भारत सरकार ने पुष्टि की है कि उसकी अभी तक टेक दिग्गज फेसबुक और गूगल को न्यूज़ कंटेंट के लिए स्थानीय प्रकाशकों को भुगतान करने के लिए कोई योजना नहीं है. संसद में चल रहे शीतकालीन सत्र के दौरान मामला उठाए जाने के बाद भारत सरकार की प्रतिक्रिया आई है. केंद्रीय उद्यमिता, कौशल विकास, इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने पुष्टि की है कि भारत सरकार की लोकल न्यूज़ के लिए फेसबुक और गूगल से पैसे लेने की कोई योजना नहीं है.
ऑस्ट्रेलिया ने हाल में लागू किया है ऐसा कानून
ऑस्ट्रेलिया ने इस साल की शुरुआत में लोकल न्यूज़ कंटेंट के लिए फेसबुक और गूगल जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए भुगतान करना अनिवार्य करने के लिए दुनिया का पहला कानून पारित किया था. यह उम्मीद की गई थी कि दुनिया भर के अन्य देश भी ऑस्ट्रेलिया जैसा कानून बनाएंगे. कानून लागू होने से पहले गूगल और फेसबुतक दोनों ने इसके खिलाफ अभियान चलाया, हालांकि जब ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने अपना रुख नहीं बदला, तो दोनों कंपनियां सहमत हुईं और फिर ऑस्ट्रेलियाई मीडिया कंपनियों के साथ कुछ साझेदारी की.
ऑस्ट्रेलिया में कानून लागू होने से पहले Google ने देश में कानून पारित करने पर अपने सर्च इंजन सेवा को बंद करने की धमकी दी थी. फेसबुक ने नाटकीय कदम उठाते हुए ऑस्ट्रेलियाई यूजर्स के लिए अपने प्लेटफॉर्म पर न्यूज को ब्लॉक कर दिया.
कंपनियों को लोकल न्यूज़ कंटेंट के लिए करना होता है भुगतान
सांसद शशि थरूर ने सरकार से पूछा कि क्या मंत्रालय ने फेसबुक और गूगल जैसे प्लेटफॉर्म को लेकर ऑस्ट्रेलिया में प्रस्तावित मसौदा कानून का संज्ञान लिया है और सरकार को बाजार की ताकत और कुछ प्लेटफार्मों के प्रभुत्व को लेकर चिंता है. बुधवार को केंद्रीय उद्यमिता, कौशल विकास, इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने जवाब दिया कि सरकार ऑस्ट्रेलिया में फरवरी 2021 में घोषित, इस कानून से अवगत है. इसमें कंपनियों को लोकल न्यूज़ कंटेंट के लिए भुगतान करना होता है. हालांकि, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री चंद्रशेखर ने स्पष्ट किया कि इस संबंध में मंत्रालय द्वारा कानून बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं है.