसलर खिलाड़ियों को प्रेरित किया है.

कई मौकों पर देश का नाम रोशन किया है

साक्षी ने कई मौकों पर भारत का नाम रोशन किया है. 2016 में साक्षी मलिक को खेल के सबसे बड़े सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित किया गया था. 2017 में साक्षी मलिक को पद्म श्री सम्मानित किया गया. 2017 में साक्षी मलिक ने पहलवान सत्यव्रत कादियान से शादी की. साक्षी के पति भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के पहलवान हैं.

 

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