टेक्नोलॉजी के आ जाने से कहीं न कहीं जिंदगी आसान बन गई है. लेकिन इसके साथ ही कई सारी चुनौतियां भी आई हैं. आए दिन लोग कई तरह के स्कैम्स (Scams) और फ्रॉड (Fraud) का शिकार हो रहे हैं. अब हाल ही में स्काइप से जुड़ा स्कैम (Skype scams) सामने आया है.
दरअसल, मुंबई निवासी किंजल शाह को स्काइप पर एक ऑटोमेटेड कॉल मिली जिसमें उनके फोन नंबर को कुछ घंटों के भीतर डीएक्टिवेट करने की धमकी दी गई. इसके बाद कॉल में उन्हें कस्टमर केयर सर्विस अधिकारी से बात करने के लिए '9' दबाकर, शिकायत दर्ज करने के लिए कहा गया. इसके लिए किंजल को कुछ स्टेप्स फॉलो करने के लिए कहा गया.
वीडियो के माध्यम से फ्रॉड
इस घटना में किंजल को वीडियो कॉल पर आने के लिए कहा गया. जब उसने शिकायत का कारण पूछा, तो उसे बताया गया कि कोई उसके अल्टरनेट नंबर से लोगों को अवैध मैसेज भेज रहा है. ये वो नंबर था जो उसने कभी इस्तेमाल ही नहीं किया था. हालांकि, इस पूरे वाकया के दौरान किंजल को समझ आया कि यह एक तरह का फ्रॉड है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस घटना में किंजल को जिसने पुलिस ऑफिसर के रूप में फोन किया था, वह फ्रॉड था.
कैसे होते हैं ये फ्रॉड?
हालांकि, अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसे कॉल्स में कैसे पता कर सकते हैं कि ये एक तरह का फ्रॉड है. इस तरह के स्कैम में लंबे समय तक और जबरदस्ती की बातचीत की जाती है. साथ ही इसमें पूछताछ में महिला अधिकारियों को शामिल करने से इनकार किया जाता है. इतना ही नहीं कॉल करने वाला अक्सर आपसे संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी के लिए अनुरोध करता है.
कैसे बचें ऐसी स्थिति से?
1. दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) की धारा 41ए के तहत, व्यक्ति उपस्थित होने के लिए मजबूर होने से पहले कानून प्रवर्तन (law enforcement) से नोटिस की मान कर सकता है. अगर इस तरह के मामले में कोई पहले से सूचना आपको नहीं मिली है तो आप बात करने से इंकार कर सकते हैं. यह आपका अधिकार है.
2. कानून प्रवर्तन एजेंसियां आमतौर पर पूछताछ के लिए वीडियो कॉल नहीं करती हैं. ऐसी कॉल अगर आपको आए तो अपने विवेक की सलाह लें. साथ ही अगर अनचाहे या अपरिचित सोर्स से आपको कॉल आई है तो चौकन्ने हो जाएं.
3. महिलाओं को, विशेष रूप से, वीडियो कॉल के माध्यम से किसी भी पूछताछ के दौरान एक महिला अधिकारी की उपस्थिति पर जोर देना चाहिए. महिला अधिकारी की अनुपस्थिति में कॉल काट देना एक समझदारी भरा कदम है.
4. स्काइप कॉल या नॉर्मल कॉल में भी किसी आधार (Aadhaar) और पैन कार्ड डिटेल (PAN Card Details) जैसी संवेदनशील जानकारी का खुलासा करने से बचें.
5. किसी घोटाले की स्थिति में सबूत सुरक्षित रखने के लिए स्क्रीनशॉट कैप्चर करें या स्क्रीन इंटरेक्शन रिकॉर्ड करें. इस तरह का रिकॉर्ड शिकायत दर्ज करने के दौरान आपके लिए केस को और भी सुविधाजनक बना सकता है. इससे बाद की जांच में सहायता मिल सकती है.
6. अगर कोई स्थिति संदिग्ध लगती है, तो सावधानी बरतनी चाहिए और विश्वसनीय स्रोतों से सहायता लेनी चाहिए.
जैसे-जैसे तकनीक आगे बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे धोखेबाजों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले फ्रॉड के तरीके भी बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे घोटालों से होने वाले जोखिमों को कम करने के लिए सतर्कता, वॉर्निंग साइन के बारे में जागरूकता और एहतियाती उपायों का पालन जरूरी है. सतर्क और सूचित रहकर, व्यक्ति साइबर खतरों से बेहतर ढंग से अपनी रक्षा कर सकते हैं और डिजिटल धोखाधड़ी से बच सकते हैं.