डायमंड सिटी सूरत में 190 लाख टन स्टील वेस्ट से बनाई गई सामान्य से ज्यादा मजबूत सड़क, हर दिन गुजर रहे 1,000 ट्रक

गुजरात के सूरत शहर में हजीरा औद्योगिक क्षेत्र में स्टील वेस्ट से एक सड़क बनाई गई है. यह देश में अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट है. यह भारत सरकार के 'वेस्ट टू वेल्थ' और स्वच्छ भारत अभियान का भी उदाहरण है. 

भारत की पहली स्टील वेस्ट से बनी सड़क (फोटो: संजय सिंह राठौर)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 27 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 10:17 AM IST
  • सूरत में बनाई गई स्टील वेस्ट से रोड
  • देश की पहली स्टील की सड़क

हर साल देश भर में अलग-अलग स्टील प्लांट से निकलने वाला लगभग 190 लाख टन स्टील वेस्ट लैंडफिल में जाता है. पर अब जल्द ही इस स्टील वेस्ट का उपयोग ऐसी सड़कें बनाने के लिए किया जा सकता है जो सामान्य सड़कों की तुलना में अधिक मजबूत और टिकाऊ भी होंगी. 

हाल ही में इस तरह के एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत गुजरात के सूरत शहर में हजीरा औद्योगिक क्षेत्र में स्टील के वेस्ट से एक सड़क बनाई गई है. इसे आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया ने सीएसआईआर इंडिया (वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद) और सीआरआरआई (सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट) और थिंक टैंक नीति आयोग के सहयोग से बनाया है.

यह परियोजना भारत सरकार के 'वेस्ट टू वेल्थ' और स्वच्छ भारत अभियान का भी उदाहरण है. 

स्टील रोड की खासियत:

यह पायलट प्रोजेक्ट स्टील रोड 1 किलोमीटर लंबा है और इसमें छह लेन हैं. यह 100 प्रतिशत प्रोसेस स्टील एग्रीगेट का उपयोग करके बनाया गया है. सीएसआरआई के मुताबिक, सड़क की मोटाई भी 30 फीसदी कम कर दी गई है. माना जा रहा है कि यह नया तरीका सड़कों को मानसून के मौसम में होने वाले किसी भी नुकसान से बचा सकता है.

गुजरात में हजीरा पोर्ट पर 1 किलोमीटर लंबी यह सड़क पहले कई टन वजन वाले ट्रकों के कारण खराब स्थिति में थी. अब इसे नए प्रयोग के तहत पूरी तरह से स्टील के वेस्ट से बनाया गया है. अब 1,000 से अधिक ट्रक, हर दिन 18 से 30 टन भार के साथ गुजर रहे हैं, लेकिन सड़क एकदम ठीक है. 

बताया जा रहा है कि इस प्रयोग से राजमार्ग और अन्य सड़कें मजबूत हो सकती हैं और लागत भी लगभग 30 प्रतिशत तक कम हो सकती है. 

पर्यावरण के अनुकूल कदम:

स्टील प्लांट्स में स्टील वेस्ट के पहाड़ बनने लगे हैं. यह पर्यावरण के लिए एक बड़ा खतरा है, इसीलिए नीति आयोग के निर्देश पर इस्पात मंत्रालय ने कई साल पहले इस कचरे को निर्माण के लिए इस्तेमाल करने का प्रोजेक्ट एएमएनएस दिया था. 

शोध के बाद, वैज्ञानिकों ने सूरत में एएमएनएस स्टील प्लांट में स्टील वेस्ट को प्रोसेस किया और इससे गिट्टी तैयार करके सड़क का निर्माण किया. 

 

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