सड़क हादसों पर रोक लगाएगी ये डिवाइस, जानें कैसे करेगा काम

गलत ड्राइविंग की वजह से हो रहे सड़क हादसों पर रोक लगाने के लिए डिवाइस की मदद ली जा रही है. यह डिवाइस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के तहत काम करता है.

सांकेतिक तस्वीर
वरुण सिन्हा
  • नई दिल्ली,
  • 13 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 6:05 PM IST
  • बसों में डिवाइस लगाकर किया जा रहा मॉनिटर
  • अलार्म के जरिए ड्राइवर को मिलेगा अलर्ट

सोचिए देशभर में रोजाना हो रहे हजारों सड़क हादसों पर अगर रोक लग जाए तो इससे कितने लोगों की जान बच सकती है. इसी सड़क हादसों को रोकने के लिए सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (CRRI) ने नागपुर में पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की है. आपको बता दें कि देशभर में हर साल करीबन साढ़े चार लाख सड़क हादसे होते हैं, जिसमें लगभग डेढ़ लाख लोगों की मौत हो जाती है.


दुर्घटना होने से पहले ड्राइवर को करेगा अलर्ट

सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (CRRI) की पायलट प्रोजेक्ट के तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से सड़क दुर्घटनाओं को कम करने का प्लान है. इसके लिए वाहन की विंडशील्ड पर कैमरा और स्क्रीन लगाया जाएगा. सेंसर के जरिए यह आसपास की जा रही गलत ड्राइविंग की जानकारी स्क्रीन पर देगा और ड्राइवर को अलर्ट करेगा. इसको ऐसे समझिए कि जिस भी वाहन में यह डिवाइस होगा, उस वाहन के करीब जैसे ही कोई दूसरा वाहन आएगा और इस डिवाइस को लगेगा की हादसा हो सकता है तो ये तुरंत अलर्ट जारी करेगा. इस डिवाइस के माध्यम से ग्रे स्पॉट भी तैयार किया जा रहा है. जिन जगहों पर सड़क हादसें ज्यादा होते हैं उसे ग्रे स्पॉट की लिस्ट में शामिल किया जाता है.


350 ड्राइवरों को दी गई है ट्रेनिंग

सीआरआरआई (CRRI) की वैज्ञानिक मुक्ति आडवाणी के अनुसार ये नई तरह की सुरक्षा प्रणाली है. आपातकालीन स्थिति में अलार्म और रेड लाइट के जरिए ड्राइवर को सचेत करेगी. उन्होंने कहा कि अभी हम लोगों ने करीब 350 ड्राइवर को ट्रेनिंग दी है. भविष्य में चाहते हैं कि ये डिवाइस ही वाहनों में लगे.

डिवाइस लगाकर किया जा रहा मॉनिटर

पायलट प्रोजेक्ट के तहत अभी नागपुर में डेढ़ सौ बसों में यह डिवाइस लगाया गया और मॉनिटर किया जा रहा है कि आखिर किस तरह से ये सिस्टम सड़क हादसों को रोकने में मददगार हो रही है. उसके बाद देश के दूसरे राज्यों के पब्लिक ट्रांसपोर्ट में भी इसे लगाया जाएगा.

 

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