Online Gaming का बढ़ता ट्रेंड! अब सरकार खुद करेगी इंटरनेट पर मौजूद खेलों को रेगुलेट, नए कानून लाने की तैयारी तेज 

मौजूदा समय में SRO इसका रेगुलेशन देखती है. ये वो ऑर्गनाइजेशन हैं जो ये निर्धारित करते हैं कि उस ऑनलाइन गेम को खेलने की परमिशन दी जाएगी या नहीं. ये परमिशन इस आधार पर होती है कि इसमें जुआ या सट्टा शामिल है या नहीं. 

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gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 12 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 1:45 AM IST
  • इंडस्ट्री ने दिए थे प्रस्ताव 
  • इंटरनेट गेमिंग का बढ़ता ट्रेंड

ऑनलाइन गेमिंग (Online Gaming) का ट्रेंड बढ़ता जा रहा है. अब इसको रेगुलेट करने का चार्ज भी खुद भारत सरकार लेने वाली है. बता दें, अभी तक इस इंडस्ट्री का चार्ज सेल्फ रेगुलेटरी ऑर्गनाइजेशन (SRO) के पास था. लेकिन अब इनपर भरोसा करने की बजाय ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र को रेगुलेट करने का निर्णय सरकार ने लिया है. यह निर्णय देश में बढ़ते ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री की निगरानी करने के लिए लिया गया है. 

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि वे मोनेटरी ट्रांजेक्शन (monetary transactions) से जुड़े ऑनलाइन गेम को अनुमति देने और प्रमाणित करने के लिए एक रूपरेखा तैयार करने वाले हैं. 

इंडस्ट्री ने दिए थे प्रस्ताव 

दरअसल, कुछ समय पहले सरकार ने इसे लेकर इंडस्ट्री के सामने प्रस्ताव रखा था कि वे इस निर्णय को लेकर अपना पक्ष रखें. जिसे देखते हुए सरकार ने एसआरओ मॉडल से बचने का निर्णय लिया. ये प्रस्ताव गेमिंग कंपनियों और उनके एसोसिएशन की ओर भारी झुकाव वाले पाए गए थे. 

बता दें, सरकार ने 6 अप्रैल, 2023 को ऑनलाइन गेमिंग नियमों के बारे में नोटिफिकेशन जारी किया था. साथ ही इंडस्ट्री को एसआरओ के लिए प्रस्ताव पेश करने के लिए तीन महीने का समय दिया था. इसमें तीन एसआरओ को सूचित करने की योजना बनाई गई थी.

एसआरओ पर सरकार का रुख

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इसे लेकर कहा, “हमें जो SRO आवेदन मिल रहे हैं वे उद्योग जगत पर बहुत अधिक हावी हैं. इसलिए हम उन्हें खारिज कर रहे हैं. हमने बहुत स्पष्ट रूप से कहा है, हम ऐसा SRO नहीं चाहते हैं, जो इंडस्ट्री द्वारा कंट्रोल किया जाए. ऐसे में एसआरओ की अनुपस्थिति में, डिफॉल्ट रूप से सरकार इसे रेगुलेट करेगी."

SRO क्या है?

वहीं, SRO की बात करें तो ये वो ऑर्गनाइजेशन हैं जो ये निर्धारित करते हैं कि उस ऑनलाइन गेम को खेलने की परमिशन दी जाएगी या नहीं. ये परमिशन इस आधार पर होती है कि इसमें जुआ या सट्टा शामिल है या नहीं. 

ऑनलाइन गेम क्या है?

दरअसल, आईटी नियमों के अनुसार, अगर किसी भी ऑनलाइन गेम में पैसे लगे हैं या वो खेल पैसों का है तो उसे रेगुलेट करने के अलग नियम होते हैं. हालांकि, जिन ऑनलाइन गेम, में असली पैसे शामिल नहीं होते हैं, उनमें किसी तरह के रेगुलेशन की जरूरत नहीं होती है. और न किसी तरह की मंजूरी लेनी होती है. 

भारत सरकार के मुताबिक, एक ऑनलाइन गेम वो होता है जिसे इंटरनेट पर खेला जाता है. हालांकि, जुआ और सट्टेबाजी में शामिल ऑनलाइन गेम नए नियमों के दायरे में नहीं आएंगे. यानि जिनमें जुआ शामिल नहीं है, ऐसे कंटेंट से यूजर्स को नुकसान नहीं होता है और बच्चों को किसी भी तरह से इसकी लत नहीं लगती है. 


 

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