यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI),जिसे 2016 में लॉन्च किया गया था ने भारत में रीयल-टाइम भुगतान में क्रांति ला दी है. कोविड -19 महामारी के बीच पिछले दो वर्षों में भारत में डिजिटल भुगतान में तेजी आई है. कैशलेस लेनदेन सभी के लिए बहुत फायदेमंद है. यह समय, ऊर्जा और कागज सभी चीजों की बचत करता है. लेकिन लेनदेन के साथ इसमें घपलेबाजी भी हो रही है. डिजिटल लेनदेन से जुड़े कई लाभों के साथ-साथ, लोगों के खातों से पैसे निकालने वाले घोटालेबाजों इसका फायदा उठा रहे हैं. आजकल, स्कैमर्स लोगों से उनके पैसे लूटने के लिए अलग-अलग तरीके खोजते हैं.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोविड-19 महामारी के समय लगे लॉकडाउन के दौरान लोगों को उनके बैंक खातों में सिर्फ एक बटन दबाने से पैसा मिला. यह बात निर्मला सीतारमण ने पुणे में 'मोदी शासन के 20 साल' पर बोली. मंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक भुगतान कैसे काम करेगा, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी खराब है, इस बारे में कई संदेह उठाए गए थे, लेकिन अब "COVID के बावजूद भारत UPI भुगतान में दुनिया में सबसे आगे है." नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, यूपीआई लेनदेन अगस्त में आश्चर्यजनक रूप से बढ़कर 10.7 ट्रिलियन रुपये हो गया.
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने यूपीआई लेनदेन को सुरक्षित और सुरक्षित बनाने के लिए कुछ यूपीआई सुरक्षा टिप्स शेयर किए हैं. एसबीआई ने वीडियो शेयर करते हुए कहा, "यूपीआई ट्रांजेक्शन करते या करते समय इन यूपीआई सिक्योरिटी टिप्स को हमेशा याद रखें. अलर्ट रहें और #SafeWithSBI."
UPI ट्रांजेक्शन को सुरक्षित बनाने के लिए SBI ने शेयर किए 6 टिप्स
1) पैसे प्राप्त करते समय आपको अपना UPI पिन डालने की आवश्यकता नहीं है.
2) हमेशा उस व्यक्ति की पहचान सत्यापित करें जिसे आप पैसे भेज रहे हैं.
3) कोई भी अंजान अनुरोध स्वीकार न करें.
4) अपना यूपीआई पिन किसी के साथ शेयर न करें.
5) क्यूआर कोड के माध्यम से भुगतान करते समय हमेशा लाभार्थी के विवरण को सत्यापित करें.
6) अपना यूपीआई पिन नियमित रूप से बदलते रहें.