AI बना वकील! कोर्ट में वर्चुअल वकील देख जजों का पारा चढ़ा, बोले- हमें बेवकूफ मत बनाओ

Dewald की एक कंपनी भी है, जो AI-सपोर्ट से कोर्ट में खुद का प्रतिनिधित्व करने वालों के लिए टूल्स बनाती है. जाहिर है, उनका इरादा था कि कोर्ट में उनका AI प्रदर्शन एक तरह से उनके स्टार्टअप का ‘लॉन्च पैड’ बन जाए. लेकिन कोर्ट को ये ‘AI तमाशा’ कतई मंजूर नहीं.

AI became a lawyer
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 14 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 3:15 PM IST

सोचिए, आप एक कोर्ट की सुनवाई में बैठे हैं. केस गंभीर है, पक्षकार सामने खड़ा है और अपनी बात कहने के लिए एक वीडियो प्ले करता है. उसमें दिखता है एक साफ-सुथरा, तेज-तर्रार शख्स- जो पूरे आत्मविश्वास से कहता है, “It may please the court…” यानी "माननीय न्यायालय की सेवा में प्रस्तुत हूं..."

जज भी थोड़ी देर तक ध्यान से सुनते हैं. लेकिन तभी सारा मामला पलट जाता है, जब उनसे पूछा जाता है – "क्या ये आपके वकील हैं?" और जवाब आता है- "नहीं, मैंने इसे जनरेट किया है."

बस! सुनवाई यहीं रोक दी गई. जज का चेहरा तमतमाया और जवाब आया- "मुझे ये बिल्कुल पसंद नहीं कि मुझे भ्रमित किया जाए. इसे बंद कर दीजिए."

74 साल का Jerome Dewald और उसका AI वकील
न्यूयॉर्क की इस हाई-वोल्टेज कोर्ट ड्रामा के हीरो हैं 74 साल के जेरोम डेवाल्ड, जो खुद को टेक्नोलॉजी इनोवेटर मानते हैं. वो एक केस में स्वयं की ओर से पेश हुए थे, लेकिन अपनी दलील खुद देने के बजाय, उन्होंने कोर्ट में एक AI-जेनरेटेड अवतार को भेज दिया!

यह अवतार न केवल उनके शब्द दोहरा रहा था, बल्कि एक प्रोफेशनल वकील की तरह दिख रहा था– स्मार्ट, कॉन्फिडेंट और बेहद प्रभावशाली.
जजों को लगा कि यह कोई असली वकील है. लेकिन जब खुलासा हुआ कि यह एक कंप्यूटर द्वारा जनरेट किया गया फेक वकील था, तो पूरे कोर्टरूम में सनसनी फैल गई.

‘स्टार्टअप प्रमोशन मत बनाओ कोर्ट को!’- जज की फटकार
जस्टिस सैली मैनजानेट-डेनियल्स (Justice Sallie Manzanet-Daniels) ने गुस्से में कहा "आपको यह पहले ही बताना चाहिए था कि ये कोई असली इंसान नहीं है. मैं नहीं चाहती कि मुझे गुमराह किया जाए. ये कोर्ट है, कोई AI लॉन्च इवेंट नहीं!" उन्होंने साफ कहा, “आप इस कोर्टरूम को अपनी कंपनी के प्रमोशन के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते.”

सोशल मीडिया पर वायरल, मीम्स की बाढ़!
इस अनोखे घटनाक्रम का वीडियो इंटरनेट पर आते ही आग की तरह फैल गया. किसी ने लिखा, “ये कौन सा Saul Goodman 2050 edition है?” दूसरे यूज़र ने चुटकी ली, “74 साल की उम्र में लोग तीर्थ यात्रा करते हैं, ये जनाब कोर्ट में AI अवतार भेज रहे हैं!”
कुछ लोग जहां इस हरकत को भ्रामक और अनैतिक मान रहे हैं, वहीं टेक्नोलॉजी प्रेमियों को ये भविष्य की झलक लगी.

Dewald का बचाव
पूरा मामला बिगड़ता देख जेरोम डेवाल्ड ने कोर्ट को एक माफीनामा भेजा, जिसमें उन्होंने लिखा, “मेरा मकसद किसी को गुमराह करना नहीं था. मैं सिर्फ अपनी बात सबसे स्पष्ट और प्रभावी ढंग से रखना चाहता था. पर मैं मानता हूं कि पारदर्शिता सबसे पहले होनी चाहिए.”

अगर आप सोच रहे हैं कि कोर्ट में AI का यह पहला ड्रामा है, तो जरा 2023 की घटना याद कीजिए. जब दो वकीलों ने ChatGPT से लीगल रिसर्च करवाई और कोर्ट में फर्जी केस पेश कर दिए! नतीजा? $5000 का जुर्माना और शर्मिंदगी.

बता दें, Dewald की एक कंपनी भी है, जो AI-सपोर्ट से कोर्ट में खुद का प्रतिनिधित्व करने वालों के लिए टूल्स बनाती है. जाहिर है, उनका इरादा था कि कोर्ट में उनका AI प्रदर्शन एक तरह से उनके स्टार्टअप का ‘लॉन्च पैड’ बन जाए. लेकिन कोर्ट को ये ‘AI तमाशा’ कतई मंजूर नहीं.


 

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