मेड इन इंडिया के तहत स्वदेशी रोबोट को बनाया गया है. इस रोबोट को बनाने में जो उपकरण इस्तेमाल किए गए है उन्हें भी भारत में ही बनाया जाता है. ये देसी रोबोट अलग-अलग सर्जरी करने की काबिलियत रखता है, भारत के देसी सर्जिकल रोबोट को सबसे पहले राजीव गांधी कैंसर हॉस्पिटल में इंस्टाल किया गया है.
100 से ज्यादा सर्जरी कर चुका मंत्रा
अभी तक ये रोबोट सौ से ज्यादा सर्जरी कर चुका है, मंत्रा के द्वारा की गई सभी सर्जरी अभी तक सफल रही है. अब भारत के अन्य निजी अस्पतालों में भी इस स्वदेशी रोबोट को लगाया जा रहा है. इस देसी रोबोट की मदद से अब भारत में रोबोटिक सर्जरी काफी आसानी से होने लगी है.
विदेशों से खरीदने पड़ते थे सर्जिकल रोबोट
भारत के पहले सर्जिकल रोबोट को गुड़गांव स्थित एसएस इन्वोवेशन ने बनाया है. इस देसी रोबोट को बनाने के पीछे एक ही मकसद था वो ये कि भारत को भी अपना डॉक्टर रोबोट मिल सके. रोबोटिक सर्जरी काफी सालों से प्रैक्टिस में है. भारत में भी ऐसी सर्जरी की जाती है लेकिन सर्जरी के लिए भारत के अस्पतालों को सर्जिकल रोबोट विदेशों से खरीदने पड़ते थे जो कि काफी महंगे मिलते थे. भारत में बने इस देसी सर्जिकल रोबोट की मदद से अब भारत के सभी अस्पताल आसानी से रोबोटिक सर्जरी कर पाएंगे.
ऐसे मददगार साबित हो सकता है मंत्रा
डॉक्टर सुधीर श्रीवास्तव ने गुड न्यूज टुडे को बताया कि कैसे ये रोबोट एक सफल सर्जरी करने में माहिर है. मंत्रा के द्वारा की गई सर्जरी में इंसानी शरीर में कम से कम चीरे लगाए जाते हैं. मंत्रा के साथ जो कंसोलर इंस्टाल है उसमें तस्वीरे थ्री डी में देखी जा सकती हैं. नॉर्मल सर्जरी के दौरान कभी-कभी डॉक्टर के हाथ कांप जाते हैं. देसी सर्जिकल रोबोट मंत्रा से की गई सर्जरी से इन घटनाओं से बचा जा सकता है.