अक्सर किसान आवारा जानवरों से अपनी फसलों की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते हैं. किसानों की इस समस्या का समाधान एक छात्र ने खोज निकाला है. इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, गीडा गोरखपुर के इस छात्र एक ऐसा उपकरण बनाया है, जिससे किसान आवारा जानवरों से अपनी फसल की सुरक्षा कर सकेंगे. इस उपकरण को ग्रीन लैंड माइन अलार्म नाम दिया गया है.
जानवरों से खेतों की होगी सुरक्षा-
आईटीएम के छात्र अविनाश वरुण ने ग्रीन लैंड माइन अलार्म उपकरण को बनाया है. अविनाश आईटीएम गीडा में कंप्यूटर साइंस में दूसरे वर्ष का छात्र है. इस डिवाइस की मदद से किसानों की एक बड़ी समस्या दूर हो जाएगी. किसान अपनी फसलों की सुरक्षा को लेकर परेशान रहते हैं. अक्सर आवारा पशु फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं. लेकिन इस नए डिवाइस से उनकी समस्या का समाधान हो सकेगा. इस उपकरण को खेतों के किनारे लगाया जा सकता है. ग्रीन लैंड माइन को स्टील के बने बॉक्स में डिजाइन किया गया है.
कैसे काम करेगा ग्रीन लैंड माइन अलार्म-
इस डिवाइस में एक स्विच सेंसर लगा है, जिसपर दबाव पड़ने पर ये एक्टिवेट हो जाता है. इसमें किसान अपना मोबाइल नंबर भी सेट कर सकते हैं. जैसे ही कोई जानवर खेत में घुसेगा, ये डिवाइस एक्टिवेट हो जाएगा और लाइट ब्लीकिंग के साथ अलार्म बजने लगेगा. इसके साथ ही किसान के नंबर पर भी अलार्म बजने लगेगा.
एक बार चार्ज में 8 महीने चलेगा-
इस अलार्म में एक 3.7 बोल्ट की बैटरी का इस्तेमाल इस्तेमाल किया गया है. इस बार चार्ज होने के बाद ये डिवाइस 6 से 8 महीने तक काम करेगा.
कितना सस्ता है डिवाइस-
इस डिवाइस का वजन तकरीबन 200 ग्राम है. इसको बनाने में ट्रांसमीटर, स्विच, अलार्म, लाइट का इस्तेमाल किया गया है. अविनाश ने एक हफ्ते में इस डिवाइस को बनाया है. इसको बनाने में करीब 400 रुपए का खर्च आया है. हालांकि अभी इसे शासन को अप्रूवल के लिए भेजा जाएगा. अगर सरकार से इसकी मंजूरी मिलती है तो इसको बड़े पैमाने पर तैयार किया जाएगा.
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