World Sports Journalists Day: जानिए भारत के ऑल टाइम टॉप स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट्स के बारे में

2 जुलाई को हर साल World Sports Journalist Day मनाया जाता है. यह दिन दुनियाभर के खेल पत्रकारों को सम्मान देने और उनके काम को मान्यता देने के लिए मनाया जाता है.

World Sports Journalist Day (Photo: Wikipedia)
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 02 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 3:55 PM IST

हर साल विश्व खेल पत्रकार दिवस 02 जुलाई को मनाया जाता है. इसे अंतर्राष्ट्रीय खेल पत्रकार दिवस भी कहा जाता है, यह दिन 1994 में अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रेस एसोसिएशन ने अपनी 70वीं वर्षगांठ मनाने के लिए शुरू किया था. खेल पत्रकारिता 1800 के दशक के दौरान विकसित हुई थी लेकिन 1920 के दशक में, इस पेशे ने आकार लेना शुरू हुआ क्योंकि अखबारों ने खेल पत्रकारिता को ज्यादा समय और स्पेस देना शुरू किया. 

जब भारत में टेलीविजन प्रसारण का प्रसार नहीं हुआ था तब खेल पत्रकार ही सबसे पहले इंफर्मेशन देते थे. उस जमाने में लोगों को दुनिया भर में खेलों में होने वाली घटनाओं के बारे में जानने के लिए खेल पत्रकारों पर निर्भर रहना पड़ता था. ये पत्रकार ही थे जिन्होंने पेशे के शुरुआती दिनों में खेलों को लोकप्रिय बनाया. आज हम आपको बता रहे हैं भारत के टॉप स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट्स के बारे में. 

हरपाल सिंह बेदी 


हरपाल सिंह बेदी को अपने चार दशकों से ज्यादा के करियर में भारतीय खेलों के व्यापक कवरेज के लिए जाना जाता है. बेदी ने यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया (यूएनआई) के खेल संपादक के रूप में काम किया और वह भारतीय खेल पत्रकारिता की सबसे बड़ी शख्सियतों में से एक थे. उन्होंने द स्टेट्समैन अखबार के लिए भी सलाहकार संपादक के रूप में काम किया. अपने शानदार करियर में, उन्होंने आठ ओलंपिक खेलों और कई एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों सहित अन्य टूर्नामेंटों को कवर किया था. 

शारदा उगरा  


भारत के बेहतरीन खेल पत्रकारों में से एक शारदा उगरा भारतीय खेल पत्रकारिता के क्षेत्र में एक प्रसिद्ध हस्ती हैं. उनका लेखन सिर्फ खेलों तक सीमित नहीं है. उन्हें भारतीय खेल प्रशासन की ख़राब स्थिति के बारे में लिखने के लिए जाना जाता है. अपने 35 साल लंबे करियर में, शारदा ने मिड-डे से लेकर ईएसपीएन क्रिकइन्फो और द हिंदू तक कई संगठनों के लिए काम किया है. अवॉर्ड-विनिंग खेल पत्रकार, शारदा अब एक कॉलमनिस्ट हैं जो कई संगठनों के लिए लिखती हैं. कई लोग उन्हें उस समय का 'सर्वश्रेष्ठ खेल लेखक' मानते हैं. 

नॉरिस प्रीतम


नॉरिस प्रीतम भारत की एक उत्कृष्ट खेल पत्रकार हैं. उन्होंने उस समय भारत में ओलंपिक खेलों के बारे में कवर करने और लिखने का फैसला किया जब ओलंपिक की देश में बहुत कम उपस्थिति थी, और भारतीय एथलीटों को ओलंपिक में बहुत ज्यादा सफलता नहीं मिल रही थी. 1996 के अटलांटा ओलंपिक से लेकर 2016 के रियो ओलंपिक तक, नॉरिस ने छह ओलंपिक खेलों को कवर किया और भारत में ओलंपिक आंदोलन की लौ को जीवित रखा. ओलंपिक के अलावा, उन्होंने सात एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों और कई विश्व चैंपियनशिप को भी कवर किया. उनके महत्वपूर्ण कार्यों में से एक भारत के गोल्डन बॉय, ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप के स्वर्ण पदक विजेता नायक, नीरज चोपड़ा की जीवनी है. नॉरिस ने 'द नीरज चोपड़ा स्टोरी' किताब लिखी है जो पाठकों को बहुत पसंद आई.

वी कृष्णास्वामी


वी कृष्णास्वामी एक वरिष्ठ पत्रकार हैं, जिनके पास पांच ओलंपिक, सात एशियाई खेल, पांच राष्ट्रमंडल खेल, कई विश्व चैंपियनशिप और शतरंज और गोल्फ सहित प्रमुख खेल आयोजनों को कवर करने का 30 वर्षों से अधिक का अनुभव है. नॉरिस की तरह, उन्होंने भारत के ओलंपिक खेल आइकनों में से एक, दो बार के ओलंपिक पदक विजेता शटलर पीवी सिंधु पर किताब लिखी है. 

रोहित बृजनाथ 


रोहित बृजनाथ ने अपने करियर की शुरुआत अब बंद हो चुकी पत्रिका स्पोर्ट्स वर्ल्ड से की थी. अपने शानदार करियर में, बृजनाथ ने खुद को एक टॉप स्पोर्ट्स कॉलमनिस्ट के रूप में विकसित किया. वह लॉन्ग फॉर्मेंट में लिखने के लिए पाठकों के बीच लोकप्रिय हैं. बृजनाथ ने इंडिया टुडे, बीबीसी और स्पोर्टस्टार जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संगठनों के लिए लिखा. मिंट में साप्ताहिक प्रकाशित होने वाला उनका कॉलम 'गेम थ्योरी' काफी लोकप्रिय है. वह 2011 में प्रकाशित भारतीय निशानेबाज अभिनव बिंद्रा की जीवनी 'ए शॉट एट हिस्ट्री: माई ऑब्सेसिव जर्नी टू ओलंपिक गोल्ड' के सह-लेखक भी हैं. 

 

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