सेना की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने युद्धपोत आईएनएस विंध्यगिरी को लॉन्च कर दिया है. कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड में इस जंगी जहाज को लॉन्च किया गया. इसका नाम कर्नाटक की पर्वत श्रृंखला के नाम पर आईएनएस विंध्यगिरी रखा गया है. यह नीलगिरी क्लास का फ्रिगेट है, जो एक स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल युद्धपोत है.
अगर विंध्यगिरी 52 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी तो इसकी रेंज 4600 किलोमीटर रहेगी. इसमें इमरजेंसी में बचाव करने या हमला करने के लिए दो बोट्स हैं. चलिए आपको इस युद्धपोत के बारे में सबकुछ बताते हैं.
- पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक आईएनएस विंध्यगिरी का नाम कर्नाटक की पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया है. यह प्रोजेक्ट 17A का छठा जहाज है.
- ये युद्धपोत शिवालिक क्लास प्रोजेक्ट 17 क्लास फ्रिगेट्स का फॉलो ऑन है. जिसमें बेहतर स्टील्थ फीचर्स, एडवांस्ड हथियार और सेंसर के अलावा प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम है.
- आईएनएस विंध्यगिरी तकनीकी तौर पर एडवांस्ड फ्रिगेट है, जो अपने पहले के आईएनएस विंध्यगिरी, लिएंडर क्लास ASW फ्रिगेट को श्रद्धांजलि देता है.
- पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक पुराने विंध्यगिरी ने जुलाई 1981 से जून 2012 तक सेवा दी.
- इस 31 साल के सेवा में पुराने विंध्यगिरी ने कई चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन को अंजाम दिया और कई देशों में एक्सरसाइज भी किया.
- नया आईएनएस विंध्यगिरी स्वदेशी डिफेंस क्षमताओं के भविष्य को दर्शाता है. इसके साथ ही भारत की नौसेना के समृद्ध विरासत का प्रतीक भी है.
- प्रोजेक्ट 17A कार्यक्रम के तहत मझगांव डॉक लिमिटेड में 4 जहाज और जीआरएसई में 3 जहाजों का निर्माण हो रहा है. इस प्रोजेक्ट के तहत साल 2019 से 2022 के बीच 5 जहाज लॉन्च हो चुके हैं.
- पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक प्रोजेक्ट 17A के जहाजों को इंडियन नेवी वारशिप डिजाइन ब्यूरो ने इन-हाउस डिजाइन किया है, जो देश में सभी वारशिप डिजाइन एक्टिविटिज के लिए अग्रणी संगठन है.
- प्रोजेक्ट 17A जहाजों के सिस्टम और उपकरणों के लिए 75 फीसदी हिस्सा स्वदेशी फर्मों से आता है. इसमें माइक्रो, स्माल और मीडियम इंटरप्राइजेज शामिल हैं.
- आईएनएस विंध्यगिरी की लॉन्चिंग आत्मनिर्भर नौसेना के निर्माण में एक अविश्वसनीय प्रगति का प्रमाण है.
ये भी पढ़ें: