आपके बैंक और सरकारी कॉल्स हो सकते हैं नकली! दूरसंचार विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को दी सख्त चेतावनी

कॉलर आईडी स्पूफिंग एक गंभीर अपराध है जो लोगों की गोपनीयता और सुरक्षा को खतरे में डालता है. DoT का यह कदम ऐसे अपराधों को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है. सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और ऐप होस्टिंग सेवाओं को समय रहते इस निर्देश का पालन करना चाहिए.

Caller ID Spoofing (Photo/Getty Images)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 20 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 1:31 PM IST

दूरसंचार विभाग (Department of Telecommunications - DoT) ने 18 फरवरी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और एप्लिकेशन होस्टिंग सेवाओं को एक एडवाइजरी जारी की है. इस एडवाइजरी में उन कंटेंट और एप्लीकेशन को तुरंत हटाने का निर्देश दिया गया है जो कॉलिंग लाइन आइडेंटिफिकेशन (Calling Line Identification - CLI) या कॉलर आईडी स्पूफिंग को बढ़ावा देते हैं या इसकी सुविधा प्रदान करते हैं.

यह कदम उस बढ़ती चिंता के जवाब में उठाया गया है जिसमें तकनीक का गलत इस्तेमाल कर फोन नंबर छिपाए जा रहे हैं, जिससे संभावित धोखाधड़ी और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया जा सकता है.

क्या है कॉलर आईडी स्पूफिंग?
कॉलर आईडी स्पूफिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कॉलर का असली नंबर छिपाकर रिसीवर के फोन पर कोई और नंबर प्रदर्शित किया जाता है. उदाहरण के तौर पर, किसी व्यक्ति को ऐसा महसूस कराया जा सकता है कि बैंक, पुलिस या किसी दूसरे इंस्टीट्यूट से कॉल आ रहा है, जबकि वास्तविक कॉलर कोई और है. यह तरीका ठगी और धोखाधड़ी के मामलों में काफी उपयोग किया जाता है.

DoT की एडवाइजरी में क्या कहा गया है?
DoT ने अपने बयान में बताया कि एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ने लोगों को यह सिखाने के लिए एक वीडियो पोस्ट किया कि कैसे अपने कॉलिंग लाइन आइडेंटिफिकेशन (CLI) को बदला जा सकता है ताकि रिसीवर को किसी अन्य नंबर से कॉल आता हुआ दिखे. DoT ने इसे "टेलीकम्युनिकेशन आइडेंटिफिकेशन से छेड़छाड़" और तकनीकी रूप से कॉलर आईडी स्पूफिंग कहा है.

DoT ने इस बात पर जोर दिया कि CLI स्पूफिंग और टेलीकॉम आइडेंटिफिकेशन से छेड़छाड़ गंभीर अपराध हैं. यह Cognizable और गैर-जमानती (Non-bailable) है, जिसका मतलब है कि पुलिस ऐसे मामलों में बिना वारंट के गिरफ्तारी कर सकती है.

सोशल मीडिया और ऐप्स के लिए निर्देश
एडवाइजरी में कहा गया है कि जो प्लेटफॉर्म इस तरह का कंटेंट या एप्लिकेशन होस्ट कर रहे हैं, वे भी टेलीकॉम एक्ट का उल्लंघन कर रहे हैं. इसमें कहा गया, "जो भी एप्लिकेशन CLI, IP एड्रेस, IMEI आदि से छेड़छाड़ की सुविधा देता है, वह उपयोगकर्ताओं को अपराध करने में सहायक है और टेलीकॉम एक्ट, 2023 के प्रावधानों का उल्लंघन कर रहा है. इसलिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और एप्लिकेशन होस्टिंग प्लेटफॉर्म्स को ऐसे सभी कंटेंट और एप्लिकेशनों को तुरंत हटाने का निर्देश दिया गया है."

DoT ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर ऐसे कंटेंट को नहीं हटाया गया तो प्लेटफॉर्म्स पर भी टेलीकॉम एक्ट की धारा 42 के तहत कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.

CLI (Calling Line Identification) का मतलब क्या है?
CLI या कॉलिंग लाइन आइडेंटिफिकेशन उस प्रक्रिया को कहते हैं जिसके माध्यम से रिसीवर के डिवाइस पर कॉलर का फोन नंबर दिख रहा होता है. यह तकनीक कॉलर को पहचानने में मदद करती है और संभावित फ्रॉड को रोकने में मदद कर सकती है. लेकिन जब CLI का दुरुपयोग किया जाता है, तो यह धोखाधड़ी का एक शक्तिशाली माध्यम बन सकता है. 

प्लेटफॉर्म्स को 28 फरवरी तक रिपोर्ट देना अनिवार्य
DoT ने निर्देश दिया है कि सभी सोशल मीडिया और ऐप प्लेटफॉर्म 28 फरवरी, 2025 तक अपनी अनुपालन रिपोर्ट dirdiu-dot@gov.in पर जमा करें. जो प्लेटफॉर्म्स इस निर्देश का पालन नहीं करेंगे, उन पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.

Caller ID Spoofing से जुड़े खतरों को समझें

  • धोखाधड़ी और ठगी: बैंक, क्रेडिट कार्ड कंपनियों या सरकारी एजेंसियों के नाम पर फर्जी कॉल करके लोगों से निजी जानकारी हासिल करना.
  • ब्लैकमेल: किसी व्यक्ति को डरा-धमकाकर पैसे ऐंठने के लिए फर्जी नंबर का इस्तेमाल.
  • फिशिंग स्कैम्स: फोन पर झूठी सूचनाएं देकर लोगों को लुभाना और उनसे प्राइवेट डेटा चुराना.

बचाव के उपाय

  • अज्ञात कॉल्स से सतर्क रहें: अनजाने नंबर से आए कॉल्स को सावधानी से हैंडल करें.
  • पर्सनल जानकारी न दें: फोन पर कभी भी अपने बैंक अकाउंट, पिन या अन्य गोपनीय जानकारी साझा न करें.
  • संदिग्ध कॉल्स की रिपोर्ट करें: अगर आपको किसी फर्जी कॉल का सामना होता है, तो तुरंत टेलीकॉम अथॉरिटी या साइबर सेल को सूचित करें.

कॉलर आईडी स्पूफिंग एक गंभीर अपराध है जो लोगों की गोपनीयता और सुरक्षा को खतरे में डालता है. DoT का यह कदम ऐसे अपराधों को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है. सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और ऐप होस्टिंग सेवाओं को समय रहते इस निर्देश का पालन करना चाहिए.

 

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