रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड ने संरक्षित वन क्षेत्रों के अंदर 45 दूरसंचार टावरों के निर्माण के लिए गुजरात सरकार की मंजूरी मांगी है, जिनमें से 34 गिर राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य के अंदर लगाए जानें हैं. यदि अनुमति दी जाती है, तो यह लगभग 1,400 वर्ग किमी में फैले गिर अभयारण्य की जमीन पर पहला टावर होगा, जो अफ्रीका के अलावा जंगलों में दुनिया का एकमात्र शेरों का घर है. माना जाता है कि गिर के जंगल और उसके आसपास के अन्य संरक्षित क्षेत्रों में लगभग 674 शेर हैं.
22 दिसंबर को राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में की गई थी चर्चा
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) की सहायक कंपनी रिलायंस जियो के आवेदन पर 22 दिसंबर को गांधीनगर में राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में चर्चा की गई. इसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने की, जो इस पर फैसला लेंगे. 2017 में, पर्यावरण और वन मंत्रालय ने वन्यजीवों पर विद्युत-चुंबकीय विकिरण के प्रभाव को कम करने के लिए मोबाइल टावरों की स्थापना पर एक सलाह जारी की थी. इसने निर्देश दिया था कि पार्कों और चिड़ियाघरों में और उसके आसपास सेलफोन टावर लगाने से पहले वन विभाग से सलाह ली जानी चाहिए.
इलाके में कुल 34 टावर लगाने की है योजना
रिलायंस जियो जूनागढ़ शहर की सीमा पर स्थित गिरनार वन्यजीव अभयारण्य में एक टावर के अलावा गिर पश्चिम में जूनागढ़ और गिर सोमनाथ जिलों में 26 दूरसंचार टावर और गिर पूर्व वन्यजीव प्रभागों में अमरेली जिले में आठ टावर लगाना चाहता है. इन तीन डिवीजनों में 674 गिर शेरों में से 416 का घर है. गिर और गिरनार के अलावा, जियो नर्मदा जिले के शूलपनेश्वर वन्यजीव अभयारण्य और दाहोद जिले में रतनमहल स्लॉथ बियर अभयारण्य में क्रमशः सात और दो टावर लगाना चाहती है. वन्यजीव बोर्ड जियो डिजिटल फाइबर प्राइवेट लिमिटेड के एक आवेदन पर भी विचार कर रहा है, जिसमें शूल्पनेश्वर अभयारण्य में 9 किलोमीटर की भूमिगत केबल बिछाने के लिए अनुमति मांगी गई है.