Olympic ke Kisse: जानिए क्या है Pin Trading, ओलंपिक का 'Unofficial Sport', 19वीं शताब्दी से चल रही है यह परंपरा

Pin Trading को ओलंपिक के ऑफिशियल-अनऑफिशियल गेम के तौर पर देखा जाता है. क्योंकि यह बहुत पुराने समय से ओलंपिक की परंपरा में शामिल है और इस बार भी लोग बढ़-चढ़कर इसका हिस्सा बन रहे हैं.

What is Pin Trading (Photo: Twitter/@@ninansusan)
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 06 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 12:55 PM IST

पेरिस ओलंपिक 2024 का बज्ज़ अभी पूरी दुनिया में है. लोगों की नजर लगातार मेडल टैली पर है कि किस देश के एथलीट कितने मेडल जीत रहे हैं. अपने देश के खिलाड़ियों या फिर अपने पसंदीदा एथलीट्स को सपोर्ट करने भी दुनियाभर से लोग पहुंच रहे हैं. ओलंपिक खेलों के साथ-साथ एक और 'रोमांचक खेल' यहां चल रहा है. और अब यह सिर्फ कोई खेल नहीं है बल्कि एक व्यक्तिगत परंपरा बन गई है. हम बात रहे हैं Pin Trading की. 

पिन ट्रेडिंग क्या है?
पिन ट्रेडिंग शब्द अपने आप में काफी स्पष्ट है. रंगीन, मेटल से बने और पूरी तरह से डिटेल्ड बैज जिन्हें बहुत से लोग अपने कपड़ो या बैग आदि पर लगाते हैं. ये पिन ज्यादातर ट्रेडिंग के लिए होती हैं. आप कहीं भी जाएं आपको उस जगह या इवेंट से जुड़े बैज या पिन मिल जाएंगे. लेकिन आपको बता दें रि बैज का चलन बिल्कुल भी नया नहीं है. 

पिन ट्रेडिंग की विरासत 1896 में एथेंस में आयोजित पहले इंटरनेशनल ओलंपिक से चली आ रही है. बाद में, पियरे डी कूबर्टिन को इस परंपरा को रिवाइव करने का श्रेय दिया जाता है. इस परंपरा की शुरुआत खेलों में भाग लेने वाले एथलीट्स या अन्य टीम के सदस्यों की पहचान के उद्देश्य से कार्डबोर्ड बैज पहनने से हुई थी. 

सदियों से चली आ रही यह प्रथा ओलंपिक परंपरा का एक अमिट हिस्सा बन गई है, चाहे दुनिया में कहीं भी ओलंपिक आयोजित किया गया हो. और अब ये पिन भी पहले से काफी बदल गई हैं. कार्डबोर्ड बैज से हम धातू के बैज पर आ गए हैं जो आजकल बहुत ही क्रिएटिव होते हैं और लोगों के लिए बैज कलेक्ट करना एक शौक हो गया है. आपको बता दें कि पार्क ऑफ नेशंस में ओलंपिक कलेक्टर्स हाउस है जो विशेष रूप से इस एक्टिविटी को सुविधाजनक बनाने के लिए है. 

कई तरह के हैं पिन 
अमेरिकी पिन कलेक्टर एड श्नाइडर 14 ओलंपिक खेलों का हिस्सा बने हैं. पेरिस उनका 14वां ओलंपिक है. उनका कहना है कि यहां एनओसी या राष्ट्रीय ओलंपिक समितियां हैं, मीडिया पिन हैं जो या तो प्रेस या प्रसारण को संदर्भित करते हैं, मेजबान शहर के अपने पिन होते हैं, और उसके बाद स्पॉनसर्स अपने पिन लगाते हैं. एक और अमेरिकी कलेक्टर और पिन ट्रेडर, निकोलस वोलावर, का कहना है कि व्यापार के लिए एथलीट पिन और मास्कॉट पिन भी उपलब्ध हैं. 

पिन ट्रेडिंग भले ही ओलंपिक का फन पार्ट है. लेकिन वैसे देखा जाए तो पिन ट्रेडिंग लोगों के लिए बिजनेस है. बहुत बार खिलाड़ी भी एक-दूसरे को बैज या पिन देते हैं. हाल ही में, अमेरिकन रैपर और रिकॉर्ड प्रोड्यूसर, स्नूप डॉग्ग ने आधिकारिक तौर पर अमेरिकी टेनिस खिलाड़ी कोको गॉफ को अपना सिल्वर कार्ड डिज़ाइन का बैज पेश करके पिन ट्रेडिंग शुरू की. 

पेरिस में दिख रहा क्रेज
आधिकारिक ओलंपिक खेल तो स्टेडियमों तक ही सीमित हैं, लेकिन पिन ट्रेडिंग हर जगह होती है - यहां तक ​​कि ऑनलाइन (ईबे पर एसोसिएटेड प्रेस के अपने पिन पहले से ही 30 से 50 डॉलर के बीच मिल रहे हैं) भी. और अब तो ऐसा लगता है कि पिन ट्रेडिंग नें हिस्स लेने के लिए कपड़े पहनना ही एकमात्र शर्त है. क्योंकि ट्रेडर और कलेक्टर, दोनों अपनी शर्ट, अपनी कैप्स या स्कार्फ आदि को अलग-अलग पिनों से सजाकर आ रहे हैं.

ट्रेडर्स एक-दूसरे को दूर से पहचान लेते हैं और एक-दूसरे के कलेक्शन की तारीफ करते हैं. ये पिन सिर्फ पिन नहीं बल्कि हर एक पिन की अपनी कहानी है, इनके कलेक्शन की अपनी कहानी है जो लोग एक-दूसरे क बताते हैं. इस तरह अनजान लोग भी एक-दूजे से जुड़ जाते हैं. 

 

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