Digital Personal Data Protection Bill: डेटा प्रोटेक्शन बिल से आम लोगों को क्या फायदा, जानें क्यों है आपके लिए जरूरी?

इससे पहले Digital Personal Data Protection Bill 2022 का ड्राफ्ट नवंबर में पेश किया गया था लेकिन विपक्ष ने इसमें 88 संशोधन बताए थे. जिसके बाद इसे दोबारा 20 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र में पेश किए जाने की उम्मीद है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को ड्राफ्ट बिल को मंजूरी दे दी.

Data Protection Bill
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 06 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 12:41 PM IST
  • डेटा प्रोटेक्शन बिल को कैबिनेट से मंजूरी
  • आपके डेटा को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी

Digital Personal Data Protection Bill 2022 केंद्र द्वारा बनाए जा रहे Technology नियमों का एक जरूरी पिलर है. इसमें डिजिटल इंडिया विधेयक भी शामिल है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा निजता को मौलिक अधिकार मानने के लगभग 6 साल बाद केंद्र ने डेटा की सुरक्षा के लिए कानून बनाने का दूसरा प्रयास किया है. इससे पहले Digital Personal Data Protection Bill 2022 का ड्राफ्ट नवंबर में पेश किया गया था लेकिन विपक्ष ने इसमें 88 संशोधन बताए थे. जिसके बाद इसे दोबारा 20 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र में पेश किए जाने की उम्मीद है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को ड्राफ्ट बिल को मंजूरी दे दी.

आपके डेटा को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी

हालांकि नवंबर के ड्राफ्ट बिल में कुछ सबसे विवादास्पद मुद्दों को बरकरार रखा गया है. इनमें केंद्र और उसकी एजेंसियों को व्यापक छूट देना और डेटा सुरक्षा बोर्ड की भूमिका को कमजोर करना भी शामिल है. डिजिटल पर्सनल डेटा बिल ग्राहक और कंपनी दोनों के लिए बनाया गया है. ये बिल हमारे आपके डेटा को सुरक्षित रखने में मदद करेगा. आपके पर्ननल डेटा का गलत इस्तेमाल ना हो, इसलिए इस बिल को पेश किया जा रहा है.  

भारत में सभी ऑनलाइन और ऑफलाइन डेटा इसके लीगल डोमेन के अंतर्गत आएंगे. इस बिल के तहत किसी के व्यक्तिगत डेटा को तभी लिया जा जा सकता है जब संबंधित व्यक्ति ने इसके लिए सहमति दी हो. हालांकि राष्ट्रीय सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के मामलों में इसके लिए अनुमति की जरूरत नहीं होगी. अधिनियम के प्रावधानों की निगरानी के लिए डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड बनाने का प्रावधान है.

आम लोगों को क्या फायदा होगा?

  • अगर आपको लगता है कि आपके व्यक्तिगत डेटा जैसे (सेल फोन नंबर या आधार कार्ड की जानकारी) का उपयोग आपकी सहमति के बिना किया गया है तो ये विधेयक आम लोगों को डेटा संरक्षण बोर्ड में शिकायत करने की इजाजत देता है. इससे क्राइम की घटनाएं कम होंगी. लोग अपनी शिकायत बोर्ड में कर पाएंगे. ये बोर्ड प्राइवेसी संबंधित मुद्दों को हल करने पर काम करेगा. बोर्ड के पास जुर्माने की राशि तय करने का अधिकार होगा.  

  • डेटा प्रोटेक्शन को लेकर अगर कोई कानून तोड़ता है तो संबंधित व्यक्ति अदालत जा सकता है. इसके जरिए लोगों को अपने डेटा कलेक्शन, स्टोरेज और प्रोसेसिंग के बारे में डिटेल मांगने का अधिकार मिल जाएगा. 

  • कोई भी कंपनी अगर लोगों का पर्सनल डेटा इकट्ठा करती है, तो वो डेटा पूरी तरह से सुरक्षित रहे इसकी जिम्मेदारी भी कंपनी को लेनी होगी. इतना ही नहीं डेटा सिर्फ तब स्टोर किया जा सकेगा जब तक बेहद जरूरी न हो. डेटा प्रोटेक्शन बिल आने से देश में डिजिटल इकॉनमी बढ़ेगी. कंपनियों को देश में सर्वर रखना होगा.

  • ये बिल सरकार को कंपनियों पर फाइन लगाने और यूजर्स के डेटा को सुरक्षित रखने की पावर देता है. अगर किसी भी तरह का डेटा ब्रीच होता है तो उस कंपनी या फिर जिम्मेदार व्य​क्ति पर 250 करोड़ रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है. बच्चों के डेटा के लिए माता-पिता की सहमति जरूरी होगी. 

  • अगर कोई प्लेटफॉर्म किसी का पर्सनल डेटा जुटाना चाहता है तो उसे पहले संबं​धित व्यक्ति या संस्थान को नोटिस देना होगा है, जिसमें व्यक्तिगत डेटा का विवरण और उसे इसकी क्यों जरूरत है, इसकी जानकारी देनी होगी.

  • कई देशों में डेटा प्रोटेक्शन को लेकर सख्त कानून बने हैं. भारत में ऐसा कोई कानून फिलहाल नहीं है. कानून न होने की वजह से देश में ऑनलाइन फ्रॉड के मामले बढ़ रहे हैं. आए दिन बैंक, क्रेडिट कार्ड से जुड़ी जानकारियां लीक होने की खबरें आती हैं. इस कानून के बाद आपकी पर्सनल डिटेल्स सुरक्षित रहेंगी.

 

Read more!

RECOMMENDED