अब तारों के झाम से मिलेगा छुटकारा, भारत में जल्द आ सकता है कॉमन चार्जर

भारत में जल्द ही हर डिवाइस के लिए एक तरह के चार्जर आने वाला है. भारत सरकार भी एक तरह मोबाइल फोन, टैबलेट, ईयरबड्स, स्पीकर और लैपटॉप एक जैसे चार्जिंग पोर्ट लाने पर काम कर रही है.

अब तारों के झाम से मिलेगा छुटकारा, भारत में जल्द आ सकता है कॉमन चार्जर
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 09 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 11:42 AM IST
  • केवल दो तरह के चार्जर पर हो रही है चर्चा 
  • सिंगल चार्जिंग डिवाइस मैंडेट की आवश्यकता

यूरोपीय संघ के बाद अब भारत में भी एक तरह का चार्जर जल्द आने वाला है. जाहिर है ये कदम कई लोगों को आराम देने वाला है. दरअसल भारत सरकार मोबाइल फोन, टैबलेट, ईयरबड्स, स्पीकर और लैपटॉप के लिए केवल दो तरह के चार्जिंग पोर्ट लाने पर काम कर रही है. अगर ऐसा होता है, तो इससे पैसे की बचत होगी और इलेक्ट्रॉनिक कचरे में कमी आएगी.

केवल दो तरह के चार्जर पर हो रही है चर्चा 
कंज्यूमर अफेयर मिनिस्ट्री ने इसके लिए 17 अगस्त को  सभी प्रमुख उद्योग संघों और क्षेत्र-विशिष्ट संगठनों की एक बैठक बुलाई है. इस बैठक में इस बात पर विशेष चर्चा की जाएगी, कि हर घर में अलग-अलग डिवाइस के लिए अलग-अलग चार्जर की जरूरत ना पड़े. बीते हफ्ते उद्योग जगत के नेताओं को संबोधित एक पत्र में कंज्यूमर अफेयर के सचिव  रोहित कुमार सिंह ने कहा था कि, "अब समय आ चुका है कि हम केवल दो तरह के चार्जिंग पॉइंट्स को अपनाने के बारे में सोचें, यानी स्मार्टफोन, लैपटॉप, टैबलेट, ईयरबड जैसी सभी डिवाइस के लिए एक तरह का चार्जर होना चाहिए." 

सिंगल चार्जिंग डिवाइस मैंडेट की आवश्यकता
सोमवार को, भाजपा विधायक सुशील कुमार मोदी ने भी राज्यसभा में उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों के लिए "सिंगल चार्जिंग डिवाइस मैंडेट" की आवश्यकता को उठाया था. उन्होंने यूरोपीय संघ का उदाहरण दिया था. बता दें कि यूरोपीय संघ ने हाल ही में छोटे और मध्यम आकार के उपकरणों जैसे मोबाइल फोन, टैबलेट, लैपटॉप और कैमरों के लिए यूएसबी टाइप-सी चार्जर लाने का फैसला किया है. 2024 तक इन देशों में एक सामान्य चार्जिंग पोर्ट बन जाएगा.

इलेक्ट्रॉनिक कचरे में हो रही लगातार वृद्धि
मोदी ने कहा, "सरकारी अनुमानों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2019 और वित्त वर्ष 2020 के बीच इलेक्ट्रॉनिक कचरा उत्पादन में 32% की वृद्धि हुई है. लेकिन इसमें से केवल 25% कचरे का ही व्यवस्थित ढंग से निपटारा किया जाता है. बाकी सारा कचरा ऐसे ही रह जाता है.


 

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