Wi-Fi Security Exploit: कहीं आप भी तो नहीं कर रहे अपने घर में इस Wi-Fi राउटर का इस्तेमाल, हो सकता है आसानी से हैक  

WiFi Hacking: हैकर्स वाईफाई की मदद से आपके iOS, एंड्राइड या लाइनेक्स डिवाइस तक पहुंच सकते हैं. जो लोग पब्लिक वाईफाई का इस्तेमाल करते हैं या जो लोग WPA2 या WPA3 राउटर का उपयोग कर रहे हैं उन सभी के लिए ये चेतावनी की तरह है. 

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gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 03 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 10:40 PM IST
  • पब्लिक हॉटस्पॉट पर किया जा सकता है अटैक 
  • ये झोल IEEE 802.11 वाई-फाई के मौलिक डिजाइन के साथ है

हर कोई खुद की प्राइवेसी को लेकर काफी सजग रहता है. हालांकि, कई ऐसे लूपहोल हैं जिनकी वजह से हैकर्स आपकी प्राइवेसी को प्रभावित कर सकते हैं. अब ऐसे ही रिसर्चर्स ने एक नया तरीका पता किया है जिससे हैकर्स वाईफाई की मदद से आपके iOS, एंड्राइड या लाइनेक्स डिवाइस तक पहुंच सकते हैं. ये लूपहोल नेटवर्क ट्रैफिक को हाईजैक करने की अनुमति देता है. जो लोग पब्लिक वाईफाई का इस्तेमाल करते हैं या जो लोग WPA2 या WPA3 राउटर का उपयोग कर रहे हैं उनके लिए ये चेतावनी की तरह है. 

किस वाई-फाई के मौलिक डिजाइन के साथ है झोल?

दरअसल, ये झोल IEEE 802.11 वाई-फाई के मौलिक डिजाइन के साथ है. इसे दुनिया के ज्यादातर वाई-फाई नेटवर्क ने अपना रखा है. दरअसल, इसमें बेस स्टेशन के पावर-सेविंग फीचर का उपयोग किया जाता है, और फिर इससे हॉटस्पॉट जैसे नेटवर्क प्रभावित होते हैं. इससे वाई-फाई एन्क्रिप्शन को बायपास करने और नेटवर्क ट्रैफ़िक में रुकावट पैदा करने की अनुमति मिल जाती है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस हमले को सफलतापूर्वक करने के लिए, हैकर्स यूजर डिवाइस को जबरन डिस्कनेक्ट करना पड़ता है. लेकिन ये यूजर के नेटवर्क से कनेक्ट करने से पहले होना चाहिए.

हालांकि, ये प्रोसेस इतना ही नहीं है बल्कि और लम्बा है. हैकर्स को टारगेट डिवाइस के मैक एड्रेस को खराब करने और अपने क्रेडेंशियल्स का उपयोग करके नेटवर्क से कनेक्ट करने की जरूरत होती है. एक बार हो जाने के बाद, मेलफैक्टर के पास प्लेनटेक्स्ट या अनएन्क्रिप्टेड फॉर्म में नेटवर्क डेटा तक पहुंच हो जाती है. 

पब्लिक हॉटस्पॉट पर किया जा सकता है अटैक 

इसका सबसे ज्यादा खतरा पब्लिक हॉटस्पॉट में है. पब्लिक हॉटस्पॉट को अक्सर पासपॉइंट से सुरक्षित किया जाता है, लेकिन इस मेथड का इस्तेमाल करके आसानी से हमला किया जा सकता है. इससे हैकर्स आपके फोन के सिम कार्ड का उपयोग करके आपका डेटा चुरा सकते हैं. बता दें, जो लोग होम नेटवर्क पर WPA2 या WPA3 राउटर का उपयोग करते हैं और उन्होंने 'क्लाइंट आइसोलेशन' फीचर ऑन किया हुआ है, उन्हें सबसे ज्यादा खतरा है. 

कैसे करें खुद का बचाव? 

अगर आप यह जानना चाहते हैं कि यह आपके वाईफाई राउटर को प्रभावित करेगा या नहीं तो आप MacStealer नामक एक ओपन सोर्स डाउनलोड कर सकते हैं. यह यूजर्स को यह बताता है कि उनका नेटवर्क हमले के लिए अतिसंवेदनशील है या नहीं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन लोगों के घर में वाई-फाई नेटवर्क है, वे मैक एड्रेस रेंडमाइजेशन फीचर का उपयोग कर सकते हैं, जो पहले से ही अधिकांश उपकरणों पर उपलब्ध है. 

मैक एड्रेस रेंडमाइजेशन को इनेबल करने से नेटवर्क पर मूल मैक एड्रेस को मास्क करने में मदद मिलती है, जिससे हमलावर के लिए हमले को सफलतापूर्वक अंजाम देना थोड़ा मुश्किल हो जाता है. हालांकि यह एक ठोस समाधान नहीं है. मैक एड्रेस रेंडमाइजेशन को इनेबल करने के लिए, अपनी राउटर सेटिंग्स पर जाएं और वहां से इसे इनेबल कर दें. ध्यान रखें कि ये सुविधा आपके वाई-फाई राउटर के मॉडल और मेन्यूफेक्चरर पर निर्भर करती है. 


 

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