वैसे तो लड़कियों का पीरियड आना काफी नेचुरल है, लेकिन पीरियड के दौरान खेल-कुद, दफ्तर जाना, भाग-दौड़ हमेशा से लड़कियों के लिए परेशानी का सबब रहा है.अब इसी सिलसिले में ब्रिटिश टेनिस स्टार एलिसिया बार्नेट ने खुल कर अपनी बात सामने रखी है. ब्रिटिश टेनिस स्टार एलिसिया बार्नेट ने पीरियड्स में विंबलडन व्हाइट पहनने को और पीरियड्स के दर्द को लेकर कहा कि ये सब उन्हें खेल के दौरान किस तरह प्रभावित करता है.
बता दें कि बार्नेट ने पिछले रविवार 3 जुलाई को राउंड 16 में वीनस विलियम्स और ब्रिटेन के जेमी मुररे को हराकर, क्वार्टर फाइनल में अपनी टीम के खिलाड़ी जॉनी ओ'मारा के साथ मिक्स डबल्स क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली है.
28 साल की एलिसिया बार्नेट ने बीते शनिवार 2 जुलाई को प्रेस एसोसिएशन समाचार एजेंसी के साथ बात करते हुए कहा कि वह प्री-क्वालीफाइंग मैचों के दौरान अपने पीरियड्स की वजह से स्ट्रेस थी.
बार्नेट ने कहा कि "प्री-क्वालीफाइंग मैच के दौरान, मुझे पीरियड्स हो रहे थे और पहले कुछ दिनों में मुझे काफी परेशानी हुई, इस वजह से मैं तनाव में थी. उन्होंने आगे बताया कि पीरियड्स उनके खेल को कैसे प्रभावित करता है, बार्नेट ने कहा "आपका शरीर ढीला महसूस करता है, कभी-कभी आपको लगता है कि आप बहुत ज्यादा थके हुए हैं, कभी-कभी आप बहुत लो महसूस करते है,और मेरे लिए ये एक्सपीरियंस वास्तव में कमजोर करने वाला था. ऐसे में खेल के जोश और साहस के बावजूद भी मैदान में खेलना मुश्किल हो गया था.
टेनिस स्टार ने कहा कि "जाहिर है, वर्ल्ड लेवल टेनिस खेलते समय ऐसा होना बहुत मुश्किल है. खासतौर से तब जब आप पीएमएस PMS से भी गुजर रहे हों.
इंटरव्यू के दौरान बार्नेट से पूछा गया कि क्या महिला खिलाड़ियों पर तनाव कम करने के लिए विंबलडन के अनिवार्य सफेद ड्रेस कोड में सुधार किया जाना चाहिए, उन्होंने इसका जवाब देते हुए कहा कि "मुझे लगता है कि कुछ परंपराओं को बदला जा सकता है. बार्नेट ने आगे कहा, " मैं खुश हूं कि लोग अब इसके बारे में बात कर रहे हैं," मुझे लगता है कि मैच के दौरान पीरियड्स होना काफी कठिन है, लेकिन विंबलडन व्हाइट पहनना भी आसान नहीं है.
उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अगर खिलाड़ी पीरियड्स के बारे में बात करेंगे तो पुरानी मानसिकता खत्म होगी और महिला के ट्रेनिंग के लिए फण्ड भी मिलेगा. आखिर में टेनिस खिलाड़ी ने कहा कि "हमें इसके बारे में बात करने में शर्माने की जरूरत क्यों है? जब पुरुष बहुत सी चीजों के बारे में बात करने से कतराते नहीं हैं”.