World Transplant Games: वर्ल्ड ट्रांसप्लांट गेम्स में भारत के खिलाड़ियों ने जीते 35 पदक, जानिए इन खेलों के बारे में

हाल ही में समाप्त हुए World Transplant Games 2023 में भारत की टीम ने 35 पदक हासिल किए हैं जिसमें 15 स्वर्ण, 10 रजत और 10 कांस्य पदक शामिल हैं.

Indian team participated in World Transplant Games 2023
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 26 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 1:43 PM IST
  • टीम ने 15 स्वर्ण, 10 रजत और 10 कांस्य पदक जीते

हाल ही में, ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में World Transplant Games 2023 का समापन हुआ है. आपको यह जानकर गर्व होगा कि टीम इंडिया के प्रतिभागियों ने वर्ल्ड ट्रांसप्लांट गेम्स 2023 में 35 पदक जीते. खिलाड़ियों का यह जज़्बा साबित करता है कि ऑर्गन डोनेट करने या ऑर्गन ट्रांसप्लांट कराने से किसी की जिंदगी नहीं रुकती है.  

खेलों के लिए भारत से आधिकारिक सदस्य संगठन, ऑर्गन इंडिया के अनुसार, टीम इंडिया ने ऑर्गन रिसिपेंट कैटेगरी यानी कि जिन लोगों का ऑर्गन ट्रांसप्लांट किया गया, उनकी कैटेगरी में 20 और लिविंग ऑर्गन डोनर यानी कि अंगदान करने वाले जीवित लोगों की कैटेगरी में भारत ने 15 पदक जीते. कुल मिलाकर, टीम ने 15 स्वर्ण, 10 रजत और 10 कांस्य पदक जीते.

क्या होते हैं वर्ल्ड ट्रांसप्लांट गेम्स 
ट्रांसप्लांट गेम्स उन लोगों के लिए हैं, जिनका दिल, लंग्स, लिवर, किडनी, पैनक्रियाज़, स्टेम सेल और बॉन मैरो ट्रांसप्लांट हुआ है. साथ ही, ऐसे लोग भी इसमें भाग ले सकते हैं जिन्होंने अपनी जिंदगी जीते हुए ऑर्गन डोनेट किए हैं. इन खेलों के पीछे उद्देश्य स्पष्ट है- अंग दान को बढ़ावा देना, दुनिया भर में अधिक से अधिक लोगों को रजिस्ट्रेशन करने और ऑर्गन डोनेशन को सपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित करना; और जिनमें ऑर्ंगन ट्रांसप्लांट हुए हैं उनके स्वास्थ्य और फिटनेस में सुधार करने में मदद करना. 

इन खेलों में हिस्सा लेने के लिए प्रतियोगियों को कुछ नियम फॉलो करने पड़ते हैं. जैसे उनके ट्रांसप्लांट को स्टेबल ग्राफ्ट फंक्शन के साथ कम से कम 1 साल पूरा हुआ हो और वे मेडीकली फिट हों और जिस खेल में वे हिस्सा ले रहे हैं उसके लिए ट्रेन्ड हों. हालांकि, अगर कोई स्टेबल ग्राफ्ट फंक्शन के साथ ट्रांसप्लांट के 6 महीने बाद हिस्सा लेना चाहते है तो उनके डॉक्टर की परमिशन के बाद अनुमति पर विचार किया जा सकता है. हिस्सा लेने वालों की उम्र 4 वर्ष से 80+ वर्ष तक हो सकती है. 

प्रतियोगी इन खेलों में हिस्सा ले सकते हैं- 5 किमी दौड़, साइकिलिंग, पेटानक, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, टेबल टेनिस, टेनिस, स्क्वैश, तैराकी, एथलेटिक्स, बास्केटबॉल, टेन पिन बॉलिंग, गोल्फ, डार्ट्स, स्प्रिंट ट्रायथलॉन (500 मीटर तैरना, 20 किमी साइकिल, 5 किमी दौड़), लॉन बाउल्स (एकल) और सिक्स-ए-साइड फुटबॉल आदि. 

भारत ने जीते कई पदक 
टीम इंडिया से पदक जीतने वालों में दिल्ली के दो एथलीट शामिल थे. 29 वर्षीय राहुल प्रजापति, जिनका महामारी से ठीक पहले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में हार्ट ट्रांसप्लांट हुआ था. उन्होंने डिस्कस थ्रो (18-29 आयु वर्ग) में भाग लिया और कांस्य जीता, जबकि 50 वर्षीय करहुन नंदा ने, 2016 में हार्ट ट्रांसप्लांट कराया, व्यक्तिगत गोल्फ स्पर्धा में रजत पदक जीता.

टीओआई से बात करते हुए, नंदा, ने कहा कि ट्रांसप्लांट के बाद लोग ज्यादा कुछ नहीं कर सकते हैं यह सिर्फ एक मिथक हैं. जबकि इन गेम्स में बहुत से लोगों ने इस बात को गलत साबित किया है. आपको बस अपना दृष्टिकोण बदलना है और धीरे-धीरे आप इसे मैनेज कर सकते हैं. नंदा को गर्व है कि उन्होंने देश के लिए पुरस्कार जीते. 

मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग में रसोइया का काम करने वाले प्रजापति ने कहा कि बैडमिंटन में पदक नहीं जीत पाने से वह निराश हैं. उन्होंने डिस्कस में कांस्य हासिल किया और फिर ऑस्ट्रेलिया में भारत का प्रतिनिधित्व करने पर गर्व और गर्व महसूस किया. WTG 2023 के लिए भारतीय दल में 32 एथलीट थे: 24 का ऑर्गन ट्रांसप्लांट हुआ था और सात अंग दाता थे. 

 

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