जहां OpenAI का Chatbot CHatGPT एक तरफ लोगों की काफी हद तक मदद कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ इस चैटबॉट पर इटली ने फाइन लगा दिया है. दरअसल आरोप ऐसे है कि चैपजीपीटी लोगों के पर्सनल डाटा को स्टोर कर रहा है.
इस बात की खबर Italy के Data Protection Watchdog को पता चल गई. बस फिर क्या था इटली ने यूएस के इस चैटबॉट के ऊपर फाइन ठोप दिया है. बता दें कि इटली ने कोई हल्का-फुल्का फाइन नहीं बल्कि एक अरब से भी ज्यादा का फाइन लगाया है.
क्या है मामला
Italy के Privacy Watchdog, जिसका नाम Garante है, उसका कहना है कि उनकी तहकीकात में पात चला कि ओपनएआई यूजर्स के प्रोसेस किए गए पर्सनल डाटा को अपने चैटबॉट चैटजीपीटी को ट्रैन करने के लिए इस्तेमाल कर रहा है.
साथ ही यह काम बिना लीगल जानकारी के और पारदर्शिता के मूल्य का उल्लंघन करते हुए किया जा रहा था. इसके अलावा यूजर्स के पर्सनल डाटा को बिना उनकी इजाजत के इस्तेमाल भी किया जा रहा था.
क्या कहना है ओपनएआई का
ओपनएआई ने इटली के इस फैसले को गलत बताते हुए कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करेगा. ओपनएआई के एक स्पोक्सपर्सन ने इमेल में स्टेटमेंट दिया कि जब Garante ने उन्हें साल 2023 में इटली में चैटजीपीटी की सर्विस बंद करने के लिए कहा था, तो हमने उनके साथ काम किया और इसे महीने बाद बहाल करने की बात कही.
स्पोक्सपर्सन ने आगे लिखा कि इटली ने हमारी इंडस्ट्री में बढ़त को देखा, साथ ही गोयनियता को लेकर हमारे काम को भी देखा. लेकिन उसके बावजूद भी हमारे ऊपर लगाया गया फाइन उस रेवेन्यू से 20 गुना ज्यादा है जो हमने इटली में कमाया.
ओपनएआई का कहना है कि हम पूरे विश्व में गोपनियता के प्रति प्रतिबंध है ताकि लोग एआई से फायदा ले सकें और हमारे गोपनियता के प्रति कदमों की इज्जत करें.
क्या सामने आया था जांच में
पिछले साल हुई जांच में सामने आया था कि ओपनएआई में पास कोई ऐसा तरीका नहीं था जिससे वह 13 साल की कम उम्र के बच्चों को एआई द्वारा जेनेरेट होने वाली सामाग्री से रोक सके. साथ ही लोगों में चैटजीपीटी के बारे जागरूकता फैलाने के लिए इटली की अथॉरिटी ने ओपनएआई को छह महीना लंबा कैंपेन चलाने की बात कही थी. जो कि अलग-अलग मीडिया पर चलाया जाना था. इसका मकसद का कि लोग डाटा कलेक्शन से कैसे बच सकें.