इंस्टेंट मैसेजिंग सर्विस टेलीग्राम के फाउंडर पावेल ड्यूरोव ने लोगों को व्हाट्सएप को लेकर आगाह किया है. गुरुवार को पावेल ड्यूरोव ने अपने टेलीग्राम चैनल के माध्याम से कहा कि व्हाट्सएप 13 साल से सर्विलांस कर रहा है. यह इसके माध्यम से लोगों की निगरानी कर रहा है और लोगों को इस मैसेजिंग एप से दूर रहना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि हर साल व्हाट्सएप के साथ कोई न कोई समस्या आती है जो उसके यूजर्स के डेटा को खतरे में डाल देती है.
टेलीग्राम पर दिया अपना मैसेज
टेलीग्राम के फाउंडर पावेल ड्यूरोव ने अपने टेलिग्राम चैनल पर कहा, "मैं यहां लोगों को टेलीग्राम पर स्विच करने के लिए प्रेरित नहीं कर रहा हूं. 700M+ एक्टिव यूजर्स और 2M+ डेली साइनअप के साथ, Telegram को अलग से प्रोमोशन की जरूरत नहीं है. आप अपनी पसंद के किसी भी मैसेजिंग ऐप का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन व्हाट्सएप से दूर रहें. यह 13 साल से सर्विलांस का एक टूल है."
“व्हाट्सएप सुरक्षित नहीं”
ड्यूरोव ने आगे कहा कि हैकर्स के पास व्हाट्सएप यूजर्स के फोन पर मौजूद हर चीज पहुंच सकती है. जिसका कारण सिक्योरिटी इश्यू है, इसके बारे में प्लेटफॉर्म ने पिछले हफ्ते खुलासा किया था. एक हैकर को किसी के फोन में मौजूद डेटा तक पहुंचने के लिए केवल एक वीडियो भेजने या वीडियो कॉल शुरू करने देरी होती है.
ड्यूरोव ने कहा कि अगर कोई सोचता है कि व्हाट्सएप को लेटेस्ट वर्जन में अपडेट करने से उनका डेटा सुरक्षित हो जाएगा, तो वास्तव में ऐसा नहीं है. 2017 और 2018 में और फिर 2019 में और फिर 2020 में इसी तरह की समस्या के बारे में पता चला था. 2016 से पहले, व्हाट्सएप में एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन भी नहीं था.
मैंने पहले ही फोन से डिलीट कर दिया ये ऐप
ड्यूरोव न आगे कहा, “हर साल, व्हाट्सएप पर कोई न कोई मुद्दा आ जाता है जिससे यूजर की सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है. इसका मतलब है कि यह लगभग तय है कि वहां एक नया सिक्योरिटी डिफेक्ट पहले से मौजूद है. इसीलिए मैंने सालों पहले अपने डिवाइस से व्हाट्सएप को डिलीट कर दिया था.”
बताते चलें कि सितंबर में व्हाट्सएप ने सिक्योरिटी एडवाइजरी जारी की थी. ये चेतावनी तभी दी है. इसमें एक लूपहोल को फिक्स किया गया था, जो एक हैकर को वीडियो कॉल के दौरान किसी के डिवाइस पर मैलवेयर लगाने की अनुमति दे सकता था. इस सिक्योरिटी इश्यू को 'गंभीर' रेटिंग दी गई है.