अब चलती ट्रेन में कार्ड से भुगतान कर भी बनवा सकेंगे टिकट! 4जी तकनीक से जोड़ी जा रही हैं पीओएस मशीनें  

ट्रेन में किराया या जुर्माने का भुगतान आसानी से किया जा सकेगा. इसके लिए पॉइंट ऑफ सेलिंग यानी पीओएस मशीनों को 4जी से जोड़ा जा रहा है. बता दें, अभी तक इसमें 2जी सिम लगे थे.

Indian Railways
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 23 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 9:48 AM IST
  • ट्रेन में टीटी को दी गईं हैं पॉइंट ऑफ सेल मशीन 
  • नहीं आएगी नेटवर्क की समस्या 

हम अक्सर लेट होने की वजह से ट्रेन का टिकेट नहीं ले पाते हैं और फिर टीटी हमारे ऊपर भारी जुर्माना थोप देता है. और हम उसे रास्ते में पे नहीं कर पाते हैं क्योंकि हमारे पास उसकी सुविधा नहीं होती है. लेकिन अब मुसाफिर ट्रेन में भी किराया या जुर्माना का भुगतान डेबिट या कार्ड से कर सकेंगे. रेलवे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को निर्बाध गति से चलाने के लिए इन्हें 4G से जोड़ रहा है. अभी इन उपकरणों में 2G सिम होने की वजह से दिक्कतें आ रही हैं.

नहीं आएगी नेटवर्क की समस्या 

रेलवे बोर्ड के मुताबिक रेलवे अधिकारियों के पास पॉइंट ऑफ सेलिंग यानी पीओएस मशीनों में 2G सिम लगे हैं. इस वजह से दूरदराज के क्षेत्र में नेटवर्क की समस्या आती है. अब रेलवे ने अपने स्टाफ को हैंड हेड टर्मिनल जैसे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में 4G सिम लगाने की कवायद शुरू कर दी है. ऐसा होने के बाद रेलयात्री जुर्माना या किराए का नकद भुगतान करने की बजाय ऑनलाइन भुगतान कर सकेंगे. 

अधिकारियों के मुताबिक वहीं मैनुअल के बजाय हैंड मशीन के जरिए आरक्षण की स्थिति, शुल्क आदि भी देख सकेंगे. 

ट्रेन में टीटी को दी गईं हैं पॉइंट ऑफ सेल मशीन 

रेलवे बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक, देशभर में 36 हजार से अधिक ट्रेन में टीटी को पॉइंट ऑफ सेल मशीनें दी जा चुकी हैं. इसका मकसद टिकट यात्रा करने वालों या स्लीपर का टिकट लेकर एसी में सफर करने वालों को अतिरिक्त भुगतान लेकर हाथों हाथ टिकट बना कर देना है. टीटी इन मशीनों के जरिए टिकट बनाकर या स्लीपर और एसी के किराए के बीच का अंतर निकालकर एक्सेस शेयर के टिकट बनाता है.

मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में है ये सुविधा 

बताते चलें कि राजधानी शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों में टीटी कंडक्टर्स को हैंडहेल्ड डिवाइस पहले ही दिए जा चुके हैं. इसी महीने से मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के टीटी को भी यह मशीनें मुहैया कराई जा रही हैं. इसके लिए उन्हें स्पेशल वर्कशॉप के जरिए प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. रेलवे का कहना है कि अगले कुछ महीनों में इन मशीनों में 4G नेटवर्क के सिम लगाने से इन्हें चलाने में किसी भी तरह की दिक्कत नहीं आएगी. 


 
 

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