1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट पेश करेंगी. बजट से ठीक एक दिन पहले सरकार ने मोबाइल पार्ट्स की इंपोर्ट ड्यूटी घटा दी है. इससे मोबाइल फोन का निर्माण सस्ता हो जाएगा और फोन के दाम कम हो सकते हैं. मोबाइल फोन के मैन्यूफैक्चर में इस्तेमाल होने वाले पार्ट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी यानी आयात शुल्क 10% कर दिया है. पहले ये 15 प्रतिशत था.
की जा रही थी इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती की मांग
केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय ने इसके लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. दरअसल, भारतीय कंपनियां देश में स्मार्टफोन बनाने की लागत को कम करने और चीन और वियतनाम जैसे कंपटीटर्स के साथ मुकाबले के लिए मोबाइल पार्टस के इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती की मांग कर रही थीं.
50 बिलियन डॉलर की हो सकती है मोबाइल इंडस्ट्री
भारतीय मोबाइल इंडस्ट्री वित्त वर्ष 2024 में लगभग 50 बिलियन डॉलर के मोबाइल फोन बना सकती है. जो अगले वित्तीय वर्ष में बढ़कर 55-60 बिलियन डॉलर पहुंच सकता है. इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) ने कहा था कि अगर सरकार मोबाइल पार्ट्स पर आयात शुल्क कम करती है और तो भारत से मोबाइल फोन निर्यात अगले दो सालों में तीन गुना बढ़कर 39 अरब डॉलर पहुंच सकता है. वित्त वर्ष 2013 में ये महज 11 अरब डॉलर था.
फोन के पार्ट्स मंगाना सस्ता होगा
बैटरी कवर, मेन लेंस, सिम सॉकेट, बैक कवर, सीलिंग गास्केट या पॉलिमर से बने हुए पीपी, पीई, ईपीएस और ईसी जैसे पार्ट्स पर ड्यूटी कम हुई है. सरकार के इस फैसले से देश में बाहर से मोबाइल फोन के पार्ट्स मंगाना सस्ता हो जाएगा.