पहले स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस की उड़ान. उसके बाद प्रचंड लड़ाकू हेलीकॉप्टर से दुनिया में डंका बजाने के बाद अब भारत में वायु सेना के लिए परिवहन विमान C-295 का निर्माण शुरु होने जा रहा है. ये विमान ना सिर्फ देश की जरूरतों को पूरा करेगा बल्कि इसे निर्यात भी किया जाएगा.
21 हजार करोड़ की परियोजना का हिस्सा है
सितंबर 2021 में भारत ने एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ करीब 21,000 करोड़ रुपए का एक समझौता किया था. इसमें पुराने एवरो-748 की जगह C-295 एयरक्राफ्ट खरीदने पर डील हुई थी. इस समझौते के तहत 56 विमानों की खरीद पर सहमति हुई थी. इनमें से 16 विमान स्पेन से बनकर आएंगे और बाकी 40 गुजरात के वडोदरा में बनाए जाएंगे.
30 अक्टूबर को पीएम मोदी रखेंगे नींव
मेक इन इंडिया और देश में विमान के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए 30 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वडोदरा में इस प्रोजेक्ट की नींव रखेंगे.
भारत में ट्रांसपोर्ट विमान C-295MW का निर्माण टाटा कंसोर्टियम की ओर से किया जाएगा, जिसमें टाटा ग्रुप की 2 कंपनियां शामिल हैं. यह अपनी तरह की पहली परियोजना है. जिसमें एक निजी कंपनी भारत में एक सैन्य विमान का निर्माण करेगी. परियोजना की कुल लागत 21,935 करोड़ रुपए है. विमान का इस्तेमाल नागरिक उद्देश्यों के लिए भी किया जा सकता है.
स्पेन के सहयोग से होगा विमान का निर्माण
विमान का निर्माण स्पेन के सहयोग से होगा, लेकिन विमान में लगने वाले टूल, जिग्स और टेस्टर के साथ 13,400 से अधिक डिटेल पार्ट, 4,600 सब-असेंबली और सभी सात मेजर कंपोनेंट असेंबलियों का निर्माण भारत में किया जाएगा. इसके अलावा विमान इंजन, लैंडिंग गियर, एवियोनिक्स, ईडब्ल्यू सूट आदि एयरबस डिफेंस एंड स्पेस की ओर से तैयार करके दी जाएगी और जिनको लगाने का काम टाटा कंसोर्टियम करेगी. टाटा कंसोर्टियम ही विमान और इसकी उड़ान का परीक्षण भी करेगी. टाटा कंसोर्टियम ही इसकी डिलिवरी भी करेगी.
वायुसेना में पुराने एवरो विमान की जगह लेगी एयरबस
C-295 MW ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल एयरफोर्स करती है. ये विमान भारतीय वायु सेना के पुराने एवरो विमान की जगह लेगा. जहां तक C-295 MW की क्षमता की बात है. ये विमान वर्तमान तकनीक के साथ 5 से 10 टन क्षमता का परिवहन विमान है. इसमें त्वरित प्रतिक्रिया और सैनिकों और कार्गो के पैरा ड्रॉपिंग के लिए एक रियर रैंप दरवाजा भी होता है. यही नहीं आधी-अधूरी तैयार सतहों से भी ये टेक-ऑफ और लैंड कर सकता है. यह विमान भारतीय वायुसेना की ताकत में इजाफा करेगा.
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि स्पेन के सहयोग से बन रहे 16 विमान सितंबर 2023 से अगस्त 2025 के बीच वायुसेना को सौंप दिए जाएंगे. जबकि देश में बने विमानों की आपूर्ति 2026 से 2031 तक की जाएगी.
क्या है इस एयरबस की खासियत?