New Technology in Agriculture: प्याज की खेती में लागत कम मुनाफा होगा ज्यादा, MP के सीहोर जिले में किसान ने अपनाई नई तकनीक 

मध्य प्रदेश के कई किसान नई तकनीक से प्याज की खेती को बढ़ावा दे रहे हैं. मौसम में परिवर्तन और कम बारिश से जहां फसलों को नुकसान होता है, तो नई तकनीक से प्याज की खेती में कम लागत के साथ ही कम पानी में अच्छी पैदावार होती है.

Onion Cultivation (Representative Image)
gnttv.com
  • सीहोर ,
  • 04 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 7:07 AM IST
  • कम पानी वाली जमीन में प्याज की खेती कर रहे
  • मजदूरों की आवश्यकता भी लगती है कम

अब प्याज की खेती में लागत कम और मुनाफा ज्यादा हो सकेगा. मध्य प्रदेश में किसानों ने एक नई तकनीक निकाली है. जहां एक और मौसम में परिवर्तन और कम बारिश के चलते किसानों को फसलों के उत्पादन में नुकसान उठाना पड़ता है, वहीं एमपी के सीहोर में नई तकनीक से प्याज की खेती फायदे का सौदा बनती जा रही है. जिले के कई किसान नई तकनीक से प्याज की खेती कर लाभ कमा रहे है. इसमें लागत कम और मुनाफा ज्यादा होता है. इसमें अधिक मुनाफे के साथ मजदूरों की भी ज्यादा जरूरत नहीं पड़ती है. 

जिले में किसान नई तकनीक से कर रहे प्याज की खेती

जिले के कई किसान नई तकनीक से प्याज की खेती को बढ़ावा दे रहे हैं. मौसम में परिवर्तन और कम बारिश से जहां फसलों को नुकसान होता है, तो नई तकनीक से प्याज की खेती में कम लागत के साथ ही कम पानी में अच्छी पैदावार होती है. किसानों का कहना है कि इसमें लागत कम और मुनाफा ज्यादा होता है. साथ ही मजदूरों की भी ज्यादा जरूरत नहीं पड़ती है. कम पानी में अच्छी पैदावार हो जाती है. जिले के ग्राम रफीगंज के किसान ने बताया कि 5 एकड़ में वह प्याज की खेती नई तकनीक से कर रहे हैं. बीते 2 साल से इसका प्रयोग किया जा रहा है. जिसमें प्याज का अच्छा उत्पादन हो रहा है. इतना ही नहीं इन किसानों को ऐसा करते देखकर दूसरे किसानों ने भी नई तकनीक का प्रयोग करना शुरू कर दिया है.

कम पानी वाली जमीन में प्याज की खेती 

ग्राम रफीगंज के किसान राजेंद्र परमार ने बताया कि 5 एकड़ में वह प्याज खेती करते हैं. वे नई तकनीक से प्याज की खेती बीते 2 साल से कर रहे हैं. और इसके अच्छे परिणाम मिल रहे हैं. वे बताते हैं, “हमारे गांव में खेती के लिए पर्याप्त पानी नहीं है, कम पानी में भी नई तकनीक से प्याज की खेती में अच्छा उत्पादन होता है. आज के समय मजदूर नहीं मिलते है. नई तकनीक से प्याज की खेती में मजदूर की ज्यादा आवश्यकता नहीं पड़ती है. 

क्या है ये नई तकनीक?

नई तकनीक से प्याज की खेती के लिए खेत में बक्खर चला कर पलेवा करके 1 महीने की धूप के लिए छोड़ दिया जाता है. इसके बाद फिर बक्खर और रोटर वेटर चला कर ढाल बनाकर बीज डीएपी के साथ डाला जाता है. समय समय पर पानी का छिड़काव के साथ डीएपी का छिड़काव करना होता है. किसानों के मुताबिक इसमें करीब 1 एकड़ 170 से 180 क्विंटल प्याज की पैदावर होती है. 

बताया गया है कि इस साल 6 हजार हेक्टेयर में प्याज की खेती की गई है. वहीं जिले के कई किसानों ने नई तकनीक से प्याज की खेती की है. 

(नवेद जाफरी की रिपोर्ट)

 

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