Tips to Spot Fraud Website: डी-मार्ट, बिग बास्केट की फर्जी वेबसाइट बनाकर हैकर्स ने की करोड़ों की ठगी, फ्रॉड वेबसाइट पहचानने के लिए अपनाएं ये आसान टिप्स

हाल ही में इंटरनेचट स्कैम सामने आया है, जिसमें स्कैमर्स डी मार्ट बिग बाजार और बिग बास्केट जैसी कंपनियों की फर्जी वेबसाइट बनाकर फ्रॉड कर रहे हैं. फर्जी वेबसाइट को मामूली फर्क के साथ इस तरह बनाया गया कि वो ओरिजनल लगे.

ऑनलाइन स्कैम
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 06 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 11:41 AM IST
  • एड्रेस बार को चेक करें
  • यूआरएल में गलत स्पेलिंग जरूर चेक कर लें

वो दिन गए जब बाजार में जाने पर आटे-दाल का भाव पता चलता था, अब तो बस एक क्लिक की जरूरत है, भाव के साथ वेराइटी का पता भी चल जाता है और थोड़ी देर में आटा-दाल दुकान से चलकर घर तक पहुंच जाता है. इंटरनेट वाले मोबाइल फोन ने शॉपिंग का पैटर्न बदल दिया है. कपड़े हो या कॉस्मेटिक या फिर राशन का सामान, इनकी खरीदारी के लिए कई बड़े स्टोर हैं. जो ऑनलाइन शॉपिंग का ऑप्शन देते हैं. यानी इनकी वेबसाइट पर जाकर ऑर्डर किया और सामान घर पर हाजिर. ऑनलाइन शॉपिंग का क्रेज इसलिए भी बढ़ा है क्योंकि यहां अच्छा खासा डिस्काउंट मिल जाता है, लेकिन इस नए पैटर्न की जो परेशानी है, उसे भी समझना जरूरी है. साइबर अपराधी बिग बास्केट या ऐसे ही दूसरे बड़े ब्रांड की फर्जी वेबसाइट बना रहे हैं और इसके जरिए लोगों को खाते में सेंध लगा रहे हैं. दिल्ली से सटे नोएडा में एक गैंग ने इसी तरीके आम लोगों से करोड़ों की ठगी की. 

क्या है फ्रॉड का पूरा मामला
एक साइबर फ्रॉड गैंग ने डी मार्ट बिग बाजार और बिग बास्केट की फर्जी वेबसाइट बनाई. फर्जी वेबसाइट को मामूली फर्क के साथ इस तरह बनाया गया कि वो ओरिजनल लगे. इसी वजह से लोग इनको झांसे में फंस जाते थे और वेबसाइट का इस्तेमाल शॉपिंग के लिए करते थे. इसके साथ ही  वेबसाइट्स पर लोगों को डिस्काउंट और बेहद सस्ती कीमत पर प्रोडक्ट्स ऑफर किया जाता था. इसकी वजह से भी लोग उनके जाल में आसानी से फंस जाते थे. जाहिर है लोगों ने फर्जी  वेबसाइट्स को बिग बास्केट या बिग बाजार की ओरिजिनल वेबसाइट समझा. वहां सस्ते प्रॉडक्ट देखकर वो खुद को शॉपिंग के लिए रोक नहीं पाए. पहले सामान ऑर्डर किया, और फिर उसकी पेमेंट भी कर दी. साइबर फ्रॉड गैंग को बस इसी का तो इंतजार था. जैसे ही लोग पेमेंट करते आरोप उनके क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड की डिटेल्स एक्सेस कर लेते. बाद में इसका इस्तेमाल करके बैंक अकाउंट से पैसे उड़ा लिए जाते.

इस तरह इस गैंग ने मशहूर ऑनलाइन शॉपिंग ब्रैंड की  फेक वेबसाइट बनाकर लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की. दिलचस्प बात ये है कि इनमें से कई स्टोर की वास्तव में कोई ऑनलाइन वेबसाइट नहीं है. फिर भी लोग फर्जी वेबसाइट्स के झांसे में आ गए. जब कुछ केस पुलिस के पास पहुंचे तो हकीकत शुरू हुई, और साइबर हेल्पलाइन टीम ने नोएडा से 6 आरोपियों को धर दबोचा. पता चला कि आरोपियों ने ना सिर्फ नोएडा बल्कि दिल्ली-एनसीआर को कई लोगों को अपना शिकार बनाया था. हालांकि इन अपराधियों के पकड़े जाने से खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है. ऐसे में चलिए आपको 6 टिप्स बताते हैं, जिससे आप आसानी से फ्रॉड वेबसाइट का पता लगा सकेंगे.

1. एड्रेस बार को चेक करें
किसी वेबसाइट पर देखने वाली पहली चीज होती है उसका एड्रेस बार. एड्रेस बार की शुरुआत में https: // होता है. https:// में 'S' सिक्योर के लिए है और यह दर्शाता है कि वेबसाइट डेटा ट्रांसफर करने के लिए एन्क्रिप्शन का उपयोग करती है. हालाँकि, जिन वेबसाइट में केवल http: // लिखा् का होता है और जिसमें कोई 'S' नहीं है, इसका मतलब यह नहीं है कि यह हमेशा स्कैम वेबसाइट ही है, लेकिन हां http:/ से शुरू होने वाली वेबसाइटों पर आपको अपनी व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी शेयर करने से पहले सावधान रहना चाहिए. 

2. पैडलॉक जरूर चेक करें
किसी भी वेबसाइट पर पैडलॉक जरूर जांच लें. वेबसाइट पर पैडलॉक का मतलब है कि साइट को TLS/SSL प्रमाणपत्र मिला हुआ है, जो यूजर डेटा को एन्क्रिप्ट करता है. सर्च बार के ऊपरी बाएँ कोने में आमतौर पर पैडलॉक होता है. TLS सर्टिफिकेट तीन तरह के होते हैं, जो जो प्रत्येक लॉक प्रदर्शित करेंगे: डोमेन वैलिडेशन, ऑर्गेनाइजेशन वैलिडेशन और एक्सटेंडेड वैलिडेशन.

3. भारी छूट से रहें सावधान
स्कैमर भारी छूट देने वाले नकली ऑनलाइन स्टोर बनाते हैं. इनमें से कई डील्स का सोशल मीडिया वेबसाइटों पर प्रमोट किया जाता है. ये साइटें या तो आपकी पेमेंट डिटेल चुराती हैं या धोखाधड़ी वाले उत्पाद खरीदने के लिए यूजर को बरगलाती हैं.

4. यूआरएल में गलत स्पेलिंग जरूर चेक कर लें
नकली साइट का एक बड़ा संकेत है गलत स्पेलिंग वाला URL. धोखाधड़ी करने वाले URL नाम को थोड़ा बदल सकते हैं, जैसे amaz0n.com, T@nishq. स्कैमर आमतौर पर डोमेन एक्सटेंशन भी बदल देते हैं, जिससे आप धोखा खा सकते हैं. जैसे amazon.com के बजाय amazon.org.

5. कॉन्टैक्ट इन्फो और पता जरूर चेक करें
कॉन्टैक्ट इंफो पर जरूर ध्यान दें. इसमें फोन, ईमेल, लाइव चैट और पता शामिल है. अगर आपको जरा सा भी शक होता है, तो क्रॉस चेक जरूर करें. अगर फ्रॉड लगे तो कॉन्टैक्ट नंबर पर कॉल कर लें, और जांच लें कि फोन कौन उठा रहा है. क्या वो व्यक्ति जो फोन उठा रहा है, वो जानकार लगता है या नहीं. साथ ही, यदि संपर्क का एकमात्र तरीका ईमेल फ़ॉर्म है, तो सावधानी से आगे बढ़ें. अगर लाइव चैट दिया है, तो बिलकुल सावधान हो जाएं, जैसे अगर आपका जवाब कोई पर्सनली न देकर सिस्टम ऑपरेटेड है, तो सावधान हो जाएं. 

6. ऑनलाइन रिव्यू चेक करें
जिस वेबसाइट पर आप शॉपिंग कर रहें, गूगल पर उसके ऑनलाइन रिव्यू जरूर चेक कर लें. ऑनलाइन फीडबैक लेने के लिए आप बस Google पर "[साइट का नाम] के लिए रिव्यू" खोज सकते हैं.

 

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