क्रिकेट के इतिहास में पहली बार महिला आईपीएल होने वाला है. बीसीसीआई ने इसे वीमेंस प्रीमियर लीग (WPL) का नाम दिया है. इसके लिए खिलाड़ियों की नीलामी भी शुरू हो गई है. सोमवार को मुंबई में खिलाड़ियों की नीलामी में सबसे पहली बोली स्मृति मंधाना (Smriti Mandhana) पर लगी. स्मृति मंधाना के नाम पर सबसे पहले मुंबई इंडियंस ने बोली लगाई. उसके बाद आरसीबी ने. स्मृति मंधाना के लिए कुल 28 बार बोली लगी. लेकिन आखिर में आरसीबी ने 3.40 करोड़ रुपये में मंधाना को अपनी टीम में शामिल कर लिया है.
स्मृति को मिल चुका है अर्जुन पुरस्कार
बताते चलें कि स्मृति श्रीनिवास मंधाना दुनिया की बेहतरीन क्रिकेटरों में से एक हैं. 18 जुलाई 1996 को मुंबई, महाराष्ट्र में जन्मी स्मृति बाएं हाथ की ओपनिंग बैट्समैन हैं. जून 2018 में, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ महिला अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर के रूप में नामित किया था. इसके अलावा स्मृति मंधाना को 'अर्जुन पुरस्कार' से भी नवाजा जा चुका है.
छोटी सी उम्र से ही खेलना शुरू कर दिया था क्रिकेट
स्मृति मंधाना ने छोटी सी उम्र से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था. वह केवल दो साल की थीं जब वे अपने परिवार के साथ महाराष्ट्र के माधवनगर, सांगली चली आई थीं. स्मृति की स्कूली शिक्षा वहीं से पूरी हुई है. उनके पिता और भाई, श्रवण दोनों ने जिला स्तर पर सांगली के लिए क्रिकेट खेला है. इन्हीं दोनों को देखकर उन्हें क्रिकेट खेलने की प्रेरणा मिली. नौ साल की उम्र में स्मृति मंधाना का चयन महाराष्ट्र की अंडर-15 टीम में हो गया था. साथ ही ग्यारह साल की उम्र में, वह महाराष्ट्र अंडर-19 टीम का हिस्सा बन गई थीं.
वन डे मैच में दोहरा शतक मारने वाली महिला खिलाड़ी
स्मृति मंधाना को पहली बड़ी सफलता अक्टूबर 2013 में मिली जब उन्होंने वन डे मैच में दोहरा शतक मारा. ऐसा करने वाली वे पहली भारतीय महिला बनीं. गुजरात के खिलाफ एक खेल में जहां वह महाराष्ट्र के लिए खेल रही थी, उन्होंने वडोदरा के एलेम्बिक क्रिकेट ग्राउंड में वेस्ट जोन अंडर -19 टूर्नामेंट में सिर्फ 150 गेंदों पर नाबाद 224 रन बनाए थे. ये अपने आप में एक बड़ा रिकॉर्ड था.
होबार्ट में बेलेरिव ओवल में 2016 में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दूसरे वनडे मैच में, स्मृति मंधाना ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय शतक (109 गेंदों पर 102 रन) जड़ा था. वे आईसीसी महिला टीम ऑफ द ईयर 2016 में नामित होने वाली एकमात्र भारतीय खिलाड़ी भी थीं.