हिंदुस्तान अपने हथियार के बेड़ों में एक से एक हथियार शामिल कर रहा है. इन हथियारों की धमक उसे न केवल आत्मनिर्भर बना रही है, बल्कि दुनिया में उसकी नई पहचान बना रही है. ये हथियार न केवल आज की जरूरत के लिहाज से, बल्कि भविष्य की चुनौतियों के लिहाज से भी तैयार किये जा रहे हैं. ऐसा ही एक और हथियार भारत के बेड़े में शामिल होने वाला है. जिसका नाम है इंटरसेप्टर एडी-1 बीएमडी यानी बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस है.
हर परीक्षण में कामयाब रहा ये मिसाइल
डीआरडीओ यानी रक्षा अनुसंधान विकास संगठन ने बुधवार को एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से इंटरसेप्टर एडी-1 बीएमडी मिसाइल के दूसरे चरण का कामयाब परीक्षण किया. एडी-1 इंटरसेप्टर मिसाइल को परखने के लिए अलग अलग तरह के हालात में टेस्ट किया गया.
हर कसौटी पर परखा गया, और तब इसे परीक्षण को कामयाब करार दिया गया. दरअसल, AD-1 एक उन्नत तकनीक वाला अनोखा इंटरसेप्टर है, जो दुनिया में बहुत कम देशों के पास मौजूद है.
क्या है एडी-1 की खासियत?
एडी-1 एक लंबी दूरी की ‘इंटरसेप्टर’ मिसाइल है. जिसे लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल के साथ-साथ फाइटर प्लेन को रोकने के लिए डिजाइन किया गया है. ये टू-स्टेज वाली ठोस मोटर से संचालित की जाती है. साथ ही लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाने के लिए स्वदेशी रूप से विकसित एडवांस कंट्रोल सिस्टम से लैस है. ये मिसाइल पृथ्वी के वायुमंडल के सबसे ऊपरी हिस्से में मिशन को पूरा करने में सक्षम है.
रक्षा मंत्री ने दी बधाई
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने AD-1 के सफल उड़ान परीक्षण से जुड़ी DRDO और अन्य टीमों को बधाई दी. रक्षा मंत्री ने AD-1 को दुनिया में बहुत कम देशों के पास उपलब्ध उन्नत तकनीकों के साथ एक अद्वितीय प्रकार का इंटरसेप्टर बताया और विश्वास जताया कि यह देश की BMD क्षमता को अगले स्तर तक और मजबूत करेगा.