Paris Olympics 2024: कोच के लिए वीज़ा लेना हुआ इस पहलवान के लिए मुश्किल, ओलंपिक की तैयारियों पर छाए चिंता के बादल

Paris Olympics 2024: देश की पहली महिला अंडर-23 विश्व चैंपियन रीतिका ने मई में आईओए से अनुरोध किया था कि उनके कोच और फिजियो को उनके साथ पेरिस की यात्रा करने की अनुमति दी जाए. लेकिन आयोजन के बेहद करीब आकर उन्हें एक बार फिर आईओए से इसके लिए गुहार लगानी पड़ रही है.

Reetika Hooda (Photo/PTI)
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 20 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 9:58 AM IST

फ्रांस की राजधानी पेरिस में होने वाले ओलंपिक 2024 (Paris Olympics 2024) के लिए एक तरफ जहां देशभर के एथलीट कमर कस रहे हैं, वहीं भारतीय पहलवानों से जुड़ी एक के बाद एक हैरान करने वाली खबरें सामने आ रही हैं. हाल ही में पहलवान अंतिम पंघाल को अपने कोच के लिए खुद की जेब से पेरिस का टिकट खरीदना पड़ा था. अब पहलवान रीतिका हुड्डा (Reetika Hooda) को अपने कोच मंदीप को पेरिस का वीजा दिलाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. 

गुजारिश के बाद भी नहीं मिली मंजूरी
पीटीआई की ओर से प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, मंदीप को इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) की ओर से मंजूर की गई सपोर्ट स्टाफ की लिस्ट में जगह नहीं मिली है. रीतिका हेवीवेट 76 किग्रा वर्ग में क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान हैं. 

देश की पहली महिला अंडर-23 विश्व चैंपियन रीतिका ने मई में आईओए से अनुरोध किया था कि उनके कोच और फिजियो को उनके साथ पेरिस की यात्रा करने की अनुमति दी जाए. उन्होंने जून में भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) को भी ऐसा ही मेल भेजा था. 

जहां पांच अन्य पहलवानों के ट्रैवलिंग कोच के अनुरोध को मंजूरी दे दी गई है, वहीं रीतिका की गुजारिश को नजरंदाज कर दिया गया है. पीटीआई की रिपोर्ट में रीतिका के हवाले से कहा गया, “मुझे यह देखकर हैरानी हुई कि सभी को निजी कोच के साथ यात्रा करने दी गई है. अंतिम (पंघाल) को उसके दोनों कोचों के साथ यात्रा करने की मंजूरी दे दी गई है और मुझे एक भी नहीं दी गई है." 

रीतिका कहती हैं, "जब मैंने आवेदन किया था, उसके कुछ दिन बाद मुझे बताया गया कि किसी को भी निजी कोच के साथ यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जा रही है. लेकिन अब मैं देख रही हूं कि मेरे अलावा सभी को अनुमति दे दी गई है." 

किसका साथी कौन?
गौरतलब है कि विनेश फोगाट बेल्जियम के वोलेर अकोस के साथ यात्रा करेंगी जबकि अंतिम को उनके कोच भगत सिंह और साथी विकास का समर्थन मिलेगा. अंशू मलिक (57 किग्रा) के निजी कोच उनके पिता धर्मवीर होंगे जबकि निशा दहिया (68 किग्रा) के साथ कोच आमिर यात्रा करेंगे. एकमात्र पुरुष पहलवान अमन सहरावत को पेरिस में अली शाबानोव की सेवाएं मिलेंगी. 

रीतिका ने कहा, “अभ्यास करने और अपनी तैयारियों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, मैंने अपना दिन आईओए अधिकारियों से बात करने में बिताया है. मैंने पीटी उषा मैडम और सीईओ रघुराम अय्यर से भी बात की. वे कह रहे हैं कि वे कोशिश करेंगे." 

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, आईओए अध्यक्ष पीटी उषा के कार्यालय को संभालने वाले अजय नारंग ने दावा किया कि रीतिका का अनुरोध उन तक कभी नहीं पहुंचा. उनके पास आवेदन वाला ई-मेल भी नहीं पहुंचा है. नारंग ने कहा, “किसी तरह यह ई-मेल सही लोगों तक नहीं भेजा गया. हमने रीतिका से कहा है कि वे उनके कोच के वीजा के लिए आवेदन कर सकती हैं और हम फ्रांसीसी दूतावास से इसे समय पर मंजूरी देने का अनुरोध करेंगे." 

रिकमेंडेशन लेटर का अब भी इंतजार 
आईओए ने हालांकि अभी तक रीतिका को कोई रिकमेंडेशन लेटर जारी नहीं किया है, जिसके बिना उनके आवेदन पर विचार नहीं किया जा सकता. पीटीआई ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष संजय सिंह के हवाले से कहा कि उन्होंने आईओए से रीतिका के कोच के नाम को मंजूरी देने का अनुरोध किया था. 

संजय सिंह ने कहा, “मुझे हैरानी है कि उन्हें अभी तक रिकमेंडेशन लेटर नहीं दिया गया है. मैंने कल भी आईओए अधिकारियों से बात की थी. मैं फिर उनसे बात करूंगा और उनकी मदद करने की कोशिश करूंगा. यह उसके लिए इन सब चीजों से जूझने का समय नहीं है." 

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