क्रिकेट के मैदान में जब विराट कोहली या महेंद्र सिंह धोनी के कद का कोई खिलाड़ी उतरता है तो पूरा स्टेडियम शोर से भर जाता है. जब ये खिलाड़ी आउट होते हैं तो मैदान में कुछ देर के लिए सन्नाटा पसर जाता है. जो लोग सुन सकते हैं वे टीवी पर ये दृश्य देखने के साथ-साथ मैदान के माहौल को अपने कानों से भी अनुभव करते हैं. लेकिन बधिर (deaf) लोगों के साथ ऐसा नहीं होता. वे न तो मैदान में उठने वाले "धोनी-धोनी" और "कोहली-कोहली" के नारे सुन पाते हैं और न ही मजेदार कमेंट्री का लुत्फ उठा पाते हैं.
बधिर क्रिकेट प्रेमी लंबे समय से क्रिकेट देखने के एक पक्ष से वंचित रहे हैं, लेकिन स्टार स्पोर्ट्स की नई पहल ने उनकी इस समस्या को दूर करने की कोशिश की है. इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के इस सीजन में स्टार स्पोर्ट्स ने इंडियन साइनिंग हैंड्स (आईएसएच) नाम की संस्था से हाथ मिलाया है. यह मुंबई की एक ब्रॉडकास्टिंग कंपनी है. इस गठबंधन के बाद आईपीएल की लाइव स्ट्रीम में साइन लैंग्वेज भी प्रसारित होगी.
हिन्दी के साथ-साथ मिलेगी साइन लैंग्वेज कमेंट्री
आईएसएच का एक सदस्य मैच के दौरान स्क्रीन के एक कोने पर हाथ के इशारों से स्टेडियम की दशा और कमेंट्री लोगों तक पहुंचाएगा. स्टार स्पोर्ट्स की इस पहल से भारत के छह करोड़ 30 लाख बधिर लोग फायदा उठा सकेंगे. मैच शुरू होने से कुछ देर पहले साइन लैंग्वेज इंटरप्रेटर काउंटडाउन करके लोगों का उत्साह बढ़ाते हैं. इसके बाद वे न सिर्फ हिन्दी कमेंट्री के हर शब्द का अनुवाद करते हैं, बल्कि मैदान की हलचल को बयान कर बधिर लोगों के अनुभव को और बेहतर बनाते हैं.
इन इंटरप्रेटर्स की खास बात यह है कि वे अपने चेहरे के हाव-भाव से कई तरह की भावनाएं भी बहुत अच्छी तरह समझा पाते हैं.
"चेहरे का हाव भाव ही ग्रामर है"
मिसाल के तौर पर, दो अप्रैल की रात को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और लखनऊ सुपर जायंट्स आमने-सामने आए. इस दिन आईएसएच की किंजल और शिवॉय शर्मा बधिर समुदाय के लिए कमेंट्री कर रहे थे. मैच के दौरान जब कृणाल पांड्या ने अनुज रावत का कैच छोड़ा तो किंजल ने अपना हाथ ज़ोर से टेबल पर मारा और चेहरे पर हैरानी का भाव प्रकट किया. इस दौरान हिन्दी के कमेंटेटर कह रहे थे कि कोई इतना आसान कैच कैसे छोड़ सकता है.
इसी तरह जब कमेंटेटर मयंक यादव की तेजरफ्तार गेंदों की तारीफों के पुल बांध रहे थे तब शिवॉय अपने चेहरे पर भय के भाव ला रहे थे. और हाथों से ट्रेन के दौड़ने का इशारा कर रहे थे, मानो मयंक की तुलना तेज़रफ्तार ट्रेन से कर रहे हों.
इंडियन एक्स्प्रेस के साथ बातचीत में आईपीएल की एक इंटरप्रेटर मानसी धर्मराज शाह कहती हैं, "जब साइन लैंग्वेज की बात आती है, तो चेहरे के हाव-भाव व्याकरण की तरह होते हैं. एक्सप्रेशन के बिना बधिर समुदाय के लिए पूरी तस्वीर सामने रखना संभव नहीं. हमारी भाषा अधूरी रह जाएगी."
वह कहती हैं, "हम अपने एक्सप्रेशन्स को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाते हैं. इससे देखने वालों को खेल बेहतर समझ आता है. इसके साथ ही उनसे खेल के बारे में बात करना भी जरूरी है, सिर्फ मैदान का हाल बताना काफी नहीं."
आत्मनिर्भर बन रहा है बधिर समुदाय
मुंबई के मालाबार हिल में रहने वाले आईएसएच के फाउंडर आलोक केजरीवाल के लिए यह नई पहल ऐतिहासिक है. वह इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में कहते हैं, "पिछले 50 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है कि मैं क्रिकेट देखते हुए उससे जुड़ा हुआ महसूस कर रहा हूं. इससे पहले जब कोई क्रिकेटर मैदान में आता था तो वह किसी आम व्यक्ति के कहीं आने जैसा ही लगता था. मैं उसके पीछे की कमेंट्री नहीं सुन पा रहा था. मुझे यह पता नहीं चल रहा था कि उसका किसी गेंदबाज के साथ क्या इतिहास है. अब मैं खिलाड़ियों के आने-जाने का शोर और सन्नाटा महसूस कर सकता हूं. सिर्फ यही नहीं, मैं सबके साथ मिलकर मैच का लुत्फ उठा सकता हूं. परिजनों के साथ बैठकर मैच देखने का अनुभव मेरे लिए बिल्कुल नया है."
आईएसएच के इंटरप्रेटर्स ने अपनी भाषा में क्रिकेट से जुड़े कई खास शब्द भी जोड़े हैं. मिसाल के तौर पर, जब बल्लेबाज स्ट्रेट ड्राइव खेलता है तो इंटरप्रेटर सामने की ओर इशारा करते हैं. इस प्रयास से बधिर लोगों को क्रिकेट को और करीब से समझने का मौका मिला है.
केजरीवाल कहते हैं, "अब हम खेल को समझ पा रहे हैं और उसका हिस्सा बन पा रहे हैं. हम छोटी-छोटी बारीकियों को समझ पा रहे हैं. क्रिकेट में ऐसे कई शब्द हैं, जिन्हें हम अब समझ रहे हैं. इससे हमारा अनुभव अलग ही स्तर पर पहुंच जाता है. सबसे जरूरी बात यह है कि हम दोस्तों और परिवार वालों के साथ मैच के बारे में बात कर पाते हैं. उसका हिस्सा बन पाते हैं. पहले मैं अपने परिवार वालों से मैच के बारे में पूछता था और वे थोड़ी-बहुत जानकारी ही दे पाते थे. अब मैं आत्मनिर्भर हूं."
आईपीएल इससे पहले कुल 12 भाषाओं में प्रसारित होता था. यह आईपीएल प्रसारण की 13वीं भाषा है. बता दें कि स्टार स्पोर्ट्स के पास फिलहाल आईपीएल प्रसारण के सिर्फ टीवी राइट्स हैं, जबकि इसके डिजिटल राइट्स जियो सिनेमा के पास हैं. आईपीएल का आगाज 22 मार्च को बेंगलुरु और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच मुकाबले के साथ हुआ था. टूर्नामेंट का फाइनल 26 मई को खेला जाएगा.