QR Code Fraud: मार्केट में बढ़ रही हैें स्कैनर रिप्लेसमेंट फ्रॉड की घटनाएं, QR कोड स्कैन करते हुए रखें इन बातों का ध्यान 

स्कैनर रिप्लेसमेंट फ्रॉड से जुड़ी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. जब एक हेरफेर किया गया क्यूआर कोड स्कैन किया जाता है, तो यह यूजर को एक वेबसाइट पर रीडायरेक्ट करता है जो उनके डिवाइस को एक वायरस वाले कोड से संक्रमित करता है.

QR Code Fraud
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 04 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 2:52 PM IST
  • स्कैनर रिप्लेसमेंट फ्रॉड की घटनाएं बढ़ रही हैं
  • पेमेंट करते हुए वेबसाइट जरूर वेरीफाई करें

मॉल में बड़े सामान खरीदना से लेकर एक सब्जी की पेमेंट के लिए अधिकतर लोग आज क्यूआर कोड का इस्तेमाल करने लगे हैं. क्यूआर कोड ने डिजिटल पेमेंट में क्रांति ला दी है. पेमेंट प्रोसेस को छोटा और आसान बनाने के लिए क्यूआर कोड जमकर पॉपुलर हो रहा है. कई लोगों के लिए, ये पर्सनल नंबर शेयर किए बिना पेमेंट का एक सुरक्षित तरीका माना जाता है. हालांकि, साइबर हमलावर क्यूआर कोड स्पूफिंग का सहारा लेकर भारत में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) की बढ़ती लोकप्रियता का फायदा उठा रहे हैं. इससे अनऑथराइज्ड बैंक अकाउंट या यूपीआई आईडी में पेमेंट के मामले सामने आ रहे हैं.

कैसे होता है फ्रॉड? 

बेंगलुरु में, एक हालिया पुलिस रिपोर्ट में बताया गया है कि 40% से अधिक साइबर अपराध के मामलों में क्यूआर कोड घोटाले शामिल हैं. इससे क्यूआर कोड की सुरक्षा, हमलावर उनमें हेरफेर कैसे करते हैं, और यूपीआई पेमेंट को लेकर चिंताएं पैदा हो गई हैं. पालो ऑल्टो नेटवर्क्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, क्यूआर कोड अक्सर एक जैसे दिखते हैं, जिससे वैध कोड और धोखेबाज द्वारा शेयर किए गए कोड के बीच अंतर करना काफी मुश्किल हो जाता है. हमलावर किसी वैध बिजनेस के लिए बने असली क्यूआर कोड को अपने कोड से बदल सकते हैं. जिसकी मदद से वे बड़े लेवल पर घोटाले और छोटी करते हैं. 

स्कैनर रिप्लेसमेंट फ्रॉड की घटनाएं बढ़ रही हैं 

पालो ऑल्टो नेटवर्क्स के प्रमुख शोधकर्ता विक्की रे ने एक मीडिया रिपोर्ट में बताया कि स्कैनर रिप्लेसमेंट फ्रॉड से जुड़ी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. जब एक हेरफेर किया गया क्यूआर कोड स्कैन किया जाता है, तो यह यूजर को एक वेबसाइट पर रीडायरेक्ट कर सकता है जो उनके डिवाइस को एक वायरस वाले कोड से संक्रमित करता है. इसकी वजह से हानिकारक एप्लिकेशन डाउनलोड हो जाती हैं. इन ऐप्स में वायरस, स्पाइवेयर, ट्रोजन या अन्य मैलवेयर हो सकते हैं, जिससे डेटा ब्रीच, प्राइवेसी ब्रीच, रैंसमवेयर अटैक और यहां तक ​​कि क्रिप्टो-माइनिंग भी हो सकती है.

जबकि क्यूआर कोड पिछले कई सालों से उपयोग में हैं, यूपीआई के ज्यादा उपयोग ने उन्हें फ्रॉड करने वालों के लिए एक टारगेट बना दिया है. हालांकि, सतर्क रहने और एहतियाती कदम उठाने से आप इससे कई हद तक बच सकते हैं. 

क्यूआर कोड घोटाले का शिकार होने से कैसे बचें

1. वेबसाइट वेरीफाई करें

 क्यूआर कोड के माध्यम से पेमेंट करने से पहले, सुनिश्चित करें कि यह सही भुगतान वेबसाइट पर रीडायरेक्ट हो. वेरिफिकेशन के लिए ऐप स्टोर पर उपलब्ध क्यूआर कोड स्कैनिंग ऐप्स का उपयोग करें. अगर रीडायरेक्ट हो रहे हैं तो किसी भी लिंक को खोलने से पहले सुनिश्चित करें कि ऐप टू-स्टेप प्रोसेस का पालन कर रहा हो. 

2. विश्वसनीय स्रोतों से डाउनलोड करें

केवल विश्वसनीय स्रोतों से ही ऐप्स डाउनलोड करें. यहां तक ​​कि एंड्रॉइड पर भी, जहां ऐप्स को साइडलोड करना संभव है, जोखिम को कम करने के लिए विश्वसनीय प्लेटफॉर्म का विकल्प चुनें. 

3. डिवाइस और ऐप्स को अपडेट रखें

सेफ्टी पैच से लाभ उठाने और संभावित लूपहोल से बचने के लिए अपने डिवाइस और ऐप्स को नियमित रूप से अपडेट करते रहें.

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