Apple...दुनिया का सबसे विश्वसनीय ब्रांड. ऐसा ब्रांड जिसे लग्जरी के तौर पर देखा जाता है. ऐसा ब्रांड जो दुनिया में नंबर एक पर आता है. मिडिल क्लास का हर इंसान एप्पल खरीदने का सपना देखता है. एप्पल फोन भले ही कीमत में मिडिल क्लास की पहुंच से दूर हो, लेकिन इसके बाद भी एप्पल के मोबाइल यूज करना लोगों के लिए जुनून की तरह है. एडवांस तकनीक और वर्ल्ड क्लास क्वालिटी प्रोडक्ट की वजह से Apple दुनियाभर में मशहूर है.
कैसे हुई थी एप्पल की शुरुआत
एप्पल की नींव 1 अप्रैल 1976 में रखी गई. एप्पल की स्थापना करने से पहले स्टीव वीडियो गेम कंपनी अटारी के साथ काम करते थे. स्टीव जॉब्स, स्टीव वोजनियाक ने मिलकर इस कंपनी की शुरुआत की. दोनों ही कॉलेज ड्रॉप आउट थे. जॉब्स और वोजनियाक कंप्यूटर को इतना छोटा बनाना चाहते थे कि लोग उन्हें अपने घरों या ऑफिस में रख सकें. कंपनी की शुरुआत पर्सनल कंप्यूटर बनाने के लिए की गई थी.
Apple II ने कंप्यूटर इंटस्ट्री में क्रांति लाई
जॉब्स और वोज्नियाक ने जॉब्स एक छोटे से गैराज में Apple I बनाना शुरू किया. ये साल था 1976. दोनों ने उन्हें बिना मॉनिटर, कीबोर्ड या केसिंग के इसे बेचा. साल 1977 में कंपनी का नाम 'एप्पल इंक' (Apple Inc) रखा गया. Apple II कलर ग्राफिक्स के साथ आया. Apple II की लॉन्चिंग ने कंप्यूटर इंटस्ट्री में क्रांति ला दी. ये साल था 1978. उस वक्त इसकी बिक्री 7.8 मिलियन डॉलर रही. जैसे-जैसे लोगों ने छोटे कंप्यूटर का ट्राई किया कंपनी की सेल बढ़ती गई.
जब स्टीव को अपनी ही कंपनी से किया गया बाहर
1983 में Wozniak ने Apple छोड़ दिया. इसके बाद स्टीव जॉब्स ने पेप्सिको के जॉन स्कली को कंपनी का प्रेसिडेंट बनाया. कुछ समय बाद ही दोनों में विवाद होने लगे. 1985 में स्टीव जॉब्स को कंपनी से निकाल दिया क्योंकि उनका सीईओ जॉन स्कली और बोर्ड के साथ मतभेद था. इस तरह स्टीव जॉब्स ने अपनी ही बनाई कंपनी छोड़ दी और नेक्स्ट सॉफ्टवेयर नाम की दूसरी कंपनी बनाई. इधर जॉब्स के जाने के बाद एप्पल ने 1990 तक तो जबरदस्त मुनाफा कमाया. ये मुनाफा ज्यादातर स्टीव के प्रोडक्ट आइडिया से जुड़ा हुआ था. धीरे-धीरे कंपनी का मुनाफा घटने लगा. 1996 तक आते-आते कंपनी बर्बादी की कगार पर पहुंच गई.
जिसे किया हायर उसी ने स्टीव को किया था फायर...
कंपनी के दो नए प्रोडक्ट लिसा और मैकिंटोश की सेल को लेकर जॉब्स का स्कली से मतभेद शुरू हुआ. स्कली ने जॉब्स को मैकिंटोश प्रोजेक्ट से बाहर कर दिया. जॉब्स इस बदलाव से बेहद नाराज हुए और मामला सीधे बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के पास ले गए. बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने स्टीव जॉब्स को ये कहते हुए डिग्रेड कर दिया कि उनमें अभी कंपनी को लीड करने की क्षमता नहीं है. बोर्ड का मानना था कि स्टीव जॉब्स बेशक अपने काम में एक्सीलेंट थे लेकिन उन्हें लोगों से काम लेना नहीं आता था. कई बार उनका व्यवहार इतना खराब होता कि उनके साथ काम करना मुश्किल हो जाता है. स्टीव जॉब्स ने बोर्ड का ये फैसला स्वीकार नहीं किया और कंपनी छोड़ दी.
एप्पल के सीईओ बनकर लौटे स्टीव जॉब्स
1997 में स्टीव जॉब्स एप्पल से दुबारा जुड़े और एक डॉलर सैलरी के साथ कंपनी के सीईओ बने. जॉब्स ने Apple में कुछ बदलाव करने का फैसला लिया. जॉब्स ने कंप्यूटर को नया रूप दिया और आईबुक लॉन्च किया. इसके बाद अब तक कंपनी आईफोन, आईपैड तथा आईपॉड जैसे कई लीड प्रोडक्ट मार्केट में उतार चुकी है.
2007 में कंपनी ने लॉन्च किया iPhone
9 जनवरी 2007 में स्टीव जॉब्स ने दुनिया के सामने पहला iPhone पेश किया. ये फोन उस वक्त मौजूद फोन्स से 5 साल आगे था. पहले आईफोन में लोगों को फुल टचस्क्रीन और 3.5 इंच का डिस्प्ले दिया गया था. इस फोन में 2MP कैमरा और 8 GB स्टोरेज था. मार्केट में आते ही केवल 2 दिन में ही 2.7 लाख आईफोन्स बिक गए थे. 2007 से अब तक एप्पल दुनियाभर में 150 करोड़ iPhone बेच चुका है. आज एप्पल दुनिया की सबसे भरोसेमंद कपंनी है. दुनिया में अच्छा कमाने वालों में करीब 70 फीसदी लोग एप्पल के प्रोडक्ट्स रखना पसंद करते हैं. आज की डेट में Apple का मार्केट कैप 3.36 ट्रिलियन यूएसी डॉलर है.
लॉन्च होगी iPhone 16 सीरीज
आज iPhone 16 Series की लॉन्चिंग होने वाली है. iPhone 16 Series के साथ यूजर्स को कमाल के एआई फीचर्स मिल सकते हैं. एप्पल इवेंट में iphone 16, Watch Ultra 3, Watch SE3, Watch S10, Airpods4, iphone 16pro को पेश किया जा सकता है. 2011 में स्टीव जॉब्स के निधन के बाद टिम कुक एप्पल के सीईओ हैं. इससे पहले वह चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर थे.