सोशल मीडिया सभी को अपनी बात रखने का एक प्लेटफॉर्म देता है. यहां कोई भी अपनी बात बिना किसी काट-छांट के खुलकर सकता है. जहां कुछ लोग इसका इस्तेमाल जनहित के लिए करते हैं, वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं इसका गलत इस्तेमाल करते हैं. आए दिन पत्रकारों, एक्टिविस्ट और पब्लिक फिगर वाले लोगों को उत्पीड़न (Harassment) जैसी चीजों का भी सामना करना पड़ता है. अब इसी से बचाने और इस स्पेस को सुरक्षित बनाने के लिए गूगल ने एक एंटी-हरस्मेंट (Anti Harassment) फ़िल्टर लॉन्च किया है.
यूज़र को मिलेगा बल्क फ़िल्टरिंग और रिपोर्टिंग सिस्टम
द वर्ज के अनुसार, गूगल की जिगसॉ यूनिट ने ओपन-सोर्स एंटी-हैरेसमेंट टूल के लिए कोड जारी किया है. ये वर्तमान में ट्विटर के एपीआई के साथ मॉडरेशन ऑप्शन को चेक करने और जोड़ने पर काम कर रहा है. इसमें यूजर को कई सारे ऑप्शन जैसे ट्वीट के रिप्लाई को छिपाना और अकाउंट को म्यूट करना या ब्लॉक करना शामिल है. इसके साथ बल्क फ़िल्टरिंग और रिपोर्टिंग सिस्टम भी इसमें शामिल है.
स्टैंडअलोन रिपोर्ट बना सकेंगे यूजर
इसके साथ इसमें गूगल अपने यूजर को अपमानजनक मैसेज या वो मैसेज जिसमें उन्हें कुछ ख़राब बोला गया है, उसके लिए एक स्टैंडअलोन रिपोर्ट डाउनलोड करने देने का ऑप्शन भी देगा. इसकी मदद से यूज़र आसानी से ऐसे मैसेज का पेपर ट्रेल बना सकेगा जिसमें उसे धमकी या कुछ और बोला गया है.
महिला पत्रकारों के लिए लिया गया है फैसला
दरअसल, गूगल ने इसकी घोषणा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन दी है. ये मुख्य तौर पर महिला पत्रकारों के लिए लॉन्च किया जायेगा. आए दिन महिला पत्रकारों को सोशल मीडिया पर रेप थ्रेट, गाली-गलौच या अपशब्दों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में ये टूल उन्हें एक हद तक इन सब चीजों से बचा सकेगा.
गूगल ने अपने एक पोस्ट में कहा, "हमें उम्मीद है कि यह टेक्नोलॉजी ऑनलाइन हरस्मेंट का सामना कर रहे लोगों, विशेष रूप से महिला पत्रकारों, कार्यकर्ताओं, राजनेताओं और दूसरे पब्लिक फिगर के लिए एक रिसोर्स के रूप में काम करेगी.”