ANDI: ये है दुनिया का पहला सांस लेने वाला Robot, मेहनत करने पर आएगा पसीना, ठंड लगने पर कांपेगा, किसी भी मायने में इंसान से कम नहीं, जानें इसकी खासियत

ANDI Robot की बॉडी में स्किन के 35 लेयर लगाए गए हैं. इससे इंसान की तरह ही असली पसीना निकलता है. इस थर्मल रोबोट में ऐसी खासियत डाली गई है कि ये किसी भी एंगल से इंसान से कम नहीं लग रहा है.

ANDI Robot (photo twitter)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 11 जून 2023,
  • अपडेटेड 7:52 PM IST
  • स्वेटी बेबी रोबोट से बच्चों की हेल्थ कंडीशन को समझने में मिलेगी मदद 
  • यूएस के एक फर्म ने बनाए हैं ऐसे रोबोट 

पहले रोबोट का इस्तेमाल वैज्ञानिक छोटे-मोटे कामों के लिए किया करते थे. आज इनकों और एडवांस बनाकर कई सारे काम लिए जा रहे हैं. कहीं रोबोट रेस्त्रां में खाना बना और परोस रहे हैं तो कहीं सिक्योरिटी की काम कर रहे हैं. इतना ही नहीं जिन कामों को करने में इंसान को मेहनत करनी पड़ती थी, अब रोबोट्स उन्हें आसानी से कर देते हैं. अब वैज्ञानिकों ने एक और कदम आगे बढ़ाते हुए ऐसा रोबोट तैयार किया है जो इंसानों की तरह सांस लेता है. जी हां, इस रोबोट के नाम  ANDI (एएनडीआई) है. इसमें अनेकों खासियत हैं.

एंडी दुनिया का पहला ऐसा रोबोट है जिसे पसीना निकलता है. इस वजह से इसे स्वेटी रोबोट भी नाम दिया गया है. इतना ही नहीं यह रोबोट ठंड लगने पर कंपात भी है. इस थर्मल रोबोट में ऐसी खासियत डाली गई है कि ये किसी भी एंगल से इंसान से कम नहीं लग रहा है.

बनाने का क्या है मकसद
ANDI रोबोट की बॉडी में स्किन के 35 लेयर लगाए गए हैं. इससे इंसान की तरह ही असली पसीना निकलता है. यूएस फर्म Thermetrics ने ऐसे 10 रोबोट बनाए हैं. इस फर्म का मकसद एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स को ये समझाने का है कि भीषण गर्मी इंसान की बॉडी पर क्या प्रभाव डाल सकती है. 

स्वेटी बेबी भी बनाए हैं
इस रोबोट को बनाने के प्रोजेक्ट को लीड कर रहे एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी में स्कूल फॉर इंजीनियरिंग ऑफ मैटर, ट्रांसपोर्ट एंड एनर्जी के एसोसिएट प्रोफेसर कोनराड रिकाजवेस्की ने बताया कि एंडी को पसीना आएगा. जब उसे ठंड लगेगी तो वो कांपेगा भी. यानी ये पूरी तरह से इंसान जैसा ही होगा. फर्म ने इसी मॉडल के आधार पर स्वेटी बेबी भी बनाए हैं. इनसे बच्चों के कई हेल्थ कंडीशन को समझने में मदद ली जाएगी. शोधकर्ताओं ने विभिन्न आयु समूहों और शरीर के प्रकारों पर अत्यधिक तापमान के प्रभावों को समझने के लिए फीनिक्स में गर्म क्षेत्रों में ANDI का उपयोग करने और थर्मल पुतला का परीक्षण करने की योजना बनाई है.

 

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