भारत में त्योहार खुशियां लेकर आता है. त्योहारों के मौसम में लोग अपने घर-परिवार के लिए जमकर शॉपिंग करते हैं. लेकिन McAfee के ग्लोबल फेस्टिव शॉपिंग सर्वे 2024 के अनुसार त्योहारी सीजन साइबर अपराधियों के लिए टारगेट का नया जरिया बन रहा है.
McAfee के ग्लोबल फेस्टिव शॉपिंग सर्वे के अनुसार, दिवाली 2024 में ऑनलाइन घोटालों में सबसे ज्यादा वृद्धि देखने को मिली है. स्टडी में ये भी पता चला है कि कैसे स्कैमर फर्जी ऑफर और डीपफेक तकनीक के जरिए लोगों से छुट्टी वाले दिन ठगी करने में कामयाब हो रहे हैं. साइबर अपराधी ज्यादातर उन लोगों को अपना शिकार बनाते हैं जो बिना सोचे-समझे खरीदारी करते हैं. इसके लिए वो डिपफेक या फिशिंग का उपयोग करते हैं.
भारतीयों में बढ़ता ऑनलाइन शॉपिंग का क्रेज
त्योहारी सीजन में इस बार भारतीयों लोगों ने जमकर ऑनलाइन शॉपिंग की. 66% लोगों ने कहा कि उन्होंने पिछले साल की तुलना में इस साल अधिक शॉपिंग की प्लानिंग की है. ऑनलाइन शॉपिंग में मिलने वाली सुविधा और डिस्काउंट लोगों को काफी पसंद आता है. McAfee ने अपने रिसर्च में ये भी पाया कि ज्यादातर साइबर ठगी डीपफेक या फर्जी URL के जरिए हुई है. 800 से ज्यादा अनवांटेड ईमेल के एनालिसिस से पता चलता है कि ज्यादातर साइबर ठगी शुक्रवार और शनिवार को हुई. इससे पता चलता है कि जब वीकेंड पर लोग ज्यादा शॉपिंग करते हैं, तब साइबर अपराधी भी अलर्ट हो कर अपना काम करते हैं.
McAfee की टीम ने लोगों को 24,000 फर्जी URL से भी बचाया है. सबसे ज्यादा ये वेबसाइट दुर्गा अष्टमी और दिवाली जैसे त्योहारों पर ज्यादा एक्टिव थे. ये फर्जी वेबसाइट अक्सर अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे विश्वसनीय प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करती हैं, जो 99% तक की छूट का दावा करते हैं. लालच में फंसकर लोग अपनी मेहनत की कमाई गवां बैठते हैं.
AI का लाभ उठा रहे साइबर अपराधी
McAfee ने फेस्टिव शॉपिंग सर्वे में ऑनलाइन शॉपिंग की काफी चिंताजनक तस्वीर पेश की है. 74 फीसदी भारतीयों का मानना है कि त्योहारी सीजन के दौरान साइबर अपराधी ज्यादा एक्टिव होते हैं, जिससे इस दौरान काफी ज्यादा धोखाधड़ी बढ़ जाती है. खासकर AI टूल्स का उपयोग ऑनलाइन स्कैम्स के लिए किया जा रहा है. साइबर अपराधी घोटालों को और अधिक विश्वसनीय बनाने के लिए उन्नत टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हैं. साइबर अपराधी नकली AD और विश्वसनीय ब्रांड का क्लोन बनाने के लिए AI का उपयोग करते हैं. ऐसे में ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले को काफी सोच-समझकर शॉपिंग करनी चाहिए.
सोशल मीडिया का प्रभाव
McAfee के सर्वे में डीपफेक को लेकर भी लोगों ने चिंता जाहिर की है. 39% ठगी ईमेल के जरिए होती है, इसके बाद 31% मैसेज के जरिए और 30% सोशल मीडिया के जरिए होती है. फ्रॉड अलग-अलग तरह के होते हैं, लेकिन सब में एक बात कॉमन ये है कि उसका डिजाइन लोगों को जल्दबाजी या घबराहट में ऑर्डर करने के लिए दबाव बनाते हैं. 30% को उस खरीदारी के बारे में मैसेज मिले जो उन्होंने कभी की ही नहीं थी, 37% को नकली मिस्ड डिलीवरी या डिलीवरी समस्या अलर्ट मिला, 24% को जाने-माने लोगों से सुरक्षा चेतावनियों के साथ टारगेट किया गया. ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और 43% को अपने क्रेडिट कार्ड या बैंक से रिलेटेड फेक मैसेज भेजे गए.
McAfee की सुरक्षा सिफारिशें
McAfee ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है. साथ ही शॉपिंग करने वाले को अनचाहे ईमेल में दिए लिंक पर क्लिक करने से बचना चाहिए और इसके बजाय सीधे कंपनी की वेबसाइट पर जाना चाहिए. फिशिंग और अनचाहे लिंक से बचने के लिए AI टूल का इस्तेमाल कर सकते हैं. डीपफेक से बचने के लिए सतर्क रहे. ज्यादा डिस्काउंट के चक्कर में न पड़ें.