कुछ राज ऐसे होते हैं जो कभी नहीं सुलझते. ऐसे ही कुछ राज इंडिया के स्टार बैडमिंटन प्लेयर रहे सैयद मोदी के हैं. सैयद मोदी का पूरा नाम सैयद मोदी हसन जैदी है. 31 दिसंबर 1962 को सैयद मोदी की पैदाइश का दिन है, लेकिन उससे भी दिलचस्प ये जानना है कि 28 जुलाई 1988 को लखनऊ के केडी सिंह बाबू स्टेडियम से निकलते समय उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सैयद मोदी को गोली मारने के पीछे की वजह का पता आज तक नहीं चल पाया, लेकिन सैदय मोदी को जब गोली मारी गई तब उनका करियर पीक पर था. प्रकाश पादुकोण जैसे महान प्लेयर को हराकर वो नेशनल चैंपियन बने थे. हमलावरों ने 0.38 रिवॉल्वर से उनके सीने में लगातार 5 गोलियां उतार दीं, और सैयद मोदी के सीने में उतारी गईं उन 5 गोलियों का राज वक्त के साथ और गहरा होता गया.
परिवार के खिलाफ जा कर की शादी, और करने लगे उसी प्यार पर शक
सैयद मोदी की पत्नी का नाम अमिता था. सैयद मोदी ने परिवार के खिलाफ जाकर दूसरे धर्म की अमिता से शादी की थी. सैयद मोदी और अमिता दोनों ही बैडमिंटन के स्टार प्लेयर थे. लेकिन 1984 में दोनों की शादी हाशिये पर आ गई थी. दोनों की शादी को काफी वक्त बीत चुका था, लेकिन करियर बनाने के चक्कर में अमिता ने मां बनने से इनकार कर दिया था. संजय सिंह से मुलाकात के बाद सैयद मोदी को यह शक होने लगा कि उनका अमिता के साथ अफेयर चल रहा है.
संजय सिंह के साथ रोमांस की डिटेल्स लिखती थी सैयद मोदी की पत्नी
अपने पति को और जलाने के लिए अमिता एक डायरी में संजय सिंह के साथ रोमांस की डिटेल्स लिखा करती थी. जब वो घर से बाहर होती, तो सैयद मोदी चुपके से उसकी डायरी पढ़ते और दुखी होते, फिर 1987 में अमिता ने सैयद मोदी को बताया कि वो मां बनने वाली हैं.
पिता बनने की खबर पा कर उदास हो गए थे मोदी
आमतौर पर यह बात जानकर कोई भी शख्स खुश होता है वो बाप बनने वाला है, लेकिन सैयद मोदी के चेहरे पर उदासी थी, क्योंकि सैयद मोदी को शक था कि अमिता उनसे नहीं, बल्कि संजय सिंह से प्रेग्नेंट है.
कुछ ऐसी दर्दनाक मौत मिली इस स्टार को
28 जुलाई 1988 का दिन सैयद मोदी की जिंदगी का आखिरी दिन साबित हुआ. स्पोर्ट्स कोटा की वजह से 18 साल की उम्र में ही सैयद मोदी को रेलवे में नौकरी मिल गई थी. बैडमिंटन प्रैक्टिस की बेहतर सुविधाओं के लिए उन्होंने अपने घर गोरखपुर को छोड़कर लखनऊ में पोस्टिंग ले ली थी. उस दिन 28 जुलाई 1988 की शाम भी वो केडी सिंह बाबू स्टेडियम से प्रैक्टिस कर लौट रहे थे. शाम के 7.30 बजे थे. सैयद मोदी स्टेडियम के बाहर बने स्नैक बार से रोज कोल्ड ड्रिंक पीते थे और आज भी वो वही कोल्डड्रिंक पीने जा रहे थे. रोजाना की तरह वे कोल्ड ड्रिंक पीकर अपने स्कूटर से निकल रहे थे. तभी अचानक 2 बाइक सवारों ने उनका रास्ता रोका. सैयद मोदी कुछ समझ पाते उससे पहले ही हमलावरों ने रिवॉल्वर से उनके सीने में लगातार 5 गोलियां उतार दीं.
हॉस्पिटल तक नहीं पहुंच पाए मोदी
बताया जाता है कि गोलियां इतनी पास से चलाई गईं थीं कि सैयद मोदी को इलाज का वक्त भी नहीं मिला और उनकी मौके पर ही मौत हो गई. मर्डर के समय उनकी बेटी महज 2 महीने की थी.
संजय सिंह पर गया शक
राइजिंग स्पोर्ट्स स्टार रहे सैयद मोदी के मर्डर की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा गया. सीबीआई ने सैयद मोदी के घर रेड मारकर उस डायरी को हासिल किया जिसमें अमिता ने अफेयर की डिटेल्स लिखी थीं. उस डायरी में मिले नोट्स की वजह से मोदी के मर्डर के पीछे उनकी वाइफ और संजय सिंह का हाथ होने का शक पैदा हुआ. हालांकि, यह आरोप कभी साबित नहीं हो पाया. बाद में अमिता ने पहले से शादीशुदा रहे संजय सिंह से ही शादी की.