आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) ने आज हमारे जीवन को कई तरह से प्रभावित किया है. इनमें से एक जरूरी नाम है ChatGPT. ये सिर्फ एक आम चैटबॉट नहीं है, बल्कि एक ऐसा टूल है जो नॉलेज, एनालिसिस, और सुझावों से हर समस्याओं को हल करने में मदद करता है. चैटजीपीटी का इस्तेमाल अब केवल सवालों के जवाब देने तक नहीं है. लोग इसे लिखने-पढ़ने, करियर गाइडेंस, और यहां तक कि हेल्थ से संबंधित सलाह लेने के लिए भी इस्तेमाल कर रहे हैं.
सेहत के मामले में चैटजीपीटी मददगार साबित हो रहा है. चैटजीपीटी की मदद से एक शख्स की जान बची है. दरअसल एक व्यक्ति ने रैडिट पर अपनी कहानी शेयर करते हुए बताया कि कैसे इस AI चैटबॉट ने उनकी जान बचाई. उन्होंने बताया कि वर्कआउट करने के बाद वह गंभीर रूप से बीमार हो गए, लेकिन चैटजीपीटी की मदद से उन्हें सही समय पर इलाज मिला.
वर्कआउट बना बड़ा खतरा
इस चैटजीपीटी यूजर के मुताबिक, यह सब एक वर्कआउट के बाद शुरू हुआ. उन्होंने पुश-अप्स, स्क्वॉट्स और प्लैंक्स किए थे. हालांकि, वर्कआउट ज्यादा मुश्किल नहीं था, लेकिन उनके ज्यादा कॉफी पीने और डिहाइड्रेशन की वजह से परेशानी बढ़ गई. उन्हें ऐसा महसूस हो रहा था जैसे उनकी बॉडी बुरी तरह से घायल हो. शुरुआत में, उन्होंने इसे नजरअंदाज किया, लेकिन दो दिन बाद भी जब तबीयत में सुधार नहीं हुआ, तो उन्हें चिंता होने लगी.
चैटजीपीटी से मांगी मदद
लगातार दो दिन तक तबीयत ठीक नहीं हुई तो उन्होंने लक्षणों के बारे में जानने के लिए चैटजीपीटी की मदद ली. चैटजीपीटी ने उनकी जानकारी का एनालिसिस करते हुए सुझाव दिया कि उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. चैटबॉट ने संभावना जताई कि यह रैबडोमायलिसिस (मध्यम से गंभीर) हो सकता है. यह सुनकर वह और भी ज्यादा सतर्क हुए और इस बीमारी के बारे में जानकारी ली.
उन्हें पता चला कि उनके लक्षण इस बीमारी से पूरी तरह मेल खा रहे हैं. चैटजीपीटी की सलाह पर भरोसा करते हुए वह तुरंत अस्पताल गए. अस्पताल में डॉक्टरों ने पुष्टि की कि उन्हें गंभीर रैबडोमायलिसिस है. ये एक ऐसी स्थिति है जिसमें मसल्स का तेजी से टूटना शुरू हो जाता है और प्रोटीन का लीकेज किडनी को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है. डॉक्टरों ने उन्हें तुरंत भर्ती कर लिया और एक हफ्ते तक अस्पताल में उनकी क़ीशन पर नजर रखी गई. व्यक्ति ने बताया कि उन्होंने अपनी लैब रिपोर्ट का भी एनालिसिस चैटजीपीटी से कराया. चैटबॉट की जानकारी डॉक्टरों के एनालिसिस से ही मेल खा रही थी.
रेडिट पर शेयर की कहानी
रेडिट पर अपनी कहानी शेयर करते हुए उन्होंने चैटजीपीटी की तारीफ की. उन्होंने लिखा कि अभी तक उन्होंने कई कहानियां सुनी थीं जहां चैटजीपीटी ने लोगों की जान बचाई है, लेकिन उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि यह एक दिन उनकी भी मदद करेगा. उनकी पोस्ट पर कई और यूजर्स ने अपनी कहानियां शेयर कीं, जहां चैटजीपीटी ने उनकी या उनके परिवार के लोगों की मदद की थी.
चैटजीपीटी ने बचाई बिल्ली की भी जान
रेडिट पर इस पोस्ट के बाद कई यूजर्स के रिएक्शन आए, एक रेडिट यूजर ने बताया कि चैटजीपीटी ने मेरी बिल्ली की जान भी बचाई. डॉक्टर ने सोचा था कि मेरी बिल्ली की पिछले पैरों में ब्लड क्लॉट्स हैं और उन्होंने उसे मारने की सलाह दी. मैंने डॉक्टर की बात मानने से मना कर दिया और चैटजीपीटी से इसके लक्षणों के बारे में पूछा. चैटजीपीटी ने कहा कि उसकी हाई ब्लड प्रेशर की जांच कराएं. सच में, उसकी समस्या हाई ब्लड प्रेशर की थी, ब्लड क्लॉट्स की नहीं. बिल्ली आज 18 महीने के बाद भी हेल्दी है.
(यह रिपोर्ट निशांत सिंह ने लिखी है. निशांत Gnttv.com के साथ बतौर इंटर्न काम कर रहे हैं)