अमेजन के मालिक जेफ बेजोस की एक अन्य कंपनी ब्लू ऑरिजिन की फ्लाइट ने अंतरिक्ष में दो साल के ब्रेक के बाद उड़ान भरी. सितंबर 2022 में एनएस-22 मिशन असफल होने के बाद ब्लू ऑरिजिन को अपनी तकनीक में सुधार करने के लिए दो साल रुकना पड़ा था. लेकिन अब ब्लू ऑरीजिन के एनएस-25 (NS-25) ने 19 मई को (भारतीय समयानुसार शाम 7 बजे) अंतरिक्ष की ओर उड़ान भरी. इस फ्लाइट की खास बात यह है कि गोपी थोटाकुरा अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय 'स्पेस टूरिस्ट' बन गए.
कौन हैं गोपी थोटाकुरा?
यह ध्यान देने वाली बात है कि गोपी थोटाकुरा पहले भारतीय नहीं हैं जिन्होंने स्पेस टूरिस्ट बनने का सपना देखा है. उनसे पहले भारतीय मूल के डॉक्यूमेंट्री मेकर संतोष जॉर्ज कुलांगरा भी वर्जिन गैलेक्टिक स्पेस प्लेन नाम की कंपनी को स्पेस टूरिस्ट बनने के लिए पैसे दे चुके हैं. कुलांगरा कई ट्रेनिंग सत्रों से भी गुजर चुके हैं लेकिन अभी तक उन्होंने अंतरिक्ष की यात्रा नहीं की है.
थोटाकुरा पेशे से एक व्यवसायी हैं और एक पायलट हैं. वह प्रिजर्व लाइफ कॉर्प (Preserve Life Corp) नाम की कंपनी के को-फाउंडर हैं. अमेरिका के जॉर्जिया की यह कंपनी वेलनेस और व्यवहारिक स्वास्थ्य (Holistic wellness and applied health) के क्षेत्र में काम करती है.
ब्लू ऑरिजिन की ओर से जारी प्रेस रिलीज के अनुसार, “व्यावसायिक रूप से जेट उड़ाने के अलावा, गोपी पायलट बुश, एरोबेटिक और सीप्लेन के साथ-साथ ग्लाइडर और गर्म हवा के गुब्बारे भी उड़ाते हैं. वह एक अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जेट पायलट के रूप में भी काम कर चुके हैं. वह हाल ही में माउंट किलिमंजारो के शिखर पर चढ़ने का साहसिक काम भी कर चुके हैं.”
थोटाकुरा के लिंक्डइन प्रोफाइल में कहा गया है कि उन्होंने बेंगलुरु स्थित निजी स्कूल सरला बिड़ला अकादमी में पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने फ्लोरिडा के डेटोना बीच में एम्ब्री-रिडल एरोनॉटिकल यूनिवर्सिटी से वैमानिकी विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की. विजयवाड़ा में जन्मे थोटाकुरा ने इसके बाद एमिराट्स एविएशन यूनिवर्सिटी और कोवेंट्री यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिग्री भी हासिल की.
सनद रहे कि थोटाकुरा अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय नहीं, बल्कि पहले भारतीय टूरिस्ट हैं. पृथ्वी की सीमाओं को पार करने वाले पहले भारतीय राकेश शर्मा थे, जिन्होंने 1984 में सोवियत संघ के स्पेसक्राफ्ट सोयुज टी-11 में सफर किया था. राकेश ने सल्युत-7 स्पेस स्टेशन में सात दिन भी गुजारे थे.
गोपी थोटाकुरा किस मिशन पर उड़ान भर रहे हैं?
ब्लू ऑरिजिन एनएस-25 मिशन 2022 में एनएस-22 की असफलता के बाद पहली चालक दल वाली उड़ान होगी. थोटाकुरा के अलावा इस उड़ान में एड ड्वाइट, मेसन एंजेल, सिल्वेन चिरोन, केनेथ एल हेस और कैरोल स्कॉलर नाम के चार और टूरिस्ट होंगे. एड ड्वाइट अमेरिका के पहले अश्वेत एस्ट्रोनॉट हैं. एनएस-25 ब्लू ऑरिजिन की यात्रियों वाली सातवीं 'सब-ऑर्बिटल स्पेस फ्लाइट' (Sub-orbital space flight) होगी.
एक सब-ऑर्बिटल फ्लाइट अंतरिक्ष तक तो पहुंच जाती है, लेकिन कारमन लाइन (Karman line) पर पृथ्वी का चक्कर लगाकर वापस लौट आती है. कारमन लाइन ज़मीन से 100 किलोमीटर दूर है. यह माना जाता है कि इसी बिंदू पर पृथ्वी खत्म होती है और अंतरिक्ष शुरू होता है. इस उड़ान में सभी अंतरिक्ष यात्री क्रू कैप्सूल में बैठेंगे जहां सभी को खिड़की वाली सीट मिलेगी. मिशन पर कोई पायलट नहीं होगा क्योंकि वाहन पूरी तरह से ऑटोमेटिड है.
स्पेस टूरिज्म क्या है?
ऐन ग्राहम और फ्रेड्रिक डोब्रुस्केज की किताब 'एयर ट्रांसपोर्ट: ए टूरिज्म पर्सपेक्टिव' के अनुसार, स्पेस टूरिज्म विमानन क्षेत्र का एक वर्ग है जो पर्यटकों को अंतरिक्ष यात्री बनने और मनोरंजन, अवकाश या व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए अंतरिक्ष यात्रा का अनुभव लेने का मौका देता है.
वर्तमान में अंतरिक्ष पर्यटन महंगा है.
बाहरी अंतरिक्ष तक पहुंचने के लिए एक यात्री को आम तौर पर कम से कम दस लाख डॉलर का भुगतान करना पड़ता है. यह रकम लगभग हर किसी की पहुंच से बाहर है. इसके अलावा, कई अध्ययनों से पता चला है कि अंतरिक्ष पर्यटन से पर्यावरण को नुकसान हो सकता है क्योंकि रॉकेट गैसीय और ठोस रसायनों को सीधे ऊपरी वायुमंडल में छोड़ते हैं.