इंडियन Navy की ताकत में इजाफा! हर मौसम में उड़ सकेगा Drishti 10 Starliner ड्रोन, होंगी ये खूबियां

Drishti 10 Starliner drone: यह एकमात्र ऐसा ड्रोन है जो किसी भी तरह के मौसम में ऑपरेट कर सकता है. ये ड्रोन सेग्रीगेटेड और अनसेग्रीगेटेड दोनों तरह एयरस्पेस में उड़ान भर सकता है.

Drishti 10 Starliner
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 10 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 1:09 PM IST
  • नेवी के लिए बेहतरीन कदम
  • एडवांस ISR प्लेटफार्म

इंडियन नेवी की ताकत में इजाफा होने वाला है. नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने भारतीय नौसेना के लिए दृष्टि 10 'स्टारलाइनर' ड्रोन को हरी झंडी दिखाई है. यह एक स्वदेशी अनमैन्ड एरियल व्हीकल (UAV) है जिसे अडाणी डिफेंस और एयरोस्पेस ने कंपनी द्वारा हैदराबाद के एयरोस्पेस पार्क में बनाया गया है. ये ड्रोन हैदराबाद से गुजरात के पोरबंदर के लिए उड़ान भरने वाला है. जहां नौसेना में इसे तैनात किया जाएगा. 

एडवांस ISR प्लेटफार्म

दृष्टि 10 'Starliner' को उसकी एडवांस इंटेलिजेंस और सर्विलांस के लिए जाना जाता है. 36 घंटे की चार्जिंग पॉवर, 450 किलोग्राम पेलोड क्षमता के साथ ये अपने आप में एक बेहतरीन ड्रोन है. इसके साथ ही इसे STANAG 4671 सर्टिफिकेशन भी मिल चुका है. यह एकमात्र ऐसा ड्रोन है जो किसी भी तरह के मौसम में ऑपरेट कर सकता है. ये ड्रोन सेग्रीगेटेड और अनसेग्रीगेटेड दोनों तरह एयरस्पेस में उड़ान भर सकता है. 

डिफेन्स के क्षेत्र में स्वदेशीकरण

दृष्टि 10 'स्टारलाइनर' भारत का पहला ऐसा मानव रहित ड्रोन है जिसे देश में बनाया गया है. ये जो एल्बिट्स हर्मीस 900 मेल (मीडियम एल्टीट्यूड लॉन्ग रेंज) प्लेटफॉर्म पर आधारित है. वहीं अडानी डिफेंस वेबसाइट के अनुसार, दृष्टि 10 को उसकी मिशन प्रभावशीलता के बारे में जाना जाता है. यह कई हार्ड पॉइंट और 250 किलोग्राम मॉड्यूलर इंटरनल इंस्टॉलेशन बे के साथ आता है. इसकी मदद से डिफेन्स के क्षेत्र में स्वदेशीकरण को बढ़ावा मिल सकेगा.

नेवी के लिए बेहतरीन कदम

एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा, "यह ISR टेक्नोलॉजी और समुद्री में आत्मनिर्भरता की भारत की खोज में एक परिवर्तनकारी कदम है." एडमिरल आर हरि कुमार न केवल मैन्युफैक्चरिंग में बल्कि ड्रोन के रखरखाव और स्टेबिलिटी में भी स्थानीय क्षमताओं के महत्व पर जोर दिया. साथ ही अडानी ग्रुप की सराहना की. 

बता दें, अडानी ग्रुप पहले ही छोटे हथियारों से लेकर रडार, डिफेन्स इलेक्ट्रॉनिक्स, एवियोनिक्स, टैक्टिकल कम्युनिकेशन सिस्टम और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सिस्टम तक अलग-अलग क्षेत्रों में कुछ न कुछ लॉन्च कर चुका है. 

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