Google ने AI Chatbot को लेकर कर्मचारियों को दिया निर्देश, कहा Bard से प्यार से करें बात

ChatGPT को टक्कर देने के लिए Google अपना Bard AI chatbot को लाने की तैयारी कर रही है. जिसकी अभी टेस्टिंग चल रही है. Bard AI chatbot की टेस्टिंग को लेकर गूगल ने अपने कर्मचारियों को कुछ निर्देश दिए है.

Google Bard AI chatbot
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 17 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 2:48 PM IST
  • नेचुरल वॉइस में और निर्विवाद रूप से बात करें
  • एक व्यक्ति के रूप में डिस्क्राइब नहीं करने के लिए कहा गया है

पिछले साल 2022 में लॉन्च हुए ChatGPT ने दुनियाभर में अपना एक बड़ा मार्केट बना लिया है. ये इतनी तेजी लोकप्रिय हुआ है कि कंपनी ने इसका पेड वर्जन भी निकाल दिया है. हालांकि उसे टक्कर देने के लिए गूगल ने अपना एआई चैटबॉट बार्ड पेश किया है. लेकिन फिलहाल ये अभी टेस्टिंग फेज में ही चल रहा है. इसकी टेस्टिंग के बीच में गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने अपने कर्मचारियों को एक मेल लिखकर एआई चैटबॉट बार्ड का इस्तेमाल करने के दौरान कुछ बातों को ध्यान में रखने के लिए कहा है. आइये जानते हैं कि सुंदर पिचाई ने कर्मचारियों से क्या कहा है. 

Bard के टेस्टिंग के दौरान क्या करें

  • गूगल ने अपने कर्मचारियों को Bard के टेस्टिंग के दौरान उन विषयों के बारे में दोबारा लिखे जिनके बारे में आप अच्छे से समझते हैं. इससे बार्ड को उदाहरण के रूप में अच्छी तरह से सीखेगा. साथ ही प्रतिक्रिया को फिर से लिखने और मोड में सुधार करने में मदद मिलेगी. 
  • Bard के टेस्टिंग के दौरान इसके रिएक्शन को विनम्र, आकस्मिक और सरल रखें. ताकि जब भी यह किसी सवाल का जवाब दे तो वह फर्स्ट पर्सन में हो. 
  • टेस्टिंग के दौरान इससे नेचुरल वॉइस में और निर्विवाद रूप से बात करें. 
  • इसके साथ ही गूगल की तरफ से कर्मचारियों को कहा गया है कि जब भी बार्ड कानूनी, चिकित्सा, वित्तीय सलाह" प्रदान करने वाले या घृणित और अपमानजनक जवाब दे तो इसे थम्स डाउन कर दें. 

Bard के टेस्टिंग के दौरान क्या ना करें

  • Bard के टेस्टिंग के दौरान गूगल के कर्मचारियों को कुछ चीजों को नहीं करने के लिए कहा गया है. 
  • बार्ड के टेस्टिंग के दौरान जाति, राष्ट्रीयता, लिंग, आयु, धर्म, यौन अभिविन्यास, राजनीतिक विचारधारा, स्थान, या इसी तरह की श्रेणियों के आधार पर अनुमान लगाने से बचने के लिए कहा है. 
  • टेस्टिंग के दौरान बार्ड को एक व्यक्ति के रूप में डिस्क्राइब नहीं करने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही भावनाओं को व्यक्त न करने और मानव-समान अनुभवों का दावा नहीं करने के लिए कहा गया है. 

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